Hindi Newsदेश न्यूज़Conspiracy to trap the judge Lawyer call exposed the truth High Court ordered investigation

जज को फंसाने की साजिश? वकील की कॉल से खुली पोल, हाई कोर्ट ने दिए जांच के हुक्म

मामला तब शुरू हुआ जब जस्टिस जमदार और उनकी पत्नी ने मुंबई के सिवड़ी इलाके में स्थित अपना फ्लैट ऑनलाइन बेचने के लिए लिस्ट किया। वकील पार्थो सरकार ने खरीदार बनकर संपर्क किया। लेकिन जब उन्होंने कैश में पेमेंट करने की कोशिश की।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानFri, 2 May 2025 09:18 PM
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जज को फंसाने की साजिश? वकील की कॉल से खुली पोल, हाई कोर्ट ने दिए जांच के हुक्म

मुंबई के बॉम्बे हाई कोर्ट में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें कोर्ट ने संदेह जताया है कि कुछ वकील मिलकर न्यायपालिका को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस को आदेश दिया है कि वो इस बात की जांच करे कि कैसे एक प्रैक्टिसिंग वकील पार्थो सरकार ने जस्टिस माधव जमदार और उनकी पत्नी को फ्लैट खरीदने के बहाने कॉल की और बातचीत के दौरान संदिग्ध व्यवहार किया।

मामला तब शुरू हुआ जब जस्टिस जमदार और उनकी पत्नी ने मुंबई के सिवड़ी इलाके में स्थित अपना फ्लैट ऑनलाइन बेचने के लिए लिस्ट किया। वकील पार्थो सरकार ने खरीदार बनकर संपर्क किया। लेकिन जब उन्होंने कैश में पेमेंट करने की कोशिश की, तो जस्टिस जमदार ने सख्ती से मना कर दिया और चेक से पेमेंट की शर्त रखी।

जस्टिस जमदार के मुताबिक, जब उन्होंने कैश से मना किया तो पार्थो सरकार हंसने लगे, जो उन्हें अस्वाभाविक लगा। संदेह होने पर जब उन्होंने वॉट्सएप डीपी चेक किया तो पता चला कि बात करने वाला व्यक्ति कोई आम खरीदार नहीं, बल्कि एक वकील है। जस्टिस जमदार ने कोर्ट में कहा, "यह बहुत साफ है कि जज को फंसाने की कोशिश की गई है।" हैरानी की बात ये भी रही कि पार्थो सरकार ने कभी नहीं बताया कि वो एक वकील हैं, जबकि उन्हें पता था कि वो एक हाई कोर्ट जज से बात कर रहे हैं।

इस बीच कोर्ट को ये भी जानकारी मिली कि पार्थो सरकार ने ये कॉल उस वक्त की जब जस्टिस जमदार ने वकीलों- विजय कुरले और मैथ्यू नेडुमपारा के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की थी और उनकी अदालत में अनुशासनहीनता के चलते कार्यवाही शुरू हुई थी। बॉम्बे हाई कोर्ट को ये संदेह है कि नेडुमपारा, कुरले और सरकार आपस में जुड़े हुए हैं और मिलकर कोर्ट की छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं।

गौरतलब है कि नेडुमपारा ने हाल ही में अदालत में ये तक कह दिया था कि उन्हें बैठने के लिए कहना बेइज्जती है और वो कोर्ट के नौकर नहीं हैं। कोर्ट ने इस व्यवहार को न्यायालय की अवमानना माना। अब इस पूरे मामले की जांच मालाबार हिल पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे और रिपोर्ट हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सौंपेंगे। साथ ही, जस्टिस जमदार ने घोषणा की है कि वे अब उन किसी भी मामलों की सुनवाई नहीं करेंगे जिनमें नेडुमपारा पेश होंगे।

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