पहलगाम के आतंकियों का क्या हुआ, हाफिज और मसूद कैसे बचे; कांग्रेस के सवाल
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा है कि वह फिल्मों की तरह सिर्फ डायलॉग मार रहे हैं। पवन खेड़ा ने कहा कि अब तक कई गंभीर सवालों के जवाब नहीं मिले हैं।

Congress attacks PM Modi: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले सहित देश में हाल के कुछ सालों में हुए बड़े आतंकवादी हमलों में शामिल आतंकियों को ना पकड़ पाने के लिए सरकार पर हमला बोला है। पवन खेड़ा ने कहा है कि देश को अब तक कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब नहीं मिले हैं, जिनमें से एक यह है कि पाकिस्तान के साथ किन शर्तों पर सीजफायर के लिए समझौता हुआ। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए यह भी कहा है कि वह फिल्मी डायलॉगबाजी कर रहे हैं।
पवन खेड़ा ने मंगलवार को दिल्ली एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "ये कोई मजाकिया विषय नहीं है। जिस तरह से वह कभी प्रेम चोपड़ा की तरह, कभी परेश रावल की तरह, डायलॉग मार रहे हैं। कभी सिंदूर को लेकर, कभी रगों में बहने वाले खून को लेकर, खोली खाओ, रोटी खाओ, ये प्रधानमंत्री हैं? क्या ये प्रधानमंत्री हैं अपने देश के?”
कैसे बच निकले हाफिज सईद और मसूद अजहर…
पवन खेड़ा ने आगे यह भी कहा कि हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकी कैसे बच निकले। उन्होंने कहा, “आज तक हमें इस बात का जवाब नहीं मिला है कि 2023 में पुंछ में जो आतंकियों ने किया, 2 अक्टूबर 2024 को गांदरबल में जो किया, अप्रैल 2025 में पहलगाम में जो आतंकवादियों ने किया , उनका क्या हुआ और वे कहां हैं?"
पवन खेड़ा ने आगे कहा, “आज तक जवाब नहीं मिला कि सीजफायर किन शर्तों पर हुआ? आज तक जवाब नहीं मिला कि हाफिज सईद और मसूद अजहर बच कर कैसे निकल गए? सीजफायर की शर्तों में इन्हें वापस लाना है या नहीं? कोई जवाब नहीं है।” उन्होंने कहा है कि इस तरह के सवालों के जवाब देने के बजाय प्रधामनंत्री डायलॉग दे रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा है कि गंभीर विषयों पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए।”
संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग
बता दें कि कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक की भी मांग की है। हालांकि सरकार की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।