आर्टिकल 370 पर सुनवाई के दौरान याद आ गए थे बाबासाहेब आंबेडकर: CJI बीआर गवई
CJI बीआर गवई ने कहा कि आर्टिकल 370 बाबासाहेब की विचारधारा के खिलाफ था। उनका कहना था कि देश को एकजुट रखने के लिए पूरे देश में एक ही संविधान लागू करने की जरूरत है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई ने शनिवार को कहा कि बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर कभी नहीं चाहते थे कि इस देश में किसी राज्य का अलग संविधान हो। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिल 370 को हटाने के केंद्र के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि डॉ. आंबेडकर भी पूरे देश के लिए एक संविधान चाहते थे। उन्होंने यह भी कहा कि आर्टिकल 370 पर सुनवाई के दौरान उन्हें डॉ. आंबेडकर के शब्द याद आ गए थे। सीजेआई गवई नागपुर में संविधान प्रस्तावना पार्क के उद्घाटन के मौके पर संबोधित कर रहे थे।
जस्टिस गवई उस पांच जजों वाली बेंच का भी हिस्सा थे जिसने आर्टिकल 370 को हटाने के केंद्र के सरकार को सही ठहराया था। बेंच की अध्यक्षता तत्कालीन सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे थे। सीजेआई गवई ने कहा, जब आर्टिकल 370 को चुनौती दी गई और मामला हमारे सामने आया। सुनवाई के वक्त मुझे बाबासाहेब आंबेडकर के शब्द याद आए। उन्होंने कहा था कि पूरे देश के लिए एक ही संविधान होना चाहिए। अगर हम देश को संगठित रखना चाहते हैं तो बस एक ही संविधान होना चाहिए।
सीजेआई ने कहा कि डॉ. आंबेडकर की आलोचना भी होती थी कि उन्होंने संविधान में इतना फेडरलिजम डाल दिया है कि युद्ध के समय देश एकजुट नहीं रह पाएगा। हालांकि बाबासाहेब ने कहा था कि संविधान हर चुनौती से निपटने और देश को एकजुट बनाने में प्रभावी होगा। उन्होंने कहा, अब आप देख लीजिए पड़ोसी देशा का क्या हाल है। पाकिस्तान हो, बांग्लादेश या फिर श्रीलंका। हमारे देश के सामने जब भी कोई चुनौती आती है तो हम एकजुट हो जाते हैं।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, हमें खुशी है कि इस संविधान प्रस्तावना पार्क का उद्घाटन सीजेआई गवई ने किया है। पार्क में डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया गया है। वह समानता, स्वतंत्रता और भाई चारे के वाहक थे। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अगर हम संविधान की प्रस्तावना को समझ लेते हैं तो देश की 90 फीसदी समस्याएं हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगी।