अदालत का समय बर्बाद किया, महाराष्ट्र चुनाव से जुड़ी याचिका HC में खारिज, बहुत भड़के जज
VBS के विक्रोली कार्यकर्ता चेतन अहिरे ने इस संबंध में उच्च न्यायलय में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई आज हुई थी। अहिरे की ओर से अधिवक्ता प्रकाश आंबेडकर ने अपनी दलीलें दीं और वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता और अधिवक्ता आंबेडकर ने दलीलें देते हुए पूरी चुनाव प्रक्रिया पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की थी।

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बुधवार को 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हुए फर्जी मतदान की याचिका को खारिज किया, जिसमें शाम छह बजे मतदान का समय समाप्त होने के बाद बढ़े हुए मतदान के आंकड़ों को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी। न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने आज अपना फैसला सुनाया, इससे पहले इस फैसले को सोमवार को सुरक्षित रख लिया गया था।
उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इस सुनवाई में पूरे दिन दलीलें सुनने से अदालत का कीमती समय बर्बाद हुआ। उल्लेखनीय है कि वंचित बहुजन आघाड़ी के विक्रोली कार्यकर्ता चेतन अहिरे ने इस संबंध में उच्च न्यायलय में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई आज हुई थी।
अहिरे की ओर से अधिवक्ता प्रकाश आंबेडकर ने अपनी दलीलें दीं और वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता और अधिवक्ता आंबेडकर ने दलीलें देते हुए पूरी चुनाव प्रक्रिया पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की थी। उन्होंने अदालत के समक्ष आरोप लगाया था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) मशीनों के आने के बाद से हमारी चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी हुई है।
इस बीच, निर्वाचन आयोग और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने याचिका का विरोध किया और उसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा किया था।
मतदान अवधि समाप्त होने के बाद मतदान का मुद्दा उठाते हुए अधिवक्ता अंबेडकर ने आरोप लगाते हुए कहा था कि 76 लाख वोटों का अचानक बढ़ना एक गलती नहीं हो सकती बल्कि यह न केवल चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को बल्कि देश के लोकतंत्र पर भी सीधे तौर पर गंभीर सवाल उठाता है। उल्लेखनीय है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में 288 सीटों के लिए मतदान हुआ था जिसमें फर्जी वोटिंग के आरोप लगे थे।