खामेनेई का जलवा कायम है! सैन्य अफसरों की अंतिम विदाई में तस्वीरें लेकर उमड़े लाखों लोग
Israel-Iran War: जनाजे के दौरान भीड़ ने ईरान के शत्रुओं के खिलाफ नाराजगी जताई। लोग ईरानी ध्वज लहराते हुए और नारे लगाते हुए आगे बढ़ते रहे। इस दौरान अमेरिका-इजरायल मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।

ईरान ने हाल के दिनों में अपने ऊपर दोतरफा हमला झेला है। एक तरफ इजरायल के साथ जारी युद्ध के दौरान काफी नुकसान हुआ। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका ने भी उसके परमाणु ठिकारों पर बम बरसाए। इस सबके बावजूद ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई की लोकप्रियता कम नहीं हुई है। इसकी एक झलक राजधानी तेहरान में शनिवार को रिवोल्यूशनरी गार्ड्स प्रमुख जनरल हुसैन सलामी, मिसाइल कार्यक्रम के प्रमुख जनरल आमिर अली हाजीजादेह, कई अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों के जनाजे को दौरान भी देखने को मिली।
इस जनाजे में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। ये सभी 13 जून को इजरायल के साथ शुरू हुए युद्ध के दौरान मारे गए थे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 10 लाख से अधिक शोकाकुल नागरिकों ने राजधानी की अजादी स्ट्रीट पर जुटकर इन राष्ट्रनायकों को विदाई दी। इस दौरान लोग खामेनेई की तस्वीर हाथों में ले रखे थे और एकजुटता का प्रदर्शन कर रहे थे।
इजरायल ने 13 जून को युद्ध की शुरुआत में ईरान के शीर्ष सैन्य और परमाणु नेतृत्व को निशाना बनाकर हवाई हमले किए, जिसमें जनरल सलामी और हाजीजादेह की मौत हो गई। इजरायल ने दावा किया कि उसने इस ऑपरेशन के जरिए ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने की कोशिश की।
अमेरिका-इजरायल मुर्दाबाद
जनाजे के दौरान भीड़ ने ईरान के शत्रुओं के खिलाफ नाराजगी जताई। लोग ईरानी ध्वज लहराते हुए और नारे लगाते हुए आगे बढ़ते रहे। इस दौरान अमेरिका-इजरायल मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। सरकारी कार्यालयों को बंद कर कर्मचारियों को अंतिम संस्कार में भाग लेने की अनुमति दी गई।
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई की सार्वजनिक मौजूदगी नजर नहीं आई, हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने बंद कमरे में विशेष नवाज पढ़ी होगी। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराकची, कुद्स फोर्स प्रमुख जनरल इस्माइल कानी और वरिष्ठ सलाहकार जनरल अली शामखानी जैसे कई शीर्ष अधिकारी अंतिम संस्कार में शामिल हुए। शामखानी पहले हमले में घायल हुए थे, लाठी के सहारे सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए।
इजरायल ने दावा किया कि युद्ध में 30 ईरानी सैन्य कमांडर और 11 परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। 8 परमाणु स्थलों और 720 सैन्य ढांचों पर हमला किया गया। 1,000 से अधिक लोग मारे गए। वहीं, ईरान ने 550 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल पर दागीं, जिनमें से अधिकांश को इंटरसेप्ट कर लिया गया, लेकिन कुछ मिसाइलों ने इजरायल में जानमाल का नुकसान किया और 28 लोगों की मौत हुई।
60 शहीदों के लिए सार्वजनिक अंतिम संस्कार
राज्य टेलीविजन के अनुसार, यह अंतिम संस्कार 60 लोगों के लिए था, जिनमें चार महिलाएं और चार बच्चे शामिल थे। कई शहीदों को उनके पैतृक स्थानों में दफनाया जाएगा, जबकि सेना प्रमुख जनरल मोहम्मद बाघेरी को Behesht-e-Zahra कब्रिस्तान में उनके शहीद भाई के पास दफनाया जाएगा।
युद्धविराम लागू हो चुका है, लेकिन अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर वार्ता पर अनिश्चितता बनी हुई है। ईरान की संसद ने IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) से सहयोग स्थगित करने के पक्ष में मतदान किया है। ईरानी विदेश मंत्री अराकची ने शनिवार को संकेत दिया कि ईरान वार्ता को लेकर खुला रवैया रख सकता है, लेकिन उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तीखी आलोचना की जिन्होंने खामेनेई की चेतावनी को खारिज करते हुए कहा था कि ईरान की बुरी तरह हार हुई है।
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