सिलोम-लोकेंद्र या बल्लू; कौन ले गया सोनम रघुवंशी का सोना और कैश, गन भी है गायब
राजा रघुवंशी हत्याकांड में शिलॉन्ग पुलिस की जांच लगभग अंतिम दौर में है। अब तक तीन हत्यारे, दो षड्यंत्रकारी और साक्ष्य मिटाने वाले तीन आरोपियों को पकड़ा जा चुका है। लेकिन सोनम का कैश, सोना और राज की पिस्टल अब भी गायब है।

राजा रघुवंशी हत्याकांड में शिलॉन्ग पुलिस की जांच लगभग अंतिम दौर में है। अब तक तीन हत्यारे, दो षड्यंत्रकारी और साक्ष्य मिटाने वाले तीन आरोपियों को पकड़ा जा चुका है। हत्या में प्रयुक्त डॉव (धारदार हथियार), हत्या के दौरान पहने आरोपियों के कपड़े सहित अन्य महत्वपूर्णं साक्ष्य शिलॉन्ग पुलिस ने जुटा लिए हैं, जिससे आरोपियों को सजा कराई जा सके। लेकिन पुलिस पिस्तौल, पांच लाख रुपए, लैपटॉप और राजा की सोने की चेन और अंगूठी का पता नहीं लगा पाई है। इसके चलते पुलिस ने देवास नाका के फ्लैट मालिक बिल्डर लोकेंद्र सिंह तोमर को तीन दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर लिया है। इस पर पिस्टल, रुपए और जेवर गायब करने का आरोप है।
23 मई को शिलांग में हुए ट्रांसपोर्टर राजा रघुवंशी हत्याकांड में सोमवार को केके प्लाजा, गांधी नगर (ग्वालियर) से लोकेंद्र सिंह तोमर की गिरफ्तारी इंदौर क्राइम ब्रांच और शिलॉन्ग पुलिस से मिले इनपुट के बाद स्थानीय पुलिस ने की थी। लोकेंद्र सिंह तोमर पर हीराबाग, देवास नाका की उस मल्टी का मालिक है, जिसमें सोनम ने 31 मई से 8 जून तक फरारी काटी थी। जाते समय वह अपना एक काला बैग फ्लैट में छिपाकर गई थी। इस बैग को सोनम के प्रेमी राज कुशवाह के इशारे पर हत्याकांड के आरोपी विशाल उर्फ विक्की चौहान ने सोनम के पास देवास नाका भेजा था।
गिरफ्तारी पर राज और सोनम ने बैग का जिक्र किया था। बताया था पहले राजा को पिस्तौल से मारने की साजिश रची थी। इसके लिए सिकलीगर से पिस्टल खरीदी थी। बाद में हत्याकांड को मेघालय के स्थानीय हथियार डॉव से अंजाम दिया गया। बैग में पांच लाख रुपए होने की बात भी दोनों ने शिलॉन्ग पुलिस को बताई थी। 17 जून को शिलांग पुलिस की तीन लोगों की टीम इंदौर आई। बैग को तलाशते हुए सबसे पहले उस प्रॉपर्टी ब्रोकर सिलोम जेम्स को पकड़ा।
उसने लोकेंद्र के दबाव में आकर फ्लैट से गार्ड बल्लू उर्फ बलवीर अहिरवार के साथ मिलकर सोनम का काला बैग 10 जून को निकालकर उसे एमआर-3, निपानिया की कृष्ण विहार कॉलोनी के पीछे खाली प्लॉट पर जलाने की बात कही। बताया कि बैग में मिला लैपटॉप भी उसने पास के खाली प्लॉट पर फेंक दिया था। परसों सिलोम की निशानदेही पर शिलांग पुलिस ने जले हुए बैग के अवशेष जब्त किए थे। बाद में उन्हें जांच के लिए सेंट्रल लैब भेज दिया। सिलोम ने बैग में पिस्टल और पांच लाख रुपए नहीं मिलने की बात कहते हुए बताया था कि फ्लैट की दूसरी चाबी लोकेंद्र के पास रहती थी। उसने उसके पहले फ्लैट खोला था। इस पर परसों ही शिलॉन्ग पुलिस ने लोकेंद्र को ग्वालियर पुलिस की मदद से दबोच लिया।
कल लोकेंद्र तोमर को कोर्ट में पेश कर तीन दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया है। शिलॉन्ग पुलिस शिलोम जेम्स और बल्लू उर्फ बलवीर को लेकर ग्वालियर होते हुए शिलॉन्ग पहुंचेगी। आज लोकेंद्र सिंह तोमर को शिलोम जेम्स और गार्ड बल्लू उर्फ बलवीर अहिरवार के सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी। पता लगाया जाएगा कि काले बैग से गायब नकदी, पिस्टल, जेवर और लैपटॉप कहां गया। पुलिस को शंका है लैपटॉप में कहीं कोई ऐसा डिजिटल साक्ष्य हो सकता है, जो कि हत्याकांड के लिए प्रमुख सबूत साबित हो। मंगलवार को शिलॉन्ग पुलिस शिलोम जेम्स को लेकर उसके घर और अन्य ठिकानों पर भी पहुंची थी।