सिंहस्थ कुंभ के लिए चलेंगी 100 स्पेशल ट्रेनें, रेल से पहुंचेंगे 1 करोड़ श्रद्धालु : रेलवे बोर्ड अध्यक्ष
उज्जैन के सिंहस्थ कुंभ मेला 2028 के लिए रेलवे ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए स्टेशनों को तैयार करने के साथ ही नई रेल लाइनें बिछाई जा रही हैं। रेलवे का अनुमान है मेले में करीब एक करोड़ श्रद्धालु रेल से आएंगे। इन यात्रियों की सुविधा के लिए 100 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी।

मध्य प्रदेश के उज्जैन में साल 2028 में लगने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले के लिए रेलवे ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए स्टेशनों को तैयार करने के साथ ही नई रेल लाइनें भी बिछाई जा रही हैं। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि सिंहस्थ कुंभ मेले में करीब एक करोड़ श्रद्धालुओं के रेल से सफर करने का अनुमान है। इन यात्रियों की सुविधा के लिए 100 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। सिंहस्थ कुंभ मेला भगवान शिव के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग वाली धार्मिक नगरी उज्जैन में हर 12 साल के अंतराल में क्षिप्रा नदी के तट पर लगता है।
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष कुमार ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘2016 के पिछले सिंहस्थ कुंभ मेले में करीब 20 लाख लोग रेल से सफर करके उज्जैन पहुंचे थे। हमारा अनुमान है कि 2028 के सिंहस्थ मेले में यह तादाद 5 गुना बढ़कर एक करोड़ के आसपास पहुंचने वाली है। इसके मद्देनजर हम नियमित रेलगाड़ियों के अलावा 100 स्पेशल ट्रेनें भी चलाएंगे।’’
रेलवे स्टेशनों पर 22 नई लाइनें बिछाई जा रहीं
सतीश अध्यक्ष ने बताया कि तीन साल बाद लगने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान यात्रियों के सैलाब को संभालने के लिए उज्जैन के साथ ही इंदौर, महू, लक्ष्मीबाई नगर और आसपास के अन्य रेलवे स्टेशनों को तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हिंदुओं के इस विशाल धार्मिक समागम के दौरान रेलगाड़ियों को खड़ी करने की जगह के इंतजाम के लिए उज्जैन और आसपास के रेलवे स्टेशनों पर 22 नई लाइनें बिछाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से नौ लाइन अकेले उज्जैन में बिछाई जा रही हैं।
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि उत्तम व्यवस्थाओं के चलते सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान रेल का सफर यात्रियों के लिए हमेशा यादगार रहेगा।’’
इससे पहले, सतीश कुमार ने इंदौर रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया और रतलाम रेल मंडल की अलग-अलग परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि इंदौर-दाहोद परियोजना के तहत करीब 32 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जा चुकी है और इस वित्तीय वर्ष में परियोजना की कुल 132 किलोमीटर की लंबाई तक रेल लाइन बिछ जाएगी।
उन्होंने कहा कि 132 किलोमीटर की इस लंबाई के बाद आगे का भू-भाग थोड़ा मुश्किल है, इसलिए इंदौर से दाहोद तक पूरी रेल लाइन बिछाने में करीब तीन साल लग सकते हैं।
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर को गुजरात के दाहोद शहर से जोड़ने वाली इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना की कुल लंबाई 205 किलोमीटर है। इसकी नींव वर्ष 2008 में रखी गई थी।