Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Bridge with 90 degree turn of Bhopal, MP govt takes action against eight engineers

MP में 90 डिग्री मोड़ वाले अजूबा ओवरब्रिज मामले में सरकार ने लिया एक्शन, इन अधिकारियों पर गिरी गाज

सरकार ने इस आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिजाइन प्रस्तुत करने वाली एजेंसी एवं डिजाइन कंसल्टेंट को भी ब्लैक लिस्ट कर दिया है। आरओबी में आवश्यक सुधार के लिए कमेटी बनाई गई है। सुधार के बाद ही आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा।

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तानSat, 28 June 2025 11:24 PM
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MP में 90 डिग्री मोड़ वाले अजूबा ओवरब्रिज मामले में सरकार ने लिया एक्शन, इन अधिकारियों पर गिरी गाज

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बने और अपनी अनोखी 90 डिग्री मोड़ वाली डिजाइन के चलते दुनियाभर में चर्चा में आ चुके ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही को लेकर प्रदेश सरकार ने एक्शन ले लिया है। इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ब्रिज निर्माण से जुड़े PWD विभाग के 7 इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही एक रिटायर्ड एसई के खिलाफ भी विभागीय जांच का आदेश दिया है। इसके साथ ही सीएम ने ब्रिज की डिजाइन बनाने वाली एजेंसी को भी ब्लैक लिस्ट करने का आदेश दे दिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है।

इस कार्रवाई की जानकारी मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुद सोशल मीडिया के जरिए दी। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही में मैंने संज्ञान लेते हुए जाँच के आदेश दिए थे। जाँच रिपोर्ट के आधार पर PWD (लोक निर्माण विभाग) के 8 इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है। दो चीफ इंजीनियर सहित सात इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है और एक सेवानिवृत एसई के खिलाफ विभागीय जाँच की जाएगी।'

आगे उन्होंने बताया, 'इस प्रोजेक्ट में आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिजाइन प्रस्तुत करने पर निर्माण एजेंसी एवं डिजाइन कंसल्टेंट, दोनों को ब्लैक लिस्ट किया गया है। आरओबी में आवश्यक सुधार के लिए कमेटी बनाई गई है। सुधार के बाद ही आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा।'

कार्रवाई के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए पीडब्ल्यूडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि कथित दोषपूर्ण डिजाइन के लिए जिन इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें मुख्य अभियंता संजय खांडे और जीपी वर्मा, प्रभारी कार्यकारी अभियंता जावेद शकील, प्रभारी उप-विभागीय अधिकारी रवि शुक्ला, उप-इंजीनियर उमाशंकर मिश्रा, सहायक अभियंता शानुल सक्सेना, प्रभारी कार्यकारी अभियंता शबाना रज्जाक और सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता एमपी सिंह शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने आर्किटेक्ट फर्म मेसर्स पुनीत चड्ढा और डिजाइन कंसल्टेंट मेसर्स डायनेमिक कंसल्टेंट को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया है।

बता दें कि राज्य की राजधानी में ऐशबाग स्टेडियम के पास बना यह रेलवे ओवरब्रिज बनने के बाद से ही अपने अजीबोगरीब डिज़ाइन की वजह से स्थानीय निवासियों और सोशल मीडिया यूजर्स की आलोचना और उपहास का विषय बना हुआ है।

मार्च 2023 में आरओबी का निर्माण शुरू होने से पहले सरकार ने कहा था कि इसके चालू हो जाने के बाद ऐशबाग इलाके के लोगों को न तो रेलवे क्रॉसिंग पर इंतजार करना पड़ेगा और न ही लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा और इससे हर दिन करीब तीन लाख लोगों को फायदा होगा।

तकरीबन 18 करोड़ रुपए की लागत से बने इस आरओबी का उद्देश्य महामाई का बाग, पुष्पा नगर और स्टेशन क्षेत्र से नए भोपाल तक वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाना था। इस पुल को लेकर विवाद होने के बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने पुल पर वाहनों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए समाधान खोजने के लिए एक समिति बनाई थी।

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने कहा कि अगर थोड़ी और जमीन उपलब्ध हो जाए तो 90 डिग्री के तीखे मोड़ को ‘कर्व’ में बदला जा सकता है। (भाषा इनपुट के साथ)

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