महिलाओं में क्यों बढ़ रही है 'Bulky Uterus' की समस्या, जानें कारण, लक्षण और उपचार
Bulky Uterus Symptoms And Causes: यह समस्या 30 वर्ष की उम्र के बाद ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलती है। जिससे पीड़ित महिला की बच्चेदानी का आकार सामान्य से बड़ा या भारी हो जाता है।

बिगड़ी जीवनशैली और खानपान की खराब आदतों ने आज व्यक्ति के लिए कई गंभीर रोगों का खतरा बढ़ा दिया है। महिलाओं की सेहत पर असर डालते ऐसे ही एक खतरे का नाम बल्की यूटेरस (Bulky Uterus) है। हालांकि यह समस्या 30 वर्ष की उम्र के बाद ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलती है। जिससे पीड़ित महिला की बच्चेदानी का आकार सामान्य से बड़ा या भारी हो जाता है।
क्या है बल्की यूटेरस की समस्या
महिला का गर्भाशय नाशपाती के आकार का होता है। जिसकी सामान्य लंबाई लगभग 7.5 सेमी और चौड़ाई 5 सेमी होती है। लेकिन बल्की यूटेरस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय का आकार किसी कारणवश सामान्य से अधिक बड़ा हो जाता है।
बल्की यूटेरस के कारण
बल्की यूटेरस की समस्या के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। लेकिन यह भी सच है कि बल्की यूटेरस हर बार किसी गंभीर रोग का संकेत नहीं होता है। बल्की यूटेरस आमतौर पर फाइब्रॉइड्स,एडिनोमायोसिस, हार्मोनल असंतुलन, गर्भावस्था, पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम,कैंसर और पेरिमेनोपॉजल परिवर्तन के कारण हो सकता है।
बल्की यूटेरस के लक्षण
-अनियमित मासिक धर्म
-पेट दर्द या भारीपन
-पेट में भारीपन
-अधिक ब्लीडिंग
-कब्ज
-कमर दर्द
-बांझपन
-सेक्स के दौरान दर्द
बल्की यूटेरस से बचाव
स्वस्थ जीवनशैली- महिला संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और वजन कंट्रोल करके इस समस्या से दूर रह सकती है।
नियमित जांच-स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर अपने यूटेरस का अल्ट्रासाउंड और नियमित जांच करवाएं। ताकि गर्भाशय की स्थिति का पता चल सके।
हार्मोनल संतुलन-हार्मोनल असंतुलन की समस्या को ठीक करने के लिए डॉक्टर की सलाह लें।
तनाव कम लें-तनाव हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकता है। ऐसे में तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान की मदद लें।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।