Hindi Newsलाइफस्टाइल न्यूज़हेल्थExpert told how to stay away from small plastic particles they are causing serious harm to health

एक्सपर्ट ने बताया प्लास्टिक के छोटे कणों से कैसे बनाएं दूरी, सेहत को पहुंचा रहे गंभीर नुकसान

प्लास्टिक का हमारी जिंदगी में तेजी से दखल बढ़ रहा है, पर क्या आप जानती हैं कि प्लास्टिक हमारे शरीर में प्रवेश कर सेहत भी बिगाड़ रही है? प्लास्टिक के इन छोटे कणों को अपनी जिंदगी से कैसे करें दूर, बता रही हैं शमीम खान

Avantika Jain हिन्दुस्तानSat, 28 June 2025 06:16 AM
share Share
Follow Us on
एक्सपर्ट ने बताया प्लास्टिक के छोटे कणों से कैसे बनाएं दूरी, सेहत को पहुंचा रहे गंभीर नुकसान

छोटे-छोटे प्लास्टिक के कण सिर्फ पर्यावरण को ही प्रदूषित नहीं कर रहे बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा भी बढ़ा रहे हैं। माइक्रोप्लास्टिक के कण इतने महीन होते हैं कि वो खाली आंखों से दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन भोजन, सांस और त्वचा के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। संपर्क में आने से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और हमारी सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचाते हैं। जामा पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, माइक्रोप्लास्टिक विशेषकर पॉली-प्रोपलीन और नायलोन दूसरे अंगों के बजाय मस्तिष्क में ज्यादा एकत्र होते हैं। जर्नल ऑफ साइंस एडवांसेस में प्रकाशित एक नए अध्ययन ने भी इसकी पुष्टि की है। इस अध्ययन के अनुसार, मस्तिष्क में पहुंचे माइक्रोप्लास्टिक के कण रक्त के सामान्य प्रवाह को अवरुद्ध करते हैं और कई न्युरोलॉजिकल समस्याओं जैसे अवसाद, एंग्जाइटी और स्ट्रोक की चपेट में आने का खतरा बढ़ा देते हैं।

क्या है माइक्रोप्लास्टिक?

माइक्रोप्लास्टिक प्लास्टिक के छोटे कण होते हैं। इनका आकार आमतौर पर 5 मिलीमीटर से भी कम होता है, जो बड़े प्लास्टिक कचरे के टूटने से बनते हैं या कॉस्मेटिक्स और सिंथेटिक कपड़ों जैसे उत्पादों में मिलाए जाते हैं। ये कण हमारे भोजन, पानी और हवा में मिल गए हैं, जिससे इनसे पूरी तरह बचना लगभग असंभव हो गया है। शोध बताते हैं कि माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क में आने से स्वास्थ्य संबंधी जोखिम हो सकते हैं, जिसमें सूजन, हार्मोन संबंधी गड़बड़ियां और उनमें मौजूद रसायनों से संभावित विषाक्तता शामिल है। माइक्रोप्लास्टिक से संपर्क को पूरी तरह खत्म करना तो संभव नहीं है, लेकिन इसे कम करने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं:

प्लास्टिक बंद खाद्य पदार्थों से बचें

कई खाद्य और पेय पदार्थ प्लास्टिक में पैक किए जाते हैं, जो इन खाद्य पदार्थों में माइक्रोप्लास्टिक को शामिल कर सकते हैं। हमेशा ताजी सब्जियों, फलों और दूसरे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। अगर किसी चीज को स्टोर करना जरूरी है तो कांच, स्टेनलेस स्टील या कागज की पैकेजिंग का विकल्प चुनें।

पानी के फिल्टर से समझौता नहीं

नल के पानी और यहां तक कि बोतलबंद पानी में भी माइक्रोप्लास्टिक होते हैं। उच्च गुणवत्ता वाला फिल्टर जैसे कि रिवर्स ऑस्मोसिस सिस्टम या सक्रिय कार्बन फिल्टर के इस्तेमा से पानी से प्लास्टिक के इन छोटे कणों को हटाने में मदद मिल सकती है। बोतलबंद पानी से पूरी तरह बचें। विभिन्न अध्ययनों के मुताबिक बोतलबंद पानी में अकसर नल के पानी की तुलना में अधिक माइक्रोप्लास्टिक होते हैं।

कपड़े चुनें सोच-समझकर

पॉलिएस्टर, नायलॉन और ऐक्रेलिक जैसे सिंथेटिक कपड़ों को जब हम धोते हैं तो ये माइक्रोप्लास्टिक छोड़ते हैं, जो पानी के साथ ही उस हवा में भी पहुंच जाते हैं जिसमें हम सांस लेते हैं। कॉटन, लिनन या ऊन जैसे प्राकृतिक रेशों से बने कपड़ों में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा कम होती है।

न करें प्लास्टिक के बर्तन का इस्तेमाल

खाना पकाने, परोसने और स्टोर करने में प्लास्टिक के बर्तनों और कंटेनरों का इस्तेमाल न करें। अगर इस्तेमाल भी करें तो इनमें गर्म खाना न रखें क्योंकि इनसे माइक्रोप्लास्टिक निकलकर खाने में समा सकते हैं। इसके बजाय स्टेनलेस स्टील, कांच, सिरेमिक या बांस के बर्तनों का इस्तेमाल करें। कभी भी प्लास्टिक के कटिंग बोर्ड का इस्तेमाल न करें।

प्रोसेस्ड फूड के सेवन से बचें

अधिकांश प्रोसेस्ड और फास्ट फूड कुकिंग और पैकेजिंग के दौरान प्लास्टिक के संपर्क में आते हैं, जिससे माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण का जोखिम बढ़ जाता है। प्रोसेस्ड और फास्ट फूड्स के बजाय घर पर ताजे और पोषक भोजन का सेवन करें। ऐसा करने से न केवल माइक्रोप्लास्टिक का जोखिम कम होता है, बल्कि सेहत भी अच्छी रहती है।

सतर्कता से चुनें सौंदर्य प्रसाधन

कई व्यवसायिक सौंदर्य उत्पाद, जैसे कि स्क्रब, टूथपेस्ट और कुछ मेकअप प्रोडक्ट्स में माइक्रोबीड्स के रूप में माइक्रोप्लास्टिक होते हैं। इन अनावश्यक प्लास्टिक कणों से बचने के लिए प्राकृतिक, जैविक या बायोडिग्रेडेबल सौंदर्य प्रसाधनों और सफाई उत्पादों का इस्तेमाल करें।

सिंगल-यूज प्लास्टिक से बचें

प्लास्टिक के स्ट्रॉ, चम्मच और किराने की थैलियां जैसी वस्तुएं माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। बांस, धातु या कपड़े से बने दोबारा इस्तेमाल कर सकने वाले विकल्पों से प्लास्टिक कचरे को सीमित करने और माइक्रोप्लास्टिक के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

(एकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के प्रमुख डॉ. रमन कुमार से बातचीत पर आधारित)

चाय-कॉफी में भी बरतें सावधानी

चाय, कॉफी को कभी प्लास्टिक की थैलियों में न मंगाए। गर्म चाय, कॉफी के संपर्क में आने पर इन थैलियों से माइक्रोप्लास्टिक का रिसाव हो सकता है। इसके अलावा प्लास्टिक के डिस्पोजेबल कप्स का भी इस्तेमाल न करें। चाय छानने के लिए प्लास्टिक की बजाए स्टील की छलनी का इस्तेमाल करें। प्लास्टिक से बने कॉफी पॉड्स से बचें। फ्रेंच प्रेस, पोर-ओवर या स्टेनलेस स्टील फिल्टर का इस्तेमाल करें।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें