गर्मियों में क्यों नहीं होता कुछ खाने का मन, जानिए PCOS मैनेज करने के लिए डायट में क्या बदलाव करें
खानपान को लेकर हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार आपके सवालों के जवाब दे रही हैं पोषण विशेषज्ञ कविता देवगन
मेरी उम्र 28 साल है। मुझे पीरियड में काफी दिक्कत होती थी। अभी कुछ दिन पहले ही पता चला है कि मुझे PCOS है। डाइट में किस तरह के बदलाव लाकर मैं इसके लक्षणों को मैनेज कर सकती हूं?
-रेणु पोखरियाल, देहरादून
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीसीओएस एक हर्मोनल डिसऑर्डर है, जिससे दुनिया भर में लाखों महिलाएं जूझ रही हैं। यह समस्या तब होती है, जब महिला की ओवरी या एड्रेनल ग्लैंड सामान्य से ज्यादा मात्रा में मेल हार्मोन्स जैसे टेस्टोस्टेरोन आदि का स्राव करने लगते हैं। आप अपनी डाइट में कुछ खास तरह के बदलाव लाकर इस बीमारी के लक्षणों को मैनेज करने में काफी हद तक सफल हो सकती हैं :
⦁आहार में साबुत अनाज, फल, सब्जियों, दाल, मेवा और बीज की मात्रा बढ़ाएं।
⦁आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं। हर दिन 25 से 30 ग्राम फाइबर का सेवन करें।
⦁दिन में जितनी बार भी खाना खाएं, उसमें प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ को जरूर शामिल करें। कभी भी कार्बोहाइड्रेट का सेवन अकेले नहीं करें। उसके साथ प्रोटीन या सेहतमंद वसा की जुगलबंदी जरूर करें। इससे शुगर तेजी से नहीं बढ़ेगा।
⦁सेहतमंद वसा युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से इस बीमारी के लक्षणों को मैनेज करने में मदद मिलती है। इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि जब आपके शरीर में हार्मोनल उठा-पटक मची हो, उस वक्त कैलोरी गिनना ठीक नहीं। उस समय आहार में सेहतमंद वसा की मात्रा बढ़ाएं। ओमेगा-3 युक्त चीजों को अपनी प्लेट में शामिल करें। मछली, अखरोट, अलसी के बीज आदि को नियमित आहार का हिस्सा बनाएं।
⦁ज्यादा एंटीऑक्सिडेंट्स वाले खाद्य पदार्थ जैसे ग्रीन टी, ग्रीन कॉफी, मेवा और बेरीज आदि खाएं।
⦁एंटी-इंफ्लामेट्री मसाले जैसे हल्दी और दालचीनी को अपनी नियमित आहार का हिस्सा बनाएं।
⦁अगर विटामिन-डी और बी-12 की मात्रा आपके शरीर में कम है, तो इसे दुरुस्त करने के लिए सप्लीमेंट का सेवन भी करें।
गर्मी बढ़ते ही मेरा पेट अकसर भरा-भरा सा महसूस होता है और कुछ खाने का मन नहीं करता। ऐसा क्यों होता है और अपने खानपान में कुछ विशेष चीजों को शामिल करके क्या मैं इस समस्या से उबर सकती हूं?
-नंदिता तिवारी, पटना
बढ़ती गर्मी के साथ भूख में कमी महसूस करना एकदम सामान्य है। यह बाहर के बढ़े हुए तापमान के प्रति हमारे शरीर की सामान्य प्रतिक्रिया है। इस समस्या का एकमात्र समाधान है, अपने शरीर को भीतर से ठंडा रखना। इसके लिए मसालेदार खाद्य पदार्थ, शराब, कैफीन और हर उस चीज से दूरी बनाएं, जो शरीर को भीतर से गर्म करती है। पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थ पिएं, वहीं शराब और कोल्ड ड्रिंक आदि से जरूरी दूरी बरतें। रोटी-सब्जी जैसी चीजें खाने में परेशानी हो रही है, तो फल और सलाद आदि को ठंडा करके खाएं। बहुत ज्यादा तैलीय या मीठे खाद्य पदार्थों से भी दूरी बरतें। तले-भुने खाद्य पदार्थों को पचा पाना पेट के लिए मुश्किल होता है, तो बेहतर होगा कि आप उनसे दूरी बनाएं। अपनी डाइट में घीया, तोरी, तरबूज और खरबूज जैसे ऐसे फल व सब्जियों को शामिल करें, जिनमें प्रचुर मात्रा में पानी होता है। शरीर को भीतर से ठंडा करने वाली चीजें जैसे हरी मूंग दाल, स्प्राउट्स, कोकम, नारियल पानी, करेला और गुलकंद आदि को भी आहार का हिस्सा बनाएं। भर पेट खाना खाने से बचें। इस मौसम में सोच-समझकर अपना खाना चुनें, भूख न लगने की समस्या धीरे-धीरे दूर हो जाएगी।
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