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खतरनाक है फॉलोअर्स का मोह, अश्लील रील्स बिगड़ सकती है मानसिक संतुलन

हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां आपसे यहां साझा कर रही हैं, जयंती रंगनाथन

Manju Mamgain लाइव हिन्दुस्तानFri, 27 June 2025 02:19 PM
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खतरनाक है फॉलोअर्स का मोह, अश्लील रील्स बिगड़ सकती है मानसिक संतुलन

अगर आपके पास स्मार्टफोन है, तो 99 प्रतिशत चांस हैं कि आप रील देखती होंगी। और 9 प्रतिशत चांस हैं कि आप खुद रील बनाती होंगी। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर जितनी रील रोज डाली जाती हैं, उनमें 50 प्रतिशत रील युवतियों की होती हैं। पिछले दिनों एक युवा इन्फ्लुएंसर ने इसलिए खुदकुशी कर ली थी कि क्योंकि उसके फॉलोअर्स कम होने लगे थे। ताजा खबर के अनुसार लुधियाना की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कमल कौर भाभी उर्फ कंचन कुमारी की कट्टरपंथियों ने हत्या कर दी है। और भी ऐसी कई युवतियां हैं, जिन्हें लगातार धमकियां दी जा रही हैं कि वे सोशल मीडिया से दूर रहे या रील बना कर ना डालें। माना जा रहा है कि अश्लील वीडियो कंटेंट की वजह से ये युवतियां निशाने पर आई हैं। रील की दुनिया में फॉलोअर्स कमाने के लिए अजीब-अजीब रील्स बनाने का चलन बढ़ता जा रहा है। इसमें बेहूदा नाच, अश्लील कंटेंट बहुतायत में है। धमकियों की वजह से पंजाब की लगभग दस महिलाओं ने पुलिस में इस बाबत रिपोर्ट दर्ज किया है। रील्स देखने वालों और बनाने वालों की मनोस्थिति के बारे में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर राजीव वोहरा कहते हैं, ‘अश्लील रील्स स्वस्थ मन की उपज नहीं है। इसकी वजह से आपका मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है, डिप्रेशन हो सकता है और आपको पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।’ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को भी यह ध्यान में रखना होगा कि फॉलोअर्स के मोह में वो अपनी जिंदगी के साथ ना खेलें और अपनी और समाज की गरिमा का ध्यान रखें।

सोमालिया की साहसी महिलाएं

कुछ समय पहले तक सोमालिया गृह युद्ध की वजह से तहस-नहस हो चुका था। अब उस देश की नई पीढ़ी ने ठान लिया है कि युद्ध की परछाई से निकल कर देश को नया आकार देंगे। इस काम में वहां की लड़कियां अहम भूमिका निभा रही हैं। देश के निर्माण में खास कर भवन और कंस्ट्रक्शन में वे बेहद सक्रिय हैं। सोमालिया की नई पीढ़ी ने युद्ध की विभीषिका को बहुत पास से देखा है, उनका पालन-पोषण इसी विकराल काल में हुआ। लेकिन बिना नकारात्मक हुए वे अब देश को खड़ा करना चाहती हैं। बीबीसी में प्रकाशित इस खबर के अनुसार बड़ी संख्या में लड़कियां इंजीनियरिंग का कोर्स करने के बाद इस क्षेत्र में काम करने आ रही हैं। उन लड़कियों को कभी-कभार आज भी इन सवालों से जूझना पड़ता है कि क्या हम औरत के बनाए भवन में रहेंगे? पर उन जांबाज लड़कियों के पर इसका उचित जवाब होता है कि यह देश जितना आपका है, उतना हमारा भी है।

मधुमेह ऐसे होगा नियंत्रण में

यूरोपियन जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन में प्रकाशित ताजा अध्ययन के अनुसार अगर आप अपना वजन जरा-सा भी कम कर लेती हैं, तो मधुमेह का खतरा 21 प्रतिशत कम हो जाता है। इस समय दुनिया में हर दस में से एक महिला मधुमेह से जूझ रही हैं। डायबिटीज एक साइलेंट किलर है। इस अध्ययन में शामिल दो लाख पंद्रह हजार से अधिक लोगों ने माना कि जीवनशैली में जरूरी बदलाव करने के बाद उन्हें अपनी बीमारी में काफी राहत दिखने लगी। इस बदलाव में रोज का व्यायाम, संतुलित आहार, कम मात्रा में अल्कोहल और आठ घंटे की नींद पर तवज्जो दिया गया। संतुलित खानपान को इस समय सही जीवनशैली का सबसे अच्छा दोस्त बताया जा रहा है। फल, हरी सब्जी, मोटा अनाज शरीर के लिए सबसे सही हैं। इन सबके सेवन से कई जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को काबू में रखा जा सकता है। इस वृहद अध्ययन को पूरा होने में सत्रह साल लगे।

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