सिल्ली में घर में घुसे बाघ को देखने के लिए उमड़ी भीड़
सिल्ली के मारदू गांव में एक बाघ बुधवार की सुबह एक घर में घुस गया। वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों की सूचना के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। कई बाधाओं का सामना करते हुए बाघ को पिंजरे में कैद किया...

सिल्ली, प्रतिनिधि। प्रखंड के मारदू गांव के पुरंदर महतो के घर में बुधवार की भोर 4: 30 बजे घुसे बाघ की जानकारी गांववालों ने सिल्ली वन विभाग के अधिकारियों को दी। इसके बाद सिल्ली वनपाल जयप्रकाश, वनरक्षी गौतम बोस पहुंचे तबतक मौके पर ग्रामीणों की भीड़ बढ़ती गई। सिल्ली वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी घरों में बाघ के घुसने की बात को गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन घर के पीछे दीवार में छेदकर मोबाइल से ली गई तस्वीर में बाघ की हलचल दिखी। इसके बाद उन्होंने विभाग के उच्च अधिकारियों को बताया। सूचना मिलते ही लगभग 11 बजे रेंजर गायत्री कुमारी वन विभाग के सदस्यों के साथ गांव पहुंची।
इधर, बिरसा जैविक उद्यान की टीम निकल चुकी थी। लेकिन बाघ का वीडियो देखकर उन्होंने रेस्क्यू करने से इनकार कर दिया। तब बेतला नेशनल पार्क के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। 12.30 बिरसा जैविक उद्यान की टीम गांव पहुंची। इस दौरान प्रशासन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वन विभाग के अधिकारियों ने जिनके घर में बाघ घुसा था उनके परिवारों को नाश्ता दिया गया। इधर, गांव की मुखिया वार्ड सदस्य द्वारा चाय-बिस्कुट और पानी पिलाया जा रहा था। दोपहर बाद घर से 500 मीटर तक निषेधाज्ञा लागू दोपहर बाद सिल्ली सीओ अरुणिमा एक्का रांची अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जारी निषेधाज्ञा का आदेश पत्र लेकर गांव पहुंची। उसके बाद पुलिस ने लोगों को 500 मीटर दूर किया और रस्सी का बैरियर बनाकर चारों ओर से घेर दिया। लगातार बारिश की वजह से वन विभाग की टीम को काफी परेशानी हुई। वहीं शाम तीन बजे बेतला नेशनल पार्क से टीम पहुंची। पानी के कारण वाहन फंस गया किसी तरह उसे बाहर निकाला गया और धीरे-धीरे घर तक पहुंचाया गया। शाम पांच बजे घर के सामने लगाया गया पिंजरा शाम लगभग 3:30 वहां से पिंजरा उतारकर घर के दरवाजा पर लगाया गया और पिंजरा को चारों तरफ से ढक दिया गया। लगभग पांच बजे बंद दरवाजा खोला गया। दरवाजा खुलते ही बाघ पिंजरे के पास आया और पुन: लौट गया। लगभग 5:40 में बाघ पिंजरे के अंदर आया। पिंजरे के अंदर आते ही पिंजरे को बंद कर दिया गया। इस दौरान बाघ की दहाड़ से ग्रामीण इधर-उधर भागने लगे। बाघ को काबू में करने के लिए बेहोशी का डोज दिया पिंजरे को वाहन पर चढ़ाने के दौरान बाघ काफी उछालकूद करने लगा तब उसे काबू में करने के लिए गन से बेहोशी का डोज दिया गया। काफी देर इंतजार के बाद भी जब वह काबू नहीं हुआ तब वन विभाग के अधिकारियों पिंजरे से प्लास्टिक हटाकर देखा कि बेहोशी का डोज मिस कर गया था। उसे दूसरी बार छह बजे बेहोशी का डोज दिया गया। इसके बाद बाघ को शिफ्टिंग किया गया। लगभग सात बजे शाम जैसे ही वहां से रेस्क्यू टीम निकली कुछ दूरी बाद खराबी होने के कारण वाहन धीरे-धीरे चलने लगा फिर उसे सिल्ली थाना लाया गया और लगभग एक घंटे बाद ठीक कर वहां से टीम रांची के लिए निकल गई। इस दौरान ग्रामीण एसपी प्रवीण पुष्कर सभी अधिकारियों को दिशा निर्देश देते देखे गए।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।