बोले रांची : करे कोई भरे कोई, अतिक्रमण से 12 फीट का नाला 3 फीट हुआ
रांची के साकेत नगर के निवासी जलजमाव, संकरे नाले और कचरा उठाने की कमी से परेशान हैं। बारिश में घरों में पानी घुसने से आर्थिक नुकसान हो रहा है। कॉलोनी के नाले की चौड़ाई अतिक्रमण के कारण घटकर 3 फीट रह गई...

रांची, संवाददाता। हिनू स्थित साकेत नगर के लोग जलजमाव, संकरे नाले, कचरा उठाव नहीं होने और बदहाल ड्रेनेज व्यवस्था से परेशान हैं। हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में कॉलोनी के लोगों ने कहा कि यहां हर बारिश में घरों में पानी घुस जाता है। दीवारें ढह रहीं हैं। नागरिकों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। अतिक्रमण के कारण 12 फुट चौड़ा नाला अब मात्र 3 फुट का रह गया है, जिससे पूरी कॉलोनी जलमग्न हो जाती है। स्थानीय लोगों ने कहा कि नाले पर से अतिक्रमण अविलंब हटाया जाए और नाले की सफाई नियमित कराई जाए। साकेत नगर, रांची का एक पुराना और घनी आबादी वाला इलाका है, जो अपनी स्थापना के समय से ही लोगों के लिए एक आदर्श आवासीय क्षेत्र रहा है।
लेकिन, आज यह कॉलोनी बुनियादी सुविधाओं के अभाव और प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है। हिन्दुस्तान के 'बोले रांची' कार्यक्रम में साकेत नगर के निवासियों ने अपनी समस्याओं को खुले मंच पर रखा। स्थानियों ने बताया कि साकेत नगर कॉलोनी, जो 1980 में स्थापित हुई थी, आज 15 हजार से अधिक लोग यहां रहते हैं। लोगों ने कहा कि जलजमाव की समस्या के कारण हर साल बारिश के मौसम में यहां के लोगों के लिए अभिशाप बन जाती है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कॉलोनी के निचले इलाके में होने के कारण न केवल साकेत नगर, बल्कि आसपास की बस्तियों और रांची एयरपोर्ट का पानी भी यहां जमा हो जाता है। इस स्थिति ने यहां के लोगों के दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। 12 से 3 फिट का हो गया नाला : लोगों ने कहा कि कॉलोनी के बीच से गुजरने वाला एक प्रमुख नाला, जो कभी 12 फीट चौड़ा हुआ करता था, अब अतिक्रमण के कारण महज 3 फीट का रह गया है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि समय के साथ लोगों ने नाले के किनारे अवैध निर्माण कर लिया, जिससे इसकी चौड़ाई कम हो गई। नाले की गहराई और चौड़ाई कम होने के कारण बारिश का पानी निकल नहीं पाता और कॉलोनी की गलियों में जमा हो जाता है। कई बार तो स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि लोगों के घरों में पानी घुस जाता है। इससे न केवल सामान को नुकसान पहुंचता है, बल्कि कई घरों की बाउंड्री वॉल भी टूट चुकी है, जिससे निवासियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। नाले की सफाई की स्थिति भी बेहद खराब : स्थानीय लोगों ने नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नालियों की सफाई नहीं होती। नाले में गंदगी और कचरा जमा रहता है, जिस कारण बारिश के समय पानी का बहाव रुक जाता है और पूरा इलाका जलमग्न हो जाता है। लोगों ने कहा कि कई बार नगर निगम में शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अतिक्रमण हटाने की बात तो दूर, नाले की सफाई तक नहीं होती। यहां की ड्रेनेज व्यवस्था इतनी जर्जर है कि छोटी-मोटी बारिश में भी सड़कों पर पानी जमा हो जाता है। पांच साल में जर्जर हो गई कॉलोनी की मुख्य सड़क : साकेत नगर की मुख्य सड़क और उसकी सभी अप्रोच सड़कें बुरी तरह टूट चुकी हैं। लोगों का कहना है कि पांच साल पहले बनाई गई मुख्य सड़क अब गड्ढों में तब्दील हो गई है। भारी बारिश और नियमित रखरखाव के अभाव में सड़क की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। कॉलोनी की अंदरूनी गलियां के हाल भी खस्ता हैं, जिससे पैदल चलना, साइकिल चलाना या वाहन ले जाना बेहद कठिन हो गया है। गड्ढों में पानी भरने से कई बार दुर्घटनाएं भी हुईं हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस कॉलोनी में रजिस्ट्री ऑफिस और अंचल कार्यालय जैसी महत्वपूर्ण संस्थाएं हैं, फिर भी सड़कें उपेक्षा की शिकार हैं। लोग निगम और सड़क निर्माण विभाग से जल्द मरम्मत की मांग कर रहे हैं। हर दिन अनिश्चित वाटर सप्लाई से लोगों की दिनचर्या प्रभावित साकेत नगर की बड़ी आबादी सप्लाई पानी पर निर्भर है, लेकिन इस व्यवस्था की अनियमितता ने नागरिकों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया है। लोगों का कहना है कि सप्लाई पानी का कोई निर्धारित समय नहीं है। कभी सुबह आता है, कभी दोपहर में और कई बार पूरे दिन नहीं आता। नागरिकों का कहना है कि पानी की समय तय हो। साथ ही निगम को इस क्षेत्र में वैकल्पिक बोरिंग स्थापित की जाए। शौचालय की सुविधा का घोर अभाव, पार्किंग बनी परेशानी साकेत नगर में अंचल कार्यालय, रजिस्ट्री ऑफिस और बाजार जैसे सार्वजनिक स्थल तो हैं, लेकिन एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। इससे आम लोगों के लिए खासकर महिलाओं के लिए बेहद असुविधा होती है। रजिस्ट्री ऑफिस या बाजार में घंटों रहने वाले लोगों को शौच की जरूरत पड़ने पर बड़ी परेशानी होती है। सथ ही यहां रजिस्ट्री ऑफिस के पास पार्किंग नहीं होने से जाम की समस्या झेलनी पड़ती है। स्मार्ट मीटर से बढ़ा बिजली बिल सॉफ्टवेयर पर उठ रहे सवाल साकेत नगर में हाल ही में लगे स्मार्ट मीटरों को लेकर लोगों में नाराजगी है। नागरिकों का आरोप है कि मीटर लगने के बाद से बिजली बिल दोगुना और तिगुना आ रहा है, जबकि उपभोग में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। लोगों का मानना है कि स्मार्ट मीटर के सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामियां हैं या रीडिंग गलत दर्ज हो रही है। साथ ही कई हिस्सों में स्ट्रीट लाइटें खराब हैं और कुछ जगहों पर बिजली के खंभे तक नहीं हैं। स्ट्रीट लाइट खराब, अड्डेबाजी से महिलाएं परेशान स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली बिल दोगुना हो गया है। विभाग को मीटर जांचने चाहिए। नाले की सफाई और अतिक्रमण हटाई जाए। -कृपाशंकर दुबे नाले की सफाई और सड़कों की मरम्मत जरूरी है। प्रशासन को ट्रैफिक प्रबंधन और पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए। -पियूष आनंद 12 फिट का नाला अतिक्रमण के कारण 3 फिट का रह गया है। पहली बारिश में ही घरों में पानी घुस गया और कईंयों की दीवारें गिर गई हैं। -सतेंद्र पाठक बारिश में साकेत नगर की गलियां तालाब बन जाती हैं। नाले में अतिक्रमण और गंदगी के कारण पानी की निकासी नहीं है। -हिमांकर कुमार उर्फ डब्बू पानी की अनियमित आपूर्ति से हमारी दिनचर्या प्रभावित हो रही है। जलजमाव और कचरे की समस्या भी गंभीर है। -राकेश कुमार सिंह जलजमाव और कचरे की समस्या से साकेत नगर बदहाल है। सड़कें टूटी हैं, जिससे रात में दुर्घटना का डर रहता है। कचरा उठाव नियमित नहीं। -शशि राज नाले की सफाई और सड़कों की मरम्मत जरूरी है। प्रशासन को ट्रैफिक व्यवस्था सुधारनी चाहिए। जलजमाव से लोग परेशान हैं।-नितिश झा साकेत नगर में स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, जिससे रात में अंधेरा रहता है। असामाजिक तत्वों की वजह से डर लगता है। -राहुल कुमार सिंह बारिश में गलियां डूब जाती हैं। कचरा उठाव सप्ताह में एक बार होता है, जो पर्याप्त नहीं। नगर निगम को ड्रेनेज सिस्टम ठीक करना चाहिए।-राजकुमार झा रजिस्ट्री ऑफिस को स्थानांनतरित करवाया जाए। साकेत नगर में सार्वजनिक शौचालय बनवाने की जरूरत है। -अरुण अग्रवाल कॉलोनी की सड़कें और नाले की हालत बहुत खराब है। गंदा पानी और कीचड़ बीमारियों का कारण बन रहा है। रजिस्ट्री ऑफिस की भीड़ से जाम की समस्या और बढ़ गई है। प्रशासन को सड़कों की मरम्मत, नाले की सफाई और ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए। अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जाए। -अभय पाठक
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