आरयू एक विषय के तीन यूनिवर्सिटी टॉपरों से शिक्षण कार्य कराने पर कर रहा विचार
रांची विश्वविद्यालय में प्राचार्यों और प्रोफेसर इंचार्ज की बैठक हुई, जिसमें विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने, शिक्षकों की कमी दूर करने और सत्र नियमित करने पर चर्चा हुई। कुलपति ने तीन टॉपर्स को शिक्षण...

रांची, विशेष संवाददाता। रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत सभी अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों/प्रोफेसर इंचार्ज की बैठक बुधवार को नवनियुक्त प्रभारी कुलपति डॉ दिनेश कुमार सिंह के साथ हुई। इसमें कॉलेजों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने, सत्र नियमित करने, शिक्षकों की कमी दूर करने सहित अन्य समस्याओं पर चर्चा की गई। बैठक में शिक्षकों की कमी का मुद्दा प्रमुखता से उभरा। इस पर कुलपति का सुझाव था कि यह कमी हर विषय के तीन यूनिवर्सिटी टॉपर को शिक्षण कार्य का मौका देकर दूर की जा सकती है। विश्वविद्यालय में हर विषय के एक ही यूनिवर्सिटी टॉपर को पढ़ाने का अवसर दिया जाता है और इसके लिए उन्हें वजीफा भी मिलता है।
कुलपति ने कॉलेजों में विद्यार्थियों की उपस्थित बढ़ाने और उन्हें कॉलेज से जोड़ने पर विशेष जोर दिया। इसके लिए उन्होंने सुझाव भी मांगे। कुछ प्राचार्यों का कहना था कि अमूमन हर कॉलेज में बड़ी संख्या में विद्यार्थी खेती-बाड़ी का भी कार्य करते हैं, जिसके कारण उनकी उपस्थिति कम रहती है। इस पर कुलपति ने कक्षा में निर्धारित न्यूनतम उपस्थिति को अनिवार्य करने का निर्देश दिया। कुलपति ने सत्र नियमित करने पर भी सुझाव मांगे। इस पर प्राचार्यों का कहना था कि नामांकन के बाद पहले सेमेस्टर में विद्यार्थियों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया विलंब से शुरू होती है, जिसके कारण सत्र विलंब हो जाता है। उनका सुझाव था कि विश्वविद्यालय परीक्षा कैलेंडर को लागू करने साथ रजिस्ट्रेशन के लिए तिथि निर्धारित करे और उनके अनुरूप ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी की जाए। जिस पर कुलपति ने सहमति जताई। कई प्राचार्यों ने कॉलेज में गार्ड व सफाईकर्मी की कमी का भी मुद्दा उठाया। इस पर कुलपति ने ऐसे कॉलेजों को गार्ड व सफाईकर्मी की कितनी जरूरत है, इसका प्रस्ताव विश्वविद्यालय को भेजने को कहा। इस प्रस्ताव के आधार पर विश्वविद्यालय प्रशासन मैन पावर एजेंसी के जरिए गार्ड व सफाईकर्मी उपलब्ध कराएगा। बैठक में केओ कॉलेज गुमला व सिमडेगा कॉलेज से अतिथि शिक्षकों को हटाए जाने संबंधी मामले में हाई कोर्ट की ओर से इन कॉलेजों के प्राचार्यों को कारण बताओ नोटिस भेजे जाने पर भी चर्चा हुई। प्राचार्यों का कहना था उन्होंने विश्वविद्यालय के निर्देश पर ऐसा किया था। इस पर कुलपति ने विधिक राय लेकर मामले का समाधान निकालने की बात कही। बैठक में सभी अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्य/प्रोफेसर इंचार्ज उपस्थित थे।
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