आरयू में इस सत्र से फिजियोथेरेपी सहित कई नए विषयों की होगी पढ़ाई
रांची विश्वविद्यालय में 2025-26 शैक्षणिक सत्र में कई नए रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इनमें फिजियोथेरेपी, बीपीएड, एमपीएड, टेक्सटाइल डिजाइन, कम्युनिकेशन आर्ट्स और अन्य शामिल हैं। एलएलबी...

रांची, विशेष संवाददाता। रांची विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 में विद्यार्थियों को कई रोजगारपरक नए पाठ्यक्रमों का विकल्प मिलने जा रहा है। इसके तहत विश्वविद्यालय में फिजियोथेरेपी, बीपीएड, एमपीएड, बीपीईएस, टेक्सटाइल एंड एपेरेल डिजाइन, एक्सपेरिएंस डिजाइन एंड प्रोडक्ट एंड आर्टिफिस डिजाइन- क्राफ्ट कल्चर, कम्युनिकेशन एंड परफॉर्मिंग आर्ट, क्राफ्ट मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप, जीआईएस की पढ़ाई इस शैक्षणिक सत्र से शुरू होगी। साथ ही, एलएलबी पाठ्यक्रम में नए वैकल्पिक विषय जोड़े गए हैं। सोमवार को कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इन प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई। विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर भूगोल विभाग में एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा इन रिमोट सेसिंग एंड जीआईएस की पढ़ाई होगी।
भूगोल विभागाध्यक्ष से प्राप्त इस प्रस्ताव को बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई। झारखंड इंस्टीट्यूट ऑफ काफ्ट एंड डिजाइन (जेआईसीडी) के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसके तहत रांची विश्वविद्यालय में स्नातक स्तरीय चार वर्षीय पाठ्यक्रम के तहत चार नए पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे, जिनमें- टेक्सटाइल एंड एपेरेल डिजाइन, एक्सपेरिएंस डिजाइन एंड प्रोडक्ट एंड आर्टिफिस डिजाइन- क्राफ्ट कल्चर, कम्युनिकेशन एंड परफॉर्मिंग आर्ट, क्राफ्ट मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप, शामिल हैं। इनके सिलेबस व विनियम स्वीकृत दी गई। विश्वविद्यालय अन्तर्गत फिजियोथेरेपी का पाठ्यक्रम भी शुरू हो रहा है, इसके विनियम और सिलेबस को एकेडमिक काउंसिल का अनुमोदन मिल गया है। इसी सत्र से विश्वविद्यालय में बीपीएड, एमपीएड और बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स (बीपीईएस) पाठ्यक्रम भी शुरू हो रहा है। इसके विनियम और सिलेबस को भी स्वीकृति प्रदान की गई। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, झारखंड सरकार, के पत्र के आलोक में नई शिक्षा नीति (एनईपी)- 2020 के अंतर्गत संचालित पाठ्यक्रमों में इस सत्र से भारतीय ज्ञान परंपरा (आईकेएस) के 9 क्रेडिट को भी जोड़ा गया है। एलएलबी में वैकल्पिक विषय जुड़े रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत एलएलबी पार्ट-2 में सेमेस्टर-3 व सेमेसटर-4 में दो वैकल्पिक विषय जोड़े गए हैं। इनमें इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी को सेमेस्टर-3 में और साइबर लॉ को सेमेस्टर-4 में जोड़ा गया है। साथ ही, पेपर 6 में विधिक इतिहास के साथ सेमेस्टर-3 और सेमेस्टर- 4 में इंसोलवेंसी एंड बैंकरप्सी कोड- 2016 को जोड़ने की संस्तुति की गई है। इसके अलावा एलएलबी पार्ट-3 के सेमेस्टर-5 और सेमेस्टर-6 में भी दो वैकल्पिक विषय, जो संविधियों का निर्वचन के रूप में विद्यमान हैं, उसके साथ बीमा विधि, को पाठ्यकम में समाहित करने की स्वीकृति प्रदान की गई। बीबीए एलएलबी के पूरे पाठ्यक्रम में पांच इंटर्नशिप का प्रावधान रांची विश्वविद्यालय के इंस्टीट़यूट ऑफ लीगल स्टडीज के निदेशक के इंटर्नशिप से संबंधित प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसमें बीबीए एलएलबी के पूरे पाठ्यक्रम के दौरान पांच इंटर्नशिप का प्रावधान है। इसमें बीबीए एलएलबी के सेमेस्टर 4 से सेमेस्टर होनेवाली इंटर्नशिप में 5 लॉ और एक प्रबंधन से इंटर्नशिप करनी होगी। साथ ही, बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली के अद्यतन परिनियम व यूजीसी नियमों के तहत तीन वर्षी एलएलबी के सेमेस्टर सिस्टम के परिनियम एवं पाठ्यक्रम में प्रस्तावित संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। इसके तहत अकादमिक सत्र 2025-26 से तीन वर्षीय एलएलबी में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) प्रणाली लागू होगी। मानविकी संकाय में फिर शामिल हुआ टीआरएल रांची विश्वविद्यालय में नौ जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं का अलग-अलग विभाग बनने के बाद इसे मानविकी संकाय से अलग का क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषा संकाय के अंतर्गत रखा गया। लेकिन, टीआरएल के शिक्षकों की मांग थी कि इसे दोबारा मानविकी संकाय में शामिल किया जाए। शिक्षकों की मांग के आलोक में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय को पुनः मानविकी संकाय में सम्मिलित करने संबंधी प्रस्ताव को एकेडेमिक काउंसिल ने स्वीकृति प्रदान की। बैठक में सभी संकाय के डीन, विभागाध्यक्ष, कॉलेजों के प्राचार्य, रजिस्ट्रार डॉ गुरुचरण साहू, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ प्रीतम कुमार आदि उपस्थित थे।
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