बोले रांची: बिजली के झूलते तारों से हर वक्त अनहोनी की आशंका
रांची के लालपुर पीस रोड में 1500 से अधिक की आबादी है, लेकिन लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। सड़क पर झूलते बिजली के तार और खराब सड़कें हादसों का कारण बनती हैं। लोग कुएं के पानी पर निर्भर हैं और...

रांची, संवाददाता। लालपुर पीस रोड में 15 सौ से अधिक की आबादी रहती है, लेकिन आज भी स्थानीय लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। इलाके में रोड पर बिजली के खंभे हादसे का कारण बनते हैं। इनके कारण कई बार दुर्घटनाएं घट चुकी हैं, कई खंभे टेढ़े हो चुके हैं। वहीं, पोल पर लगे हाईवोल्ट बिजली के तार कई जगह झूलते रहते हैं, इससे स्थानीय लोगों के मन में अक्सर करंट लगने का भय रहता है। ‘हिन्दुस्तान के ‘बोले रांची कार्यक्रम के माध्यम से इन तारों पर जाली और गार्ड वायर के माध्यम से सुरक्षा प्रदान करने की मांग लोगों ने की है।
राजधानी के पीस रोड की स्थिति सुदूर ग्रामीण इलाके से भी खराब है। बिजली के पोल से झूलते हुए तार लोगों के लिए जानलेवा बन चुके हैं। ‘हिन्दुस्तान के ‘बोले रांची कार्यक्रम में शुक्रवार को स्थानीय निवासियों का कहना था कि इलाके की सड़क लालपुर-डंगरा टोली की मुख्य सड़क को कोकर डिस्टिलरी पुल से सीधे जोड़ती है। दिनभर में हजारों छोटे-बड़े वाहनों का आवगमन इसी रास्ते से होता रहता है। इलाके में बिजली का पोल भी सड़क पर ही लगा हुआ है। सड़क चौड़ी नहीं होने की वजह से आए दिन कई वाहन चालक बिजली के खंभे से टकरा चुके हैं। इस वजह से लोहे से बने पोल भी टेढ़े हो चुके हैं। बिजली के खंभे में कई तार हाई वोल्ट के लगे हुए हैं। टेढ़े होने की वजह से तार भी नीचे आ गए हैं। हाई वोल्ट के तार होने की वजह से अक्सर लोगों को जान का खतरा बना हुआ रहता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार बिजली विभाग और नगर निगम में इस समस्या को लेकर व खंभा बदलने के लिए आवेदन दे चुके हैं, लेकिन आजतक किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आज तक स्थिति जस की तस ही बनी हुई है। तार झुलने के कारण लोगों के मन में अधिकांश समय तार गिरने का खतरा व करंट लगने की संभावना बनी हुई रहती है। महिलाओं ने कहा कि कई बार बिजली के खंभे से तार गिर भी चुका है। उनका कहना है कि मुहल्ले की एक महिला एक बार छत पर कपड़ा डालने के लिए गई हुई थी, इस दौरान अचानक 11 वोल्ट का तार टूटकर उनके छत पर झूलने लागा था। एक बार सड़क पर भी ऊपर से अचानक एक तार नीचे की ओर लटकने लगा था, जिसके बाद पुलिस ने देख लिया था और आसपास के लोगों को सूचाना दे दी थी। बिजली विभाग के द्वारा तार को बनवाया गया। करंट लगने का डर बना हुआ रहता है यहां कई लोगों के घरों के सामने से ही तार कुछ दूरी से गुजर रहे हैं। इस कारण घर वालों के भी मन में करंट लगने का डर बना हुआ रहता है। लोग अपने घरों से बच्चों को न ही बालकनी और न छत के ऊपर नहीं जाने देते हैं। स्थानीय लोगों का कहना था कि आसपास में कहीं पर भी बच्चों के खेलने के लिए न मैदान और न पार्क है। बच्चे भी दिन भर घर में बंद नहीं रहना चाहते हैं। बिजली विभाग को इन तारों को व्यवस्था जल्द से जल्द करनी चाहिए। बरसात के दिनों में बिजली के तार बनते हैं जानलेवा स्थानीय लोगों का कहना था कि ये तार लोगों को घरों में बिजली की सुविधा पहुंचने के लिए लगाया गया था, लेकिन अब ये लोगों के लिए जानलेवा बन चुका है। बरसात के दिनों में स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है। इस समय तेज हवा और तूफान चलने के दौरान अक्सर झूलते तारों के गिरने का डर बढ़ जाता है। साथ ही बरसात के दिनों में पानी गिरने के कारण तारों से करंट लगने की भी आशंका रहती है। कई बार तेज हवा और तूफान चलने के दौरान तार सड़कों पर भी गिर जाते हैं, इस कारण राहगीरों के आवगमन में समस्याएं होती हैं। साथ ही इलाके में व्यापार करने वालों पर भी नुकसान का काफी असर पड़ता है। स्थानीय लोगों ने बुधवार को हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम के माध्यम से अपनी मांग को रखते हुए कहा कि झूलते तारों से लोगों के बचाव के लिए जाली लगाई जाए। लोगों को नहीं मिलता पीने का शुद्ध पानी, कुएं पर हैं निर्भर पीस रोड में रहने वाले लोगों ने बताया कि इलाके में आज तक सप्लाई वाटर की पाइपलाइन नहीं बिछाई गई है। इस कारण आज भी यहां पर रहने वाले स्थानीय लोग कुएं के पानी पर ही निर्भर हैं। उनका कहना है कि जो लोग सक्षम हैं वे खरीद कर पीने का पानी ले आते हैं, लेकिन अधिकांश लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वे आज भी कुएं के पानी पर ही निर्भर हैं। बरसात के दिनों में अक्सर इलाके में रहता है जलजमाव इलाके के रोड और नाली दोनों बराबर हो चुके हैं। इस कारण नालियों से बहने वाला गंदा पानी भी आसानी से नहीं निकल पाता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इलाके में नालियों की भी साफ-सफाई नियमित रूप से कभी नहीं होती है। इस कारण इलाके से गंदा पानी निकलने में समस्याएं होती हैं। गंदा पानी सड़कों पर ही रहता है। बरसात के दिनों में नाली और सड़क दोनों बराबर से हो जाते हैं। दिनदहाड़े होती हैं चोरी और छिनतई की घटनाएं इलाके में रोजाना दिनदहाड़े महिलाओं और हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों के साथ छिनतई की घटनाएं घट रहीं हैं। अक्सर लड़कियां हॉस्टल से निकलने के दौरान अगर फोन पर बात करती रहती हैं तो पीछे से बाइक सवार मोबाइल छीनकर भाग जाते हैं। महिलाओं के साथ कभी पर्स तो कभी गले से सोने की चेन छीनकर स्नैचर भाग जाते हैं। इससे यहां रहने वाले लोगों का पैदल चलना मुश्किल सा हो गया है। समस्याएं 1. मुहल्ले में नाली का निर्माण सही तरीके से नहीं किया गया, साफ-सफाई तक नहीं होती है। 2. सड़क की स्थिति बेहद ही दयनीय है। जगह-जगह पर दो-दो इंच के गड्ढे हो चुके हैं। 3. इलाके में दिनदहाड़े चोरी और छिनतई की घटनाएं हो रही हैं। 4. बिजली के पोल से 11 वोल्ट वाले तार लोगों के ऊपर जानलेवा की तरह लटक रहे हैं। 5. सप्लाई वाटर की आपूर्ति नहीं होने की वजह से लोगों को आज भी कुआं के पानी पर निर्भर रहना पड़ता है। सुझाव 1. बरसात के बाद जल्द से जल्द सही तरीके से नाली का निर्माण कराया जाए। नियमित सफाई हो। 2. यह सड़क लालपुर से डिस्टिलरी पुल को जोड़ती है, मरम्मत का कार्य जल्द शुरू किया जाए। 3. चोरी और छिनतई जैसी घटनाएं होती रहती हैं, पुलिस की गश्ती लगातार होती रहनी चाहिए। 4. बिजली के पोल से झूल रहे तारों में जाली लगाकर आमजनों की सुरक्षा करनी चाहिए। 5. सप्लाई वाटर की आपूर्ति की शिकायत कर चुके हैं, पर आजतक पानी नहीं मिली। बोले लोग लालपुर स्थित पीस रोड एक मुख्य सड़क है, जो डंगराटोली और कोकर डिस्टिलरी पुल को एक साथ जोड़ती है। सड़क से रोजाना सैकड़ों छोटी और बड़ी गाड़ियों का आवागमन होता है, लेकिन सड़क की स्थिति बेहद जर्जर हो चुकी है। इस आधा किलोमीटर की सड़क पर सैकड़ों दो से तीन इंच के बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। -सुधा कच्छप पीस रोड की सभी नालियां पूरी तरह से खुली हुईं हैं, जो राहगीरों के लिए बेहद जानलेवा बन चुकी है। ड्रेनेज सिस्टम खराब होने की वजह से नालियों का गंदा पानी भी एक ही जगह पर जमा हुआ रहता है। नियमित रूप से सफाई नहीं होने की वजह से सड़क व नाली एक समान हो जाते हैं। ड्रेनेज सिस्टम खराब होने से बरसात में सड़कों पर जलजमाव होता है। -रीना किस्पोट्टा ड्रेनेज सिस्टम खराब होने है। इलाके का गंदा पानी जलजमाव होने के कारण सीधे लोगों के घरों में भी चला जाता है। लोग परेशान हैं। -ज्योति एक्का बिजली के तार लोगों के घरों के सामने झूलते हुए नजर आते हैं, इस कारण लोगों के अंदर हमेशा बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। -लॉली किस्पोट्टा इलाके में रोजाना दिनदहाड़े महिलाओं के साथ चोरी और छिनतई जैसी घटनाएं घट रहीं हैं। घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है। -विश्वासी कुजूर नगर निगम में कई बार आवेदन देने के बावजूद आज तक इलाके में पेयजल योजना बहाल नहीं की गई है। लोग कुएं पर ही निर्भर हैं। -शीला मुन्नी सोरेन सड़क की स्थिति बेहद ही जर्जर हो चुकी है, जो पैदल चलने के लायक तक नहीं रही है, जिस कारण बुजुर्गों को काफी परेशानी होती है। -ओमेश किस्पोट्टा इलाके में स्ट्रीट लाइट भी काफी कम लगी हुई है। साथ ही सड़क भी पूरी तरह से टूटी व गड्ढों से भरी हुई है। पैदल चलना भी मुश्किल है। -भिरसेट आईंद इलाके में कहीं पर भी बच्चों के खेलने के लिए न मैदान और न पार्क बने हुए हैं, जिस कारण स्थानीय बच्चे घरों में ही बंद रहते हैं। -उशीला टेटे सड़क की स्थिति तो बेहद ही जर्जर है, कई बार तेजी से आने वाली गाड़ियां ऊबड़-खाबड़ होने की वजह से दुर्घटना का शिकार होती हैं। -मेरी कुजूर बरसात के दिनों में परेशानी बढ़ जाती है। जलजमाव होने के कारण इलाके में तेजी से मच्छरों का आतंक भी बढ़ता जा रहा है। -निर्मला एक्का
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