बोले रांची : पिछले साल चली नाव, लोगों में डर समाया, फिर डूबेगा मुहल्ला
रांची के न्यू नगर में जलजमाव एक बड़ी समस्या बन गई है। पिछले साल की भयावह स्थिति को देखते हुए लोग पहले से ही खाने-पीने की चीजें जुटा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम ने इस समस्या का समाधान...

रांची, संवाददाता। बांधगाड़ी स्थित न्यू नगर में जलजमाव बड़ी समस्या है। हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने कहा कि पिछले साल यहां की गलियों में नाव चली थी। लोग कई दिनों तक घरों में कैद थे। मानसून आने को है। ऐसे में जलजमाव को लेकर अभी से ही डर का माहौल है। लोग घरों में खाने-पीने की चीजें जुटाने लगे हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि पिछले साल की भयावह स्थिति को देखकर भी नगर निगम ने कोई पहल नहीं की। मुहल्ले में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। जलजमाव के समय ये कूड़े घरों में घुस जाएंगेे।
खुले नाले से लोगों के बहने का खतरा है। बांधगाड़ी इलाके का न्यू नगर मोहल्ला एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है, जिसकी जनसंख्या 15 हजार से अधिक है। यह क्षेत्र बीते ढाई दशक से बसा है, लेकिन आज भी यहां के लोगों को कई बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलीं। हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने कहा कि इस क्षेत्र में जल निकासी और नाला निर्माण की अनदेखी के कारण यहां जलजमाव की समस्या हर मानसून में विकराल रूप ले लेती है। हर बारिश में सड़कें और गलियां पानी से लबालब भर जाती हैं, जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल एनडीआरएफ की टीम को बचाव कार्य के लिए उतरना पड़ा था और स्थानीय लोगों ने अपनी गलियों में नाव चलते देखा था। यह नजारा न केवल चौंकाने वाला था, बल्कि यह इस क्षेत्र की बदहाल ड्रेनेज व्यवस्था की सच्चाई को भी उजागर करता है। सालों से प्रशासन के दफ्तरों के चक्कर काट रहे लोग : न्यू नगर के निवासियों का कहना है कि उन्होंने ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन के दफ्तरों के अनगिनत चक्कर काटे हैं। हर साल बारिश से पहले बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन धरातल पर कोई बदलाव नहीं दिखता। स्थानीय निवासी पंकज ने कहा कि हर साल हमारी गलियां तालाब बन जाती हैं। घरों में पानी घुस जाता है। बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। हमने कई बार शिकायत की, लेकिन नालियों की सफाई और ड्रेनेज सिस्टम में सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। इस समस्या की जड़ में कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है संकरी और अव्यवस्थित नालियां। न्यू नगर की नालियां न केवल छोटी हैं, बल्कि उनकी नियमित सफाई भी नहीं होती। बारिश के पानी के साथ गंदगी, कचरा और मलबा नालियों में जमा हो जाता है, जिससे पानी का निकास रुक जाता है। इसके अलावा, मोहल्ले की ड्रेनेज व्यवस्था पुरानी और अपर्याप्त है। आधुनिक शहरी नियोजन के मानकों के हिसाब से इस क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम को अपग्रेड करने की सख्त जरूरत है। स्थानीय निवासियों का सुझाव है कि नालियों को चौड़ा करने, नियमित सफाई सुनिश्चित किया जाए। एक प्रभावी ड्रेनेज सिस्टम स्थापित करने से इस समस्या से काफी हद तक निजात पाई जा सकती है। मानसून से पहले जरूरी सामान जुटा रहे लोग : मानसून आने के साथ ही न्यू नगर के लोगों में फिर से डर का माहौल है। मौसम विभाग के अनुसार, झारखंड में मानसून कुछ ही दिनों में दस्तक देने वाला है। लेकिन, जलजमाव से निपटने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। नालियों की सफाई, ड्रेनेज सिस्टम का उन्नयन या आपातकालीन प्रबंधन की कोई योजना दिखाई नहीं दे रही है। स्थानीय लोगों ने जरूरत की सामनों को स्टोर करना शुरू कर दिया है। इस क्षेत्र में जलजमाव के कारण स्कूल, व्यापार और यातायात प्रभावित होते हैं। इस दौरान दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। जलजमाव के कारण क्षेत्र में गंदगी है, जिससे मच्छर पनप रहे हैं। हर साल मलेरिया, डेंगू और वायरल बीमारियों के मरीजों की संख्या यहां बढ़ जाती है। गंदा पानी पीने के कारण इस क्षेत्र में पेट की बीमारियां भी बढ़ जाती हैं। बिजली की अनियमित आपूर्ति और ट्रांसफार्मर की कमी न्यू नगर में बिजली की आपूर्ति अनियमित है, जो यहां रहने वालों के लिए बड़ी परेशानी का कारण है। आए दिन बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या रहती है। 15 हजार की आबादी के लिए मौजूदा ट्रांसफार्मर अपर्याप्त हैं, जिससे ओवरलोडिंग होती है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी बिजली बिल पहले से ज्यादा आने लगा है, जिससे लोग परेशान हैं। लोगों का कहना है की यहां नए ट्रांसफार्मर की जरूरत है। पाइपलाइन बिछी है, नल जल योजना को तत्काल शुरू करें न्यू नगर में पेयजल काे लेकर सभी खुद से कराई गई बोरिंग पर निर्भर हैं। निगम के द्वारा सप्लाई पानी की व्यवस्था नहीं है। इलाके में तीन साल पहले हर घर नल जल योजना के तहत पाइपलाइन बिछाई गई थी। लेकिन, आज तक पानी की सप्लाई शुरू नहीं हुई। गर्मियों में पानी की किल्लत बढ़ जाती है। स्थानीय लोगों की मांग है कि नल जल योजना को तत्काल शुरू किया जाए और नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित हो। गलियों में कचरे का ढेर, नालियां जाम होने से जलजमाव की स्थिति न्यू नगर में कचरा प्रबंधन सही तरीके से नहीं हो रहा है। नगर निगम द्वारा प्रतिदिन कचरे का उठाव नहीं होता। इस कारण गलियों में कचरा जमा हो जाता है। धीरे-धीरे यह ढेर लग जाता है, जिसके बाद कचरा नालियों में जाने लगता है। इसके बाद पानी का निकास बंद हो जाता है और जलजमाव शुरू हो जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कचरा उठानेवाली गाड़ी हफ्ते में एक-दो बार ही आती है। बिजली के पोल जर्जर न्यू नगर में बिजली के पोल की स्थिति जर्जर है, जिससे हादसों का खतरा बना रहता है। कई पोल टेढ़े-मेढ़े हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। इसके अलावा, बिजली की केबलिंग अव्यवस्थित ढंग से की गई है, जिससे तार आपस में उलझे रहते हैं। बारिश में शॉर्ट सर्किट और करंट का डर रहता है। लोगों का कहना है कि व्यवस्थित केबलिंग और नए मजबूत पोल लगाने की जरूरत है। बारिश होते ही परेशानी शुरू बांधगाड़ी में बारिश के दिनों में जलजमाव की स्थिति रहती है। मानसून में इस क्षेत्र में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। इस क्षेत्र में जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। नाली संकरी है। यहां बड़े नाले की आवश्यकता है, जिससे बारिश के पानी का निकासी हो सके और जलजमाव से निजात मिले। -जितेंद्र सिंह पटेल बांधगाड़ी की सबसे बड़ी परेशानी इस क्षेत्र में हाेने वाला जलजमाव है, जिससे यहां का जीवन प्रभावित हो जाता है। लोगों का घरों से निकलना बंद हो जाता है। रोजमर्रा के काम के लिए बाहर नहीं जा पाते हैं। सालों से इस समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। इस मानसून भी जलजमाव से जूझना पड़ेगा। -प्रवीण कुमार बारिश में जलजमाव से कारोबार प्रभावित इलाके के लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। न तो पक्की सड़कें हैं, ना ही स्ट्रीट लाइटें, न ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है। -गौरी कुमारी बारिश में जलजमाव के कारण यहां की दुकानदारी प्रभावित हो जाती है। लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। -निशांत कुमार जगह-जगह पर नाली खुली होने से अनहोनी का डर हमेशा बना रहता है। खुली नाली होने से गंदगी की बदबू पूरे मुहल्ले में फैलती है। -संजय कुमार नगर निगम इस क्षेत्र में नई नाली का निर्माण करे और जल्द से जल्द इसे बड़े नाले से जोड़ा जाए, जिससे जलजमाव दूर हो सके। -संजय महतो नगर निगम के द्वारा प्रतिदिन कचरे का उठाव नहीं होता है। इससे लोगों को परेशानी होती है। सड़क पर कचरा फेंका मिलता है। -सचिन कुमार सिंह असामाजिक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों से लोग परेशान हैं। पुलिस प्रशासन को बांधगाड़ी वाले क्षेत्र में लगातार गश्त करनी चाहिए। -मुन्ना कुमार सिंह यहां बिजली की काफी समस्या है। यहां नियमित बिजली की आपूर्ति नहीं होती है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल अधिक आ रहा है। -सूरज कुमार तीन साल पहले इस क्षेत्र में हर घर नल जल योजना के लिए पाइपलाइल बिछा दी गई है। लेकिन, अब तक जलापूर्ति शुरू नहीं हुई है। -संतोष कुमार यादव समस्याएं 1. बारिश के दिनों में बांधगाड़ी इलाके में जलजमाव की स्थिति बन जाती है। 2. रांची नगर निगम के द्वारा नियमित कचरे का उठाव नहीं किया जाता है। 3. सड़क की स्थिति बेहद ही जर्जर हो चुकी है। लोगों को आने और जाने में परेशानी होती है। 4. बिजली की आपूर्ति नियमित नहीं होती है। क्षेत्र में कई स्ट्रीट लाइट भी खराब हैं। 5. हर घर नल जल योजना की पाइपलान बिछाई दी गई है, लेकिन जलापूर्ति शुरू नहीं हुई। सुझाव 1. बांधगाड़ी में नाले का निर्माण किया जाए, जिससे जलजमाव की स्थिति से निजात मिले। 2. नगर निगम हर घर से नियमित कचरे का उठाव करे। साथ ही नालियों की सफाई कराई जाए। 3. इलाके में पीसीसी सड़कों की मरम्मत जल्द कराई जाए, ताकि बारिश के दिनों में राहत मिले। 4. विभाग बिजली आपूर्ति पर ध्यान दे। ट्रांसफार्मर की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि फॉल्ट न हो। 5. हर घर नल जल योजना को शुरू किया जाए। निगम सप्लाई पानी के लिए वैक्लपिक व्यवस्था करे।
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