प्लेसमेंट एजेंसियों का मुख्य कर्ता-धर्ता था सिद्धार्थ, अफसरों पर डाला दबाव
रिमांड के दौरान गजेंद्र सिंह ने सिद्धार्थ की संलिप्तता की जानकारी दी थी, रायपुर से शुक्रवार की सुबह लाया गया रांची, कोर्ट में पेशी के बाद जेल

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। शराब घोटाले में गिरफ्तार आईएएस विनय कुमार चौबे के खास सहयोगी सिद्धार्थ सिंघानिया को शुक्रवार को एसीबी की विशेष अदालत में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया। इससे पहले एसीबी की टीम सिद्धार्थ सिंघानिया को रायपुर से लेकर रांची पहुंची थी। एसीबी ने जांच में पाया है कि सिद्धार्थ सिंघानिया तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे के साथ मिलकर आपराधिक कार्य करने के लिए अनावश्यक रूप से उत्पाद विभाग व जेएसबीसीएल के अफसरों पर दबाव बनाता था। जांच में एसीबी को इस बात के भी साक्ष्य मिले हैं कि सिद्धार्थ सिंघानिया ही कांड से संबंधित विभिन्न प्लेसमेंट एजेंसियों का प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से मुख्य कर्ता-धर्ता था।
गजेंद्र सिंह के बयान से हुआ खुलासा 20 मई को एसीबी ने विनय कुमार चौबे के साथ-साथ तत्कालीन संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था। गजेंद्र सिंह को एसीबी ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। तब उन्होंने सिद्धार्थ सिंघानिया की कांड में संलिप्तता की जानकारी दी थी। प्लेसमेंट एजेंसियों के निदेशकों के लिए दबिश एसीबी ने मार्शन इनोवेटिव व विजन हॉस्पिटलिटी के निदेशकों के खिलाफ वारंट लेने के बाद उन पर दबिश बनानी शुरू कर दी है। एसीबी की टीमें अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर रही हैं। एसीबी ने फर्जी बैंक गारंटी देने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों के सात निदेशकों के खिलाफ वारंट लिया है। पूछताछ के लिए नोटिस मिलने के बाद एजेंसी के निदेशक एसीबी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे। एसीबी ने प्रारंभिक जांच में सभी को दोषी भी पाया है।
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