बोले रांची: नीचे घुटने भर पानी और ऊपर नंगे तार, बीच में लटकी जान
रांची के नामकुम स्थित महुआ टोली में जलजमाव की गंभीर समस्या है। यहां बारिश के दौरान मुख्य सड़क पर दो फीट तक पानी जमा हो जाता है, जिससे आवागमन प्रभावित होता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम ने...

रांची, संवाददाता। नामकुम स्थित महुआ टोली में करीब तीन हजार से अधिक की आबादी रहती है। यहां के लोगों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रहीं। हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में शामिल होने के बावजूद यहां की सबसे बड़ी समस्या जलजमाव है। मुख्य सड़क समेत सभी सड़कों पर दो फीट तक पानी भरा रहता है। इसके ऊपर से बिजली के नंगे तार गुजर रहे हैं, जिससे बड़ा हादसा हो सकता है। जलजमाव से आवागमन ठप है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पहले की जल निकासी व्यवस्था को बाधित कर दिया गया है, जिससे जलजमाव है।
रांची के नामकुम क्षेत्र का महुआ टोली, एक ऐसा इलाका है, जो राजधानी के शहरी दायरे में आने के बावजूद विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर है। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी और पुरानी समस्या मुख्य सड़क पर जलजमाव होना है। महुआ टोली की मुख्य सड़क पर बारिश के दौरान करीब दो फीट तक पानी जमा हो जाता है। यह सड़क न केवल महुआ टोली को चुटिया, लोआडीह और कांटाटोली जैसे इलाकों से जोड़ती है, बल्कि यह दैनिक आवागमन, स्कूल जाने वाले बच्चों, कामकाजी लोगों और आपातकालीन जरूरतों का एकमात्र मार्ग भी है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बारिश होते ही पूरी सड़क तालाब बन जाती है। लोगों को काम पर जाने के लिए तीन किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। पहले था समाधान, अब बन गया संकट स्थानीय लोगों की मानें तो कुछ वर्षों पहले तक इस समस्या का समाधान था। सड़क के किनारे गार्डवाल और पाइप लगे थे, जो बारिश के पानी को आसपास के खुले मैदानों की ओर निकाल देते थे। पानी जमता नहीं था, बह जाता था। लेकिन, समय के साथ आसपास की खाली जमीनों पर बहुमंजिला अपार्टमेंट और बड़े आवासीय प्रोजेक्ट्स खड़े हो गए। इन निर्माणों ने जहां जल निकासी के पुराने मार्गों को पूरी तरह बंद कर दिया, वहीं किसी वैकल्पिक व्यवस्था की योजना भी नहीं बनाई। आज हालात ये हैं कि एक तरफ भारतीय लाह अनुसंधान संस्थान की बाउंड्री है और दूसरी ओर अपार्टमेंट के प्राइवेट कंपाउंड, इन दोनों के बीच फंसी यह सड़क हर बारिश में डूब जाती है। बिना ड्रेनेज के कैसे चलेगा स्थानियों का कहना है कि महुआ टोली की यह सड़क एक ऐसी बनावट में है, जहां स्वाभाविक ढलान नहीं है, जिससे पानी स्वतः बह सके। इसके लिए एक संगठित ड्रेनेज सिस्टम की जरूरत है। लेकिन दुर्भाग्यवश, यहां कोई नाली, चैंबर या जल निकासी लाइन मौजूद नहीं है। स्थानियों का कहना है कि नगर निगम को कई बार ज्ञापन दिया गया, पार्षद को भी बताया गया, लेकिन न तो नाली बनी और न ही जल निकासी की कोई योजना आई। जब तक कोई बड़ी दुर्घटना नहीं होगी, तब तक शायद कोई सुनवाई नहीं होगी। गार्ड वाल हो गया गायब करीब 12 वर्ष पूर्व महुआ टोली की मुख्य सड़क के किनारे जलनिकासी की समस्या को देखते हुए उस समय के सांसद निधि से गार्ड वाल का निर्माण कराया गया था। यह गार्ड वाल बारिश के पानी को सड़क से निकालकर आसपास के खुले क्षेत्रों में प्रवाहित करने का काम करता था, जिससे क्षेत्र में जलजमाव की समस्या काफी हद तक नियंत्रित रहती थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह गार्ड वाल एकमात्र व्यवस्था थी जो सड़क को हर साल तालाब बनने से बचाती थी। लेकिन वर्तमान समय में जब इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आवासीय अपार्टमेंट और अन्य निर्माण कार्य शुरू हुए, तब बिना किसी पूर्व जानकारी या योजना के उस पुराने गार्ड वाल को हटा दिया गया। अब हालात ये हैं कि जहां पहले पानी बह जाता था, वहां अब दीवारें और बाउंड्री बन गई हैं। गार्डवाल हटते ही पूरी जलनिकासी व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और सड़क पर दो से तीन फीट तक पानी जमा हो जाता है। जर्जर मुख्य सड़क से हादसों का खतरा, लोग परेशान महुआ टोली की मुख्य सड़क अत्यंत जर्जर अवस्था में है। कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिनमें बारिश के दौरान पानी भर जाता है। इससे हादसों का खतरा बना रहता है। बारिश के समय सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है, जिससे न केवल यातायात प्रभावित होता है, बल्कि लोग गिरकर घायल भी हो जाते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वर्षों से सड़क की मरम्मत नहीं हुई है। नल जल योजना अभी तक अधूरी और डीप बोरिंग नदारद महुआ टोली में पेयजल की समस्या गंभीर है। हर घर नल-जल योजना के तहत पाइपलाइन तो पहुंच गई है, लेकिन पानी की आपूर्ति नहीं होती। लोगों का कहना है कि सिर्फ पाइप बिछाकर खानापूर्ति कर दी गई, जबकि जलापूर्ति के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई। इसके अलावा, नगर निगम की ओर से क्षेत्र में एक भी डीप बोरिंग नहीं कराई गई है। नतीजतन, लोग व्यक्तिगत बोरिंग कर पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। सार्वजनिक शौचालय सामुदायिक भवन नहीं महुआ टोली में सार्वजनिक शौचालय की बेहद कमी है। पूरा क्षेत्र में सिर्फ एक सार्वजनिक शौचालय है, जो अब बंद पड़ा है। स्थानियों ने बताया कि पानी की आपूर्ति न होना और नियमित सफाई के आभाव से ये बंद पड़े हैं। साथ ही सामुदायिक भवन की अनुपस्थिति में स्थानीय सभाएं, महिलाओं की बैठकें, सांस्कृतिक आयोजन और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए कोई सार्वजनिक स्थान नहीं है। नागरिकों की मांग है कि जल्द से जल्द एक आधुनिक सामुदायिक भवन की नींव रखी जाए, ताकि सामाजिक जीवन को भी समृद्ध किया जा सके। साथ ही सार्वजनिक शौचायल का निर्माण हो, जहां पानी की सुविधा उपलब्ध हो। इससे आयोजनों में परेशानी न हो। समस्याएं 1. मुख्य सड़क पर हर बारिश में दो फीट तक जलजमाव होने से आवागमन में परेशानी। 2. सड़क की हालत बेहद खराब है। जगह-जगह गड्ढे हैं, जिनमें पानी भरने से परेशानी। 3. मुख्य सड़क और गलियों में पर्याप्त स्ट्रीट लाइट नहीं हैं। कई मुहल्ले अंधेरे में डूबे रहते हैं 4. पाइपलाइन बिछाई गई है, लेकिन जल आपूर्ति नहीं हो रही। डीप बोरिंग की व्यवस्था भी नहीं 5. एकमात्र सार्वजनिक शौचालय पानी और रखरखाव के बिना बंद पड़ा है। सुझाव 1. सड़क किनारे संगठित नालियों और चैंबरों का निर्माण कर पानी की सुरक्षित निकासी की जाए। 2. जर्जर सड़क की मरम्मत कर उसे पक्का व जलरोधी बनाया जाए, नाली का निर्माण हो। 3. क्षेत्र में पूरी तरह से स्ट्रीट लाइट प्रणाली लगाई जाए, जिससे शाम में अंधेरा न हो। 4. हर घर में पाइप से पानी पहुंचाने की व्यवस्था जल्द शुरू की जाए। 5. बंद पड़े शौचालय को चालू कर उसकी नियमित सफाई करवाई जाए। :: बोले लोग :: हम लोग हर साल बरसात में यही झेलते हैं। पानी इतना भर जाता है कि घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। पहले जब गार्ड वाल था तो पानी निकल जाता था, लेकिन अब तो जैसे मुसीबत ही बन गई है। महुआ टोली की मुख्य सड़क की जल्द मरम्मत की जाए। जलनिकासी के लिए साइड में नाली बनाई जाए ताकि पानी जमा न हो। -डीजेपी टोप्पो महुआ टोली की जलनिकासी की समस्या कोई प्राकृतिक नहीं, बल्कि पूरी तरह से प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है। गार्ड वाल को बिना वैकल्पिक व्यवस्था के हटाना आपराधिक लापरवाही है। नए निर्माण के कारण जलप्रवाह प्रभावित हो गया है। क्षेत्र में मास्टर ड्रेनेज प्लान की सख्त जरूरत है। जिससे जलजमाव से निजात मिले। -सुनिल कच्छप जलनिकासी के लिए सड़क के किनारे में नाली बनाई जाए, ताकि पानी जमा न हो। हुआ टोली की मुख्य सड़क की जल्द मरम्मत की जाए। -आरके टोप्पो जलजमाव के कारण लोगों को तीन किलोमीटर तक घूमकर जाना पड़ता है, जिससे समय और तेल दोनों की बर्बादी होती है। -सुनिल कच्छप गार्ड वाल हटाने से जलनिकासी बाधित हो गई है। जलनिकासी के लिए किसी भी तरह के नाले का निर्माण नहीं किया गया है। -सोनल कच्छप मुख्य सड़क पर पर्याप्त स्ट्रीट लाइट लगे। रात में सुरक्षा के लिए रोशनी बहुत जरूरी है। निगम को इसकी नियमित जांच करनी चाहिए। -जॉय तिग्गा हमारी सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि बारिश में आवागमन भी जोखिम भरा हो गया है। हर मोड़ पर गड्ढे हैं। हादसों का डर है। -प्रेम कच्छप शाम के वक्त बारिश में इस सड़क से निकलना बेहद डरावना होता है। अंधेरे में जलजमाव और जगह-जगह गड्ढे जानलेवा हो सकते हैं। -विक्की महली बिजली बोर्ड को तुरंत क्षेत्र में वायरिंग को सुरक्षित करना चाहिए। बारिश में करंट का खतरा रहता है। सड़क किनारे के तारों को ढंका जाए। -उमेश तिर्की इस क्षेत्र में सामुदायिक भवन, सार्वजनिक शौचालय, खेल के मैदान की कमी है। निगम क्षेत्र में होने के बाद भी ये क्षेत्र उपेक्षित है। -अनुज कच्छप जहां पानी जमा होता है, वहां कीचड़ और कचरा भी जमा होता है। लेकिन, सफाई के लिए संसाधन नहीं हैं। कभी-कभी दो दिन तक पानी नहीं सूखता। -संतो टूटी
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