ट्रिपल टेस्ट के लिए रिपोर्ट बनाने में और भी होगी देरी, पहले चरण का टेंडर रद्द
एक एजेंसी के पास ही था सरकारी क्षेत्र का अनुभव, पिछड़ा वर्ग आयोग ने दोबारा जारी किया ‘इच्छा की अभिव्यक्ति

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। राज्य सरकार के तमाम दावों और पिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग के डोर टू डोर सर्वे कराने के बाद भी प्रस्तावित नगर निकाय चुनाव की कोई संभावित तिथि नजर नहीं आ रही है। सभी निकायों में किए गए डोर टू डोर सर्वे से मिले आंकड़ों का अध्ययन कर एक रिपोर्ट तैयार करनी है। रिपोर्ट तैयार करने का काम उन एजेंसियों द्वारा कराया जाएगा, जिन्हें इस कार्य का अनुभव हो। इसके लिए पिछड़ा वर्ग आयोग ने बीते 28 अप्रैल को ‘इच्छा की अभिव्यक्ति जारी किया था, जो रद्द हो गया है। कारण यह है कि जिन एजेंसियों ने टेंडर में भागीदारी की थी, उसमें से केवल एक (सेंट जेवियर कॉलेज) के पास ही सरकारी क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव था।
ऐसे में आयोग द्वारा बीते 19 जून को फिर से इच्छा की अभिव्यक्ति (अति अल्पकालीन पुनर्निविदा) जारी किया गया है। टेंडर भरने की अंतिम तिथि 1 जुलाई निर्धारित है। ....................... डोर टू डोर किए सर्वे की समग्र रिपोर्ट अब अगस्त तक संभावित बता दें कि नगर निकायों में ट्रिपल टेस्ट के जरिए ओबीसी आरक्षण तय करने के उद्देश्य से पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा डोर टू डोर सर्वे किया गया है। इस सर्वे में पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग मतदाताओं का आंकड़ा एकत्रित किया गया है। आंकड़ों का अध्ययन कर आरक्षण देने के निमित्त एक समग्र रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यह काम चयनित एजेंसी द्वारा किया जाना है। चयनित एजेंसी का काम मध्य प्रदेश द्वारा ट्रिपल टेस्ट के अंतर्गत समर्पित रिपोर्ट का अध्ययन कर झारखंड के लिए भी रिपोर्ट की पृष्ठभूमि तैयार करनी है। एजेंसी को ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा दी जाएगी। कार्य आदेश जारी होने के 45 दिनों के अंदर चयनित एजेंसी को ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार कर आयोग को सौंपना होगा। आयोग द्वारा ड्राफ्ट रिपोर्ट में आवश्यक संशोधन के बाद अंतिम रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को दी जाएगी। ऐसे में रिपोर्ट तैयार करने की तिथि अगस्त माह के मध्य तक जा सकती है। ........................................................ केवल सेंट जेवियर कॉलेज के पास ही कार्य का अनुभव पिछड़ा वर्ग आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले चरण के निकाली गई निविदा प्रक्रिया में लिखा गया था कि समग्र रिपोर्ट तैयार करने के लिए आईआईएम रांची, एक्सआईएसएस रांची, एक्सएलआरआई जमशेदपुर, सेंट जेवियर कॉलेज सहित राज्य में स्थित कई ऐसे विश्वविद्यालय, शोध संस्थान एवं सरकारी संस्थान भाग लेंगे, जिन्हें सरकारी क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव हो। निविदा प्रक्रिया में तीन एजेंसियां यथा आईआईएम, एक्सआईएसएस और सेंट जेवियर कॉलेज ने रुचि दिखाई। लेकिन कार्य का अनुभव केवल सेंट जेवियर कॉलेज के पास ही था। ऐसे में निविदा प्रक्रिया रद्द कर दी गई। हालांकि नियम कहता है कि पुनर्निविदा में केवल एक ही संस्थान के पास सरकारी स्तर पर किसी भी क्षेत्र में अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने का अनुभव हो, तो उसे यह काम दिया जा सकता है। ........................................................... चालू वित्तीय वर्ष में नगर निकाय चुनाव नहीं, तो रुक जाएगा केंद्र का अनुदान बीते दिनों झारखंड दौरे पर रांची पहुंचे 16वें वित्त आयोग ने भी स्पष्ट किया था कि इस साल अगर नगर निकाय चुनाव नहीं होते हैं, तो केंद्र से मिलने वाला अनुदान रोक दिया जाएगा। निकाय चुनाव नहीं होने से राज्य के लिए पिछले दो वर्षों का अनुदान रोका गया है। यह राशि 1526 करोड़ (वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए क्रमश: 713-713 करोड़ रुपए) है। वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा था कि निकाय चुनाव होने पर पिछले दो वर्षों के साथ चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के अनुदान की राशि जारी हो जाएगी। ऐसे में पिछले तीन वर्षों के लिए बकाया अनुदान की राशि 2000 करोड़ से अधिक की बनती है। .................. समग्र रिपोर्ट तैयार करने के लिए आयोग नीतिगत प्रक्रिया के तहत काम कर रहा है। हालांकि कुछ देरी हुई है, लेकिन जल्द ही सरकार व विभाग को अंतिम रिपोर्ट दे दी जाएगी, ताकि निकाय चुनाव जल्द कराया जा सके। नंद किशोर मेहता, सदस्य, पिछड़ा वर्ग आयोग
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।