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जेएसएससी पर दो लाख हर्जाना, परीक्षा एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने का आदेश रद्द

हाईकोर्ट ने कहा-सिर्फ पुलिस रिपोर्ट पर किसी कंपनी को ब्लैक लिस्ट नहीं किया जा सकता, कंपनी की बैंक गारंटी और बिल के सात फीसदी ब्याज के साथ भुगतान करने

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीThu, 26 June 2025 07:01 PM
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जेएसएससी पर दो लाख हर्जाना, परीक्षा एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने का आदेश रद्द

रांची। विशेष संवाददाता झारखंड हाईकोर्ट ने झारखंड डिप्लोमा स्तरीय संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक करने के मामले में आरोपी कंपनी विंसेंट टेक्नोलॉजी को ब्लैक लिस्ट करने के झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के आदेश को खारिज कर दिया है। गुरुवार को चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने फैसला सुनाते हुए जेएसएससी के ब्लैक लिस्ट करने के आदेश को खारिज करते हुए जेएसएससी पर दो लाख रुपये का हर्जाना भी लगाया है। अदालत ने कंपनी की बैंक गारंटी 61 लाख और 2.90 करोड़ के बिल को सात प्रतिशत ब्याज के साथ चार सप्ताह में देने का निर्देश दिया है।

अदालत ने कहा कि सिर्फ पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर किसी कंपनी को आजीवन ब्लैक लिस्ट नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में परीक्षा लेने वाली एजेंसी विंसेंट टेक्नोलॉजी ने खंडपीठ में अपील याचिका दायर की थी। याचिका में जेएसएससी के उस आदेश को चुनौती दी गयी थी, जिसमें सीजीएल परीक्षा 2020-21 को आयोग ने पेपर लीक मामले में कंपनी को डिबार करते हुए काली सूची में डाल दिया है। कर्मचारी चयन आयोग ने अदालत को बताया था कि पुलिस की रिपोर्ट को देखते हुए कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया है। पुलिस रिपोर्ट में स्पष्ट था कि कंपनी की संलिप्तता है। कंपनी की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि वर्ष 2024 में पुलिस ने फिर से एक रिपोर्ट दी थी। जिसमें यह लिखा है कि कंपनी के खिलाफ जो आरोप लगा था, उसमें सत्यता नहीं पाई गई है। जेएसएससी कंपनी के बिल का भुगतान भी नहीं कर रहा है। इस पर आयोग की ओर से कहा गया कि कंपनी ने जो परीक्षा ली, उसे आयोग को रद्द करना पड़ा है। इस कारण बिल का भुगतान नहीं किया जा सकता। इस पर कंपनी की ओर से दिए गए बिल का सात फीसदी ब्याज के साथ भुगतान करने का निर्देश आयोग को हाईकोर्ट ने दिया। कोर्ट ने कहा कि यदि कंपनी की सिक्योरिटी मनी जब्त की गयी है, तो आयोग उसे वापस करे। झारखंड राज्य कर्मचारी आयोग की ओर से अदालत को बताया गया कि यह परीक्षा 3 जुलाई 2022 को रांची, बोकारो और पूर्वी सिंहभूम जिले में ली गयी थी। पेपर लीक होने और पुलिस जांच के बाद 25 जुलाई 2022 को परीक्षा रद्द कर दी गयी थी।

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