पैनम कोल माइंस में अवैध खनन पर सरकार को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
झारखंड हाईकोर्ट ने पैनम कोल माइंस के अवैध खनन पर कानूनी कार्रवाई की जानकारी मांगी है। सरकार ने कोर्ट के आदेश के बावजूद रिपोर्ट नहीं दी, जिस पर अदालत ने नाराजगी जताई है। मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई...

रांची, विशेष संवाददाता। झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार से पैनम कोल माइंस के अवैध खनन करने पर अब तक की गयी कानूनी कार्रवाई की विस्तृत जानकारी मांगी है। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को निर्धारित करते हुए पूरी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। बुधवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट के आदेश के के बावजूद रिपोर्ट दाखिल नहीं की जा सकी। इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है। इस संबंध में रामसुभग सिंह ने जनहित याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि पाकुड़ जिले के पचवारा नॉर्थ और सेंट्रल कोल माइंस में निर्धारित लक्ष्य से अधिक का खनन पैनम कंपनी ने किया है। खनन में की गयी गड़बड़ी के खिलाफ वर्ष 2015 में जनहित याचिका दायर की गयी थी। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि कंपनी ने गड़बड़ी की है और अब कंपनी चली भी गयी है। अदालत को बताया गया कि कंपनी की ओर से की गयी गड़बड़ी की बात सरकार ने स्वीकार की, लेकिन सरकार ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जो गलत है। वर्ष 2017 में तत्कालीन खनन सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने शपथत्र दाखिल कर बताया था कि कंपनी ने गड़बड़ी की है और अवैध माइनिंग से विस्थापित हुए लोगों के लिए कंपनी ने कुछ नहीं किया है। पैनम कंपनी पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन और इंप्टा कोल माइंस की ज्वाइंट वेंचर कंपनी थी।
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