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कोलयरी मजदूर यूनियन और श्रमिक संघ के केंद्रीय अध्यक्ष बने शिबू सोरेन

मुख्य अतिथि सीएम हेमंत सोरेन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रतिनिधियों को संबोधित किया, यूनियन ने की 9 जुलाई को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में श

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीSat, 28 June 2025 09:28 PM
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कोलयरी मजदूर यूनियन और श्रमिक संघ के केंद्रीय अध्यक्ष बने शिबू सोरेन

रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो झारखंड कोलयरी मजदूर यूनियन और झारखंड श्रमिक संघ का केंद्रीय महाधिवेशन शनिवार को रांची स्थित सीएमपीडीआई के रवींद्र भवन में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के दौरान आगामी कार्यकाल के लिए केंद्रीय समिति एवं कार्यकारिणी सदस्यों का चयन सर्वसम्मति से किया गया। झारखंड कोलयरी मजदूर यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष के रूप में शिबू सोरेन, उपाध्यक्ष मथुरा प्रसाद महतो और विनोद कुमार पांडेय, महासचिव फागू बेसरा, सचिव जय नारायण महतो और कोषाध्यक्ष सोनाराम मांझी चुने गए। वहीं, झारखंड श्रमिक संघ के केंद्रीय अध्यक्ष के रूप में भी शिबू सोरेन का चयन किया गया। महासचिव फागू बेसरा, संयुक्त सचिव शैलेन्द्र मैथ्यू और कोषाध्यक्ष संजीव बेदिया बनाए गए हैं।

महाधिवेशन के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिनिधियों को संबोधित किया। उन्होंने मजदूरों और विस्थापितों के अधिकारों के लिए संगठन को मजबूत करने का आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में मंत्री योगेंद्र प्रसाद मौजूद रहे। महाधिवेशन में लगभग 500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। संचालन मंडली में संजीव बेदिया, जय नारायण महतो, शैलेंद्र मैथी और अखिलेश महतो उर्फ राजू शामिल रहे। महाधिवेशन में यह घोषणा की गई कि यूनियन 9 जुलाई को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में शामिल होगी। कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित महाधिवेशन में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। निजीकरण और चार श्रम कोड का विरोध करने, विस्थापितों के अधिकारों की लड़ाई को तेज करने का निर्णय लिया गया। साथ ही, विस्थापित रैयतों को भूमि का मुआवजा बाजार दर के चार गुना देने, सभी योग्य 18 वर्ष से ऊपर के बेरोजगार विस्थापितों को नौकरी, पुनर्वास के तहत 25 डिसमिल भूखंड पर पक्का मकान और भूमि के बदले भूमि देने की मांग की गई। कोल इंडिया में रैयतों को शेयरधारक बनाए जाने की मांग भी प्रस्तावित की गई। इसके अतिरिक्त, कोल इंडिया की पुनर्वास नीति 2012 में संशोधन कर उसे भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुरूप बनाए जाने तथा वन पट्टा धारित रैयतों को भी मुआवजा देने की मांग की गई है।

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