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लोकतंत्र और वंशवाद एक दूसरे के पूरक नहीं हो सकते : गिरिराज सिंह

आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर रखे विचार, कहा-जमाई टोला से झारखंड की पहचान खतरे में, 25 जून को कांग्रेस पार्टी पूरे देश में करे माफीसभा

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीThu, 26 June 2025 08:13 PM
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लोकतंत्र और वंशवाद एक दूसरे के पूरक नहीं हो सकते : गिरिराज सिंह

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिनाथ सिंह ने गुरुवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता कर कांग्रेस व हेमंत सरकार को घेरा। आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि 50 साल पहले इंदिरा गांधी ने देश पर इमरजेंसी थोपी, लोकतंत्र की हत्या की तो देश की युवा पीढ़ी को आज जानने की जरूरत है कि आखिर आपातकाल क्यों लगाया गया। क्यों लोकतंत्र को मारने की कोशिश की। गिरिराज सिंह ने कहा कि आपातकाल लगाने वाली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वंशवाद की उपज थी। लोकतंत्र और वंशवाद एक दूसरे के पूरक नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले, गुजरात व बिहार के छात्र आंदोलन की पृष्टभूमि में इंदिरा गांधी का तानाशाही चेहरा सामने आया।

उन्होंने दोषमुक्ति तक पद से इस्तीफा देने का फैसला न कर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन 24 जून 1975 को सुप्रीम कोर्ट ने भी इंदिरा गांधी के खिलाफ फैसला दिया। ऐसे में इंदिरा गांधी ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए देश पर 25 जून 1975 की रात तत्कालीन राष्ट्रपति फकरुद्दीन अली अहमद के हस्ताक्षर से आपातकाल थोप दिया। रेडियो प्रसारण से देश की जनता इस काले संदेश को सुनी, लाखों लोगों को बिना कोई कसूर के गिरफ्तार किया गया। 2 लाख से अधिक राजनीतिक दल के नेताओं की गिरफ्तारी की गई। अटल, आडवाणी, राज नारायण, झारखंड के कड़िया मुंडा जैसे अनेक नेता गिरफ्तार किए गए। उन्होंने कहा कि आज भले ही मस्जिदों से कांग्रेस पार्टी के पक्ष में फतवा जारी होता है, लेकिन आपतकाल में मस्जिदों को भी नहीं बख्शा गया था। पकड़-पकड़ कर नसबंदी की जा रही थी। राहुल गांधी पर वार गिरिराज सिंह ने कहा कि आज राहुल गांधी जो किताब लेकर घूमते-फिरते संविधान बचाने की दुहाई देते हैं, उन्हें अपना इतिहास पढ़ना चाहिए। आज के नौजवानों को कांग्रेस के इस चरित्र को जानना जरूरी है। आज कलम की ताकत लोकतंत्र के कारण बची है। कलम बंद नहीं करनी पड़े, इसलिए आज की पीढ़ी को लोकतंत्र के काले अध्याय के विषय में जानना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को थेथरलॉजी छोड़कर 25 जून को देशभर में माफीसभा करके देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा देशभर में मॉक पार्लियामेंट के माध्यम से युवाओं को इस काले अध्याय से परिचित करा रही है। झारखंड में आजादी की तीसरी लड़ाई लड़नी पड़ेगी गिरिराज सिंह ने हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यहां तो आपतकाल से भी भयावह स्थिति है। झारखंड जमाई टोला का राज्य बनता जा रहा। झारखंड बारूद के ढेर पर बैठा है। यह बारूद जमाई टोला है। देश से घुसपैठियों को चिन्हित कर बाहर करने का काम किया जा रहा, लेकिन झारखंड में रेड कार्पेट बिछाया जा रहा। आदिवासी आबादी घट रही। उनके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज बचेगा, तभी तो नेता बनेंगे। पेसा लागू करें हेमंत सोरेन गिरिराज सिंह ने कहा कि हेमंत सरकार ने अबतक पेसा कानून लागू नहीं किया है। यह कानून आदिवासियों की परंपरा- संस्कृति को बचाने का कानून है। जल-जंगल-जमीन पर अधिकार दिलाने का कानून है। आज राज्य के युवाओं को दलगत भावना से ऊपर उठकर झारखंड को बचाने की चिंता करनी चाहिए। हेमंत सरकार सत्ता के लोभ में घुसपैठियों को संरक्षण देकर आपातकाल से भी ज्यादा खतरनाक खेल खेल रही है। प्रेसवार्ता में जिलाध्यक्ष वरुण साहू, प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रदेश प्रवक्ता अजय साह, वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह उपस्थित थे।

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