साइबर सुरक्षा के लिए लालच से बचना ही सबसे बड़ी सावधानी: आईजी सीआईडी
रांची विश्वविद्यालय के गणित एवं एमसीए विभाग ने 'साइबर सुरक्षा: आवश्यकता एवं जिम्मेदारी' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया। मुख्य वक्ता असीम विक्रांत मिंज ने साइबर अपराधों की स्थिति पर चर्चा की। उप पुलिस...

रांची, वरीय संवाददाता। रांची विश्वविद्यालय के गणित एवं एमसीए विभाग की ओर से ‘साइबर सुरक्षा : आवश्यकता एवं जिम्मेदारी विषय पर राज्यस्तरीय संगोष्ठी का आयोजन शनिवार को किया गया। स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष एवं निदेशक डॉ अबरार अहमद ने दिया। उन्होंने वर्तमान डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज ने पुलिस दृष्टिकोण से साइबर अपराधों की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लालच से बचना ही सबसे बड़ी सावधानी है। उप पुलिस अधीक्षक अपराध शाखा नेहा बाला ने बताया कि कैसे भय, लालच और प्रेम का दुरुपयोग कर साइबर अपराध किए जाते हैं।
उन्होंने विभिन्न प्रकार के घोटालों, सरकारी पहल और सावधानियों की जानकारी दी। उप पुलिस अधीक्षक अपराध शाखा अर्चना खलखो और विक्रमजीत ने साइबर फ्रॉड से बचाव एवं सरकारी प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी। सीयूजे के डॉ सुभाष चंद्र यादव ने साइबर स्पेस, साइबर अपराध की परिभाषा और सुरक्षा उपायों पर विस्तृत चर्चा की। बीआईटी मेसरा के डॉ किशोर कुमार सेनापति ने एथिक्स और ट्रस्टवर्दी सिस्टम की चर्चा करते हुए कहा कि विश्वास केवल उन्हीं पर करें जिन्हें आप जानते हैं। एमिटी यूनिवर्सिटी के डॉ बिरेश कुमार ने सतत वैश्विक विकास में इंटरनेट ऑफ थिंग्स की सुरक्षा विश्लेषण विषय पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। डॉ मिथिलेश कुमार पांडेय ने क्रमशः जीआईएस व रिमोट सेंसिंग के साथ साइबर सुरक्षा का समन्वय और डिजिटल नागरिकता एवं साइबर स्वच्छता पर व्याख्यान दिया। रांची विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश कुमार साहू ने कहा कि विकास के साथ पारंपरिक तरीकों को भी बनाए रखना आवश्यक है। मौके पर डॉ आशीष कुमार झा, डॉ शीत निहाल तोपनो, डॉ स्मृति सिंह, डॉ सीपी महतो, डॉ सुनील कुमार सिंह, डॉ अनिल कुमार डेल्टा उपस्थित थे।
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