कोल इंडिया के विभिन्न कंपनियों के अधिकारियों ने किया केज कल्चर का निरीक्षण
कोल इंडिया के अधिकारियों ने तुमांग में केज कल्चर का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने मछली पालन, संचालन और आय के स्रोतों पर चर्चा की। समिति के अध्यक्ष ने बताया कि झारखंड सरकार के सहयोग से बंद खदानों में...

मैकलुस्कीगंज, प्रतिनिधि। कोल इंडिया के छह आनुषंगिक कंपनियों के अधिकारियों ने गुरुवार को तुमांग में केज कल्चर का निरीक्षण किया। सबसे पहले सभी अधिकारियों का दल डकरा आफिसर्स क्लब पंहुचे, जहां एनके एरिया महाप्रबंधक दिनेश कुमार गुप्ता से मुलाकात किया। क्लब में अधिकारियों ने महाप्रबंधक से बैठक कर केज कल्चर सहित कई मुद्दों को लेकर चर्चा की। उसके बाद सभी अधिकारी रोहिणी परियोजना पदाधिकारी दीपक कुमार की अगुवायी में खिलान धौड़ा स्थित केज कल्चर गए, जहां प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के अध्यक्ष बालेश्वर गंझु ने स्वागत किया। उसके बाद सभी अधिकारी नौ नम्बर स्थित केज कल्चर पंहुचे जहां सभी लोग केज कल्चर के बाहर से ही निरीक्षण किया।
अधिकारियों ने समिति के सदस्यों से केज कल्चर के संचालन,मछली पालन, मछलियों को चारा, उत्पादन एव उसके बिक्री और मार्केटिंग की व्यवस्था और उत्पादन होने के बाद आय के स्त्रोत के बारे मे जानकारी लिया। इसके अलावा उन्होंने समिति के संचालन के संबंध में जानकारी ली। केज कल्चर में कितना ग्रामीण और विस्थापित सदस्य है इसकी भी जानकारी लिया। समिति के अध्यक्ष बालेश्वर गंझु ने बताया कि समिति के शुरुआती दौर के साथ संचालन के बारे में विस्तार से बताया। वहीं कहा कि सीसीएल के बंद पड़े खदान में झारखंड सरकार के मतस्य विभाग के द्वारा इस केज कल्चर से मछली पालन कर रोजगार से जोड़ा गया है, जिसमें स्थानीय ग्रामीण और विस्थापित भी है। सीसीएल का भी सहयोग है कि बंद खदान मछली पालन करने के लिए दिया है। यह एक सीसीएल का अच्छा प्रयास है। कोल इंडिया के अन्य आनुषंगिक कंपनियों में शुरू होगा केज कल्चर: कोल इंडिया कोलकाता मुख्यालय से आये एनवायरमेंट मैनेजर डेंघमें एपी ने बताया कि सीसीएल में एनके एरिया में केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन कर स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है। उसी का सभी अधिकारियों का दल जायजा लेने आये थे। यहां के समिति सदस्यों से मिलकर अच्छा लगा और काफी सराहनीय प्रयास है। काफी जानकारी मिली है। कोल इंडिया के वरीय अधिकारी इस योजना अन्य जगहों पर करने के लिए काफी प्रयासरत हैं। इसी तरह अन्य कंपनियों में बंद खदानों में केज कल्चर को शुरू करने का काम होना है। यह रोजगार देने के लिए एक अच्छा कदम है। अधिकारियों ने बंद खदान के मछली पालन की सराहना: विभिन्न कंपनियों से आये दल में शामिल अधिकारियों ने बंद खदान में केज कल्चर से मछली पालन योजना की सराहना की। उन्होंने समिति सदस्यों की तारीफ करते हुए कहा कि बंद खदान से केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन कर लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं, यह काफी सराहनीय कदम है। अधिकारियों के दल में शामिल लोग: बीसीसीएल के मैनेजर सीडी अभिजीत मित्रा, डिप्टी मैनेजर एनवायरमेंट चिराग चोपड़ा,ईसीएल के मैनेजर सीडी अभिनंदन दास,डिप्टी मैनेजर प्रोवशिस घोष,एमसीएल के मैनेजर एनवायरमेंट सुजाता एएम,असिस्टेंट मैनेजर रति रंजन साहू,एनसीएल के एमटी एनवायरमेंट स्वप्निल तिवारी,एसईसीएल के मैनेजर सिविल प्रदीप कुमार द्विवेदी,डिप्टी मैनेजर सीएसआर सतीश कुमार, डब्ल्यूसीएल के डिप्टी मैनेजर एनवायरमेंट असीम अली पी,असिस्टेंट मैनेजर आशुतोष गुप्ता,कोल इंडिया मुख्यालय से मैनेजर एनवायरमेंट डेंगमे एपी शामिल थे।
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