गोला में लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर, कई घर ध्वस्त, जनजीवन अस्त व्यस्त
--गोला क्षेत्र में लगातार बारिश से नदी नाले उफनाई, आधा दर्जन से अधिक गरीबों के आशियाने ढहे, दो मवेशियों मरे, फसलों को भारी नुकसान

गोला, निज प्रतिनिधि। गोला प्रखंड क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से रुक रुक कर व बुधवार को रात भर और गुरुवार को दिनभर हुई बारिश से खेत खलिहान, नदी-नाले तालाब पोखर उफनाने लगे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के सड़कों में जल निकासी का इंतजाम नहीं होने से बारिश का पानी रास्ते में लबालब भर गया है। कई जगहों पर मिट्टी कटाव से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। अत्यधिक बारिश के कारण बरियातु महतो टोला निवासी जयपाल महतो पिता जोधन महतोघर का कच्चो मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गया, जिससे गरीब परिवार को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। उक्त परिवार पलास्टिक तानकर रहने को विवश है।
वहीं साड़म पंचायत के सारेंगतु गांव निवासी कलावती देवी पति मलिलंदर प्रजापति के कच्चे घर को भारी नुकसान पहुंचा है। लगातार बारिश से कलावती का घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे इनके परिवार की चिंता बढ़ गई है। सुतरी गांव निवासी विक्रम सिंह का कच्चा घर ध्वस्त होने से पीड़ित परिवार को भारी आर्थिक हानि का सामना करना पड़ा है। इसी गांव के बंधु बेदिया का दो बैल वज्रपात की चपेट में आने से मौत हो गई। कुम्हरदगा निवासी धनंजय महथा दिवार गिरने से पड़ोस के धनंजय पटेल का घर भरभराकर गिर गया। इसके अलावे कई ग्रामीणों के घर की दीवार धराशायी हो गई है। कई लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बेघर व कच्चे घर में रहने वालों को पक्का आवास बनाकर दने का प्रावधान है। लेकिन यह सारे प्रावधान वास्तविक रूप से गरीब परिवारों के लिए खोखले साबित हो रहे हैं। वहीं लगातार बारिश से जनजीवन अस्त व्यवस्त हो गया है। --गोला में तीन दिनों में 189 मिलीमीटर हुई बारिश-- मॉनसून की दस्तक के बाद पहले दो दिन गोला में छिटपुट बारिश हुई। तीसरे दिन गुरुवार को दिन भर बारिश होती रही। जिससे पूरा क्षेत्र जलमग्न हो गया है। मंगलवार को 32 एमएम बारिश हुई, बुधवार को 47 एमएम और गुरुवार को 110 एमएम बारिश रिकार्ड किया गया। 17 जून से शुरू हुई बारिश में तीसरे दिन औसतन 189 मिमी पानी बरसा है, जो सामान्य से 10 मीमी अधिक है। इस संबंध में कृषि पदाधिकारी अनिल महतो ने बताया कि अत्यधिक बारिश से फसल को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि फसलों के अलावे धान का बिचड़ा लगाने के लिए 100 मीमी तक बारिश होना अच्छा संकेत है। उन्होंने किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि किसानों को अब अपने तीन नंबर खेत में धान बीच का बिचड़ा लगाना चाहिए। इससे धान बीज के सड़ने का खतरा नहीं रहेगा। इधर मुखिया जीतलाल टुडू ने बताया कि भारी से से औंराडीह गांव निवासी सहदेव मांझी, कामेश्वर टुडू, महालाल टुडू, रितुलाल टुडू व अन्य कई ग्रामीणों का टमाटर व अन्य हरि सब्जियों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया है।
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