बोले पलामू : शुद्ध पानी और नियमित बिजली नहीं मिलने से पिछड़ रही पंचायत
पलामू जिले के पूर्णाडीह पंचायत में पेयजल, बिजली और सड़क की स्थिति बेहद खराब है। ग्रामीणों ने बताया कि जलापूर्ति योजना के तहत पानी नहीं मिल रहा है, जबकि बिजली की आपूर्ति भी सीमित है। सड़कें जर्जर हैं,...

पलामू जिले के नीलांबर-पीतांबरपुर पंचायत में स्थित पूर्णाडीह पंचायत के बीच से स्टेट हाइवे गुजरी है। पंचायत में ही झारखंड का दूसरा गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज स्थित है। परंतु पेयजल, सिंचाई, सड़क आदि की स्थिति पूरे पंचायत में बेहतर नहीं हो पाई है। गांव के लोग अब शहर में घर बनाने की जगह गांव में ही पक्का मकान बनाकर रहने की दिशा में बढ़ चले हैं परंतु उनका दर्द है कि बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास तेज नहीं हो रहा है। हिन्दुस्तान के बोले पलामू अभियान के क्रम में ग्रामीणों ने अपना दर्द साझा किया। नीलांबर-पीतांबरपुर। पलामू जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर लेस्लीगंज प्रखंड का पूर्णाडीह पंचायत काफी जागरूक पंचायत हैं।
इस पंचायत में पूर्णाडीह के अलावा बसौरा, झगरपुर, मुंदरिया, तुर्काडीह, जोलंगा आदि गांव स्थित है। इस पंचायत में 7000 से अधिक आबादी निवास करती है। इसमें करीब 3000 आबादी अनुसूचित जाति की जबकि 1400 से अधिक आबाद अनुसूचित जनजाति की है। अन्य पिछड़ी जातियों की आबादी करीब 1200 है। पंचायत के बसौरा गांव में पहले से ही झारखंड सरकार का कृषि फार्म स्थित है। इसी परिसर में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज और राजकीय पोलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना की गई है। इसके कारण अब उत्कृष्ट विद्यार्थियों की भी बड़ी संख्या पंचायत में निवास करती है। मलय नदी के किनारे पंचायत का फैलाव होने और जमीन काफी उपजाऊ होने के कारण किसान खरीफ के अलावा रबी और बगानी फसल भी खूब लगाते हैं। इससे पंचायत के किसानों सहित अन्य परिवारों के आर्थिक विकास को भी बल मिला है। संवाद के क्रम में पंचायत के निवासियों ने बताया कि पूरे पंचायत को लेस्लीगंज बहुग्राम जलापूर्ति योजना से कवर किया गया है। परंतु शुद्ध पानी की आपूर्ति नियमित रूप से नहीं हो पाती है। बिजली आपूर्ति नेटवर्क की स्थिति भी ठीक नहीं है। जर्जर तार-पोल के कारण अक्सर शॉटसर्किट होता रहता है। पंचायत के गांवों को जोड़ने वाली सड़कों की स्थिति बेहद खराब है। जलनिकासी के लिए भी पंचायत में नालियों का समुचित संख्या में निर्माण नहीं करवाया गया है। पंचायत के टोले के सड़कों की स्थिति काफी बदतर है। पंचायत में मलय नहर पहुंची है परंतु सिंचाई के लिए पानी नहीं पहुंच पाता है। इसके कारण किसान मानसून आधारित खेती करते हैं। इससे अक्सर नुकसान हो जाता है। वैकल्पिक सिंचाई व्यवस्था बिजली आपूर्ति की खराब स्थिति के कारण सहयोगी नहीं बन पा रहा है। संवाद के क्रम में लोगों ने बताया कि पंचायत के पुर्णाडीह, गुरियादमर, झगरपुर, बाक्सखाप, मुंदरिया, चिरइयाटांड, बसौरा और उड़हुलिया सभी गांव में सड़क की स्थिति ठीक नहीं है। बिजली के तार-पोल की स्थिति भी बेहद खराब है। बिजली आपूर्ति भी 10-12 घंटे ही हो पाती है। इसके कारण बच्चों की पढ़ाई पर भी खराब असर पड़ रहा है। पंचायत में मलय का नहर जब आई थी कि तो किसान बेहद खुश हुए थे परंतु दशकों तक निराश होना पड़ा क्योंकि पानी नहीं आ पाता था। आठ वर्ष पहले जब नहर का पक्कीकरण किया गया तो एक बार पुन: किसानों की उम्मीद जगी थी परंतु नहर का पक्कीकरण के बावजूद खेतों तक सिंचाई के लिए पानी नहीं पहुंचा। ग्रामीणों ने बताया कि पाइप लाइन जलापूर्ति योजना को लेकर भी बेहतर जीवन की उम्मीद हुई थी परंतु अबतक समस्या का निदान नहीं हो पाया है। पंचायत क्षेत्र की सड़कें जर्जर पंचायत में मेदिनीनगर पांकी मुख्य पथ से पहुंचने के लिए पक्की सड़क तो है लेकिन उसकी हालत ठीक नहीं है। पंचायत के अंदर गांव को जोड़ने वाली सड़को की स्थिति बहुत खराब है। बरसात के दिनों में सड़कों पर कीचड़ भर गया है। लोगों को सड़को पर चलना मुश्किल हो जाता है। बीमार पड़ने पर लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पंचायत के अंदर अभी गांव को जोड़ने वाली सड़को को पक्कीकरण करने की जरूरत है। जिससे लोगों को परेशानी से निजात मिल सके। नल-जल योजना का लाभ नहीं पेयजल के लिए पंचायत में बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना लेस्लीगंज स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति कर हर घर को नल से जल की आपूर्ति करना था लेकिन पंचायत में अभी तक किसी भी घर को नल से जल का लाभ नहीं दिया गया है। बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना से पंचायत तक स्वच्छ पेयजल पहुंचने के लिए काम को अधूरा छोड़ दिया गया है। इस कारण लोगों को पेयजल के लिए अभी भी भटकना पड़ रहा है। जल जीवन मिशन भी इस पंचायत में असफल है। पंचायत में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के विभाग को सकारात्मक पहल करना चाहिए ताकि लोगों को पेयजल मिल सके। बिजली के जर्जर हैं पोल व तार पंचायत में बिजली की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पुरानी पोल - तार के कारण हमेशा फॉल्ट होते रहता है। लो वोल्टेज और फ्लैक्चुएशन के कारण बिजली की घरेलू उपकरण खराब हो जाते हैं। बिजली आपूर्ति भी ठीक नहीं है। पंचायत क्षेत्र में आठ से 12 घंटा ही बिजली रहती है। पंचायत में बिजली को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। जिससे किसानों के साथ ग्रामीणों को बिजली की सुविधा समुचित मिल सके। क्षेत्र की 90% आबादी कृषि पर निर्भर है। सड़क पर बहती है नाली का पानी पंचायत में आधारभूत सुविधा का घोर अभाव है। सड़को के किनारे नाली नहीं होने से लोगों को सड़को पर पानी बहाना पड़ता है। गंदा पानी सड़को पर बहने से गन्दगी फैला हुआ है। लोगों लो सड़को पर चलना मुश्किल है। लोग गंदगी के कारण कोई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। पंचायत के अंदर सभी ग्रामीण सड़को के किनारे नालियों की निर्माण की जरूरत है। जिससे पंचायत में गंदगी से बचा जा सके और लोग बीमारियों से दूर हो सके। सिंचाई की सुविधा नहीं पंचायत के 90% लोग किसान हैं। ग्रामीण खेती पर निर्भर हैं। लेकिन सिंचाई के लिए को समुचित सुविधा नहीं है। मलय नदी से निकाला गया नहर भी बेकार है। नहर में समय पर पर्याप्त पानी नहीं मिलने से लोगों को मोटर पम्प पर निर्भर रहना पड़ता है। मलय नदी से निकाला गया नहर को सफाई करने की जरूरत है। साथ हीं किसानों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई के लिए पानी की सप्लाई किया जाना चाहिए। ताकि किसानों को सिंचाई की कमी को दूर हो सके। समस्याएं 1. सड़क ठीक नहीं रहने से ग्रामीणों को शहर की ओर जाने में बहुत परेशानी होती है। 2. स्वच्छ पेयजल के लिए जल जीवन मिशन से बनाया गया योजना बेकार हो गया है। 3. पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। इसके कारण नाली का पानी सड़को पर बहता है। 4. बिजली की स्थिति बहुत खराब है पुरानी पोल और तार दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है। 5. सिंचाई की सुविधा नहीं होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सुझाव 1. लोगों की सहूलियत का ध्यान रखते हुए पंचायत में पक्की व चौड़ी सड़क बनाया जाना चाहिए। 2. बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना से आच्छादन कर स्वच्छ पेयजल की सुविधा बहाल की जानी चाहिए। 3. सड़कों के दिनों किनारे नाली का निर्माण कर पानी निकासी की व्यवस्था किया जाना चाहिए है। 4. बिजली की पुरानी पोल और तार को बदल कर बिजली की आपूर्ति नियमित किया जाना चाहिए। 5. पंचायत में सिंचाई के लिए बनाई गई नहर को सफाई और सुदृढ़ किया जाना चाहिए। इनकी भी सुनिए सरकार ग्राम पंचायतों को आवश्यक संसाधन और जरूरत के हिसाब से राशि उपलब्ध नहीं करा रही है। इस कारण पंचायत में मूलभूत समस्याओं का भी समाधान तत्परता से नहीं हो पा रहा है। आवंटन के लिए कई बार सक्षम पदाधिकारी के समक्ष आवाज उठाई गई है, परंतु अबतक निदान नहीं निकला है। -गुड्डी देवी, मुखिया, पूर्णाडीह पंचायत पूर्णाडीह पंचायत सहित पूरे नीलांबर-पीतांबरपुर प्रखंड के विकास के लिए विधायक डॉ कुशवाहा शशिभूषण मेहता के नेतृत्व में पहल की जा रही है। वह सरकार पर भी दबाव बनाकर पर्याप्त आवंटन प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। पंचायतों को राशि आवंटित नहीं होने से विकास की गति धीमी हुई है। -प्रकाश मेहता, विधायक प्रतिनिधि ग्रामीणों ने कहा- सुविधाओं में हो वृद्धि पंचायत में बसौरा में इंजीनियरिंग कॉलेज और पोलिटेक्निक कॉलेज है। मुंदरिया में एवम गुरियादमर में हाई स्कूल भी है। परंतु शिक्षा का माहौल अभी तक पंचायत में सकारात्मक नहीं बना है। -कृष्णा सिंह आदिवासियों के विकास के लिए सरकार कई योजना चलाने की बात करती है। परंतु सब छलावा है। पूर्णाडीह पंचायत में आदिवासी बड़ी संख्या में रहते हैं। फिर भी यह पिछड़ा पंचायत है। -मनोज सिंह चेरो सरकार पंचायती राज के माध्यम से गांव की समस्या समाधान की बात करती है लेकिन गांव के समस्या के समाधान के लिए सार्थक प्रयास नहीं कर रही है। फंड उपलब्ध कराने में पीछे रह जा रही है। -गुड्डू सिंह नहर का पक्कीकरण हुआ है किंतु पानी नहीं आने से ग्रामीणों को कोई फायदा नहीं हुआ। उपजाऊ जमीन भी नहर में चला गया है। नहर निर्माण से गांव का पानी निकास भी प्रभावित हुआ है। -गोपाल सिंह पूर्णाडीह पंचायत का अपेक्षित विकास नहीं हुआ। खेती के लिए उपजाऊ जमीन है, पर सिंचाई के साधन नहीं है। मलय नदी के नहर का पक्कीकरण किया गया है किंतु पानी आता ही नही है। -वरुण जायसवाल पानी निकास के लिए नाली का निर्माण और ऊंची सड़क का निर्माण जरूरी है। पंचायत में सिंचाई की सुविधा के लिए मलय नहर को उपयोगी बनाना जरूरी है। वर्तमान में नहर में पानी ही नहीं आता है। -शम्भू सिंह सरकार का ध्यान गांव पर नहीं है। चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करती है और चुनाव बाद भूल जाती है। ग्रामीण परेशानी में जी रहे हैं। बुनियादी समस्याओं का निदान नहीं निकाला जा रहा है। -संतोषी सिंह सरकार सिर्फ वादा पूरा कर दे तो समस्या का निदान हो जाएगा। आदिवासी होने के बावजूद 80-85 साल हो गया, एक अदद आवास तक नही मिला। आज भी मिट्टी के घर में रहते हैं। -अनंत सिंह पेयजल और सिंचाई की समस्या पूर्णाडीह पंचायत में काफी बड़ी है। चापाकल खराब पड़ा हुआ है। खेत उपजाऊ है किंतु सिंचाई की सुविधा नहीं है। बिजली आपूर्ति की स्थिति भी काफी खराब है। -धनंजय सिंह सड़क की समस्या पंचायत के सभी गांव में है। कच्ची सड़कों में बरसात में पानी भर जाता है। सभी सड़कें टूटी हुई है। आने-जाने में काफी परेशानी होती है। नालियों का भी निर्माण नहीं करवाया गया है। -राधा सिंह सड़कों के साथ-साथ पूरा पंचायत बिजली की कटौती से जूझ रही है। बिजली कटौती से बच्चों की पढ़ाई, गृहकार्य और खेती प्रभावित होता है। नाली का निर्माण भी समुचित संख्या में नहीं करवाया गया है। -अनेश्वर सिंह सड़क की हालत भी काफी खराब है। पेयजल के लिए पाइप लाइन की व्यवस्था की गई परंतु निदान नहीं हो पाया है। समस्या का निदान के लिए मांग भी की जाती है परंतु निदान नहीं हो पा रहा है। -बिनोद सिंह
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।