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संवाद/करोड़ों की लागत से बने सामुदायिक शौचालय बेकार साबित हो रहे

मिहिजाम,प्रतिनिधि।नगर परिषद मिहिजाम में करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए नौ सामुदायिक शौचालय बेकार साबित हो रहे हैं। सामुदायिक शौचालय बिना उपयोग के बं

Newswrap हिन्दुस्तान, जामताड़ाSat, 28 June 2025 09:07 PM
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संवाद/करोड़ों की लागत से बने सामुदायिक शौचालय बेकार साबित हो रहे

मिहिजाम,प्रतिनिधि। नगर परिषद मिहिजाम में करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए नौ सामुदायिक शौचालय बेकार साबित हो रहे हैं। सामुदायिक शौचालय बिना उपयोग के बंद पड़े हैं, जिनमें ताले लगे हुए हैं, और लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। कुछ शौचालयों में ताले लटके हैं, जबकि कुछ में मूलभूत सुविधाओं, जैसे पानी और सफाई की व्यवस्था नहीं है। न्यू कॉलोनी पोखरतल्ला में हाई स्कूल बड़ी तालाब के किनारे बने शौचालय का उपयोग शौच और कचरा स्थल के रूप में किया जा रहा है। इसी तरह, 2020 में 06 लाख रुपये की लागत से बना मोबाइल शौचालय भी भागा जलापूर्ति फिल्टर हाउस में बेकार पड़ा है।

इन शौचालयों के बंद होने का मुख्य कारण नगर परिषद की उदासीनता और रखरखाव की कमी है। इसके अलावा, कुछ शौचालयों का निर्माण अनुपयुक्त स्थानों पर किया गया है। जिससे शौचालय का उपयोग नहीं हो पा रहा है। इन सामुदायिक शौचालयों के बेकार होने से न केवल सरकार के पैसे की बर्बादी हो रही है, बल्कि आम लोगों को भी खुले में शौच जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जिससे स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत नौ स्थानों पर बनाए गए शौचालय: स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर परिषद मिहिजाम में नौ जगहों पर लगभग 02 करोड़ 25 लाख की लागत से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया, ताकि लोग खुले में शौच नहीं जाए। जिनमें वर्षों बाद भी ताले लटके हैं। सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराने का उद्देश्य यह था कि राहगीर और गरीब जरूरतमंदों को बेहतर शौचालय की सुविधा मिले। इसके साथ ही खुले में शौच जाने से मुक्ति मिले, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही की वजह से शौचालय का उपयोग नहीं किया जा रहा है। लोगों का आरोप है कि सिर्फ संवेदक को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाने के लिए शौचालयों का निर्माण करा दिया गया। क्या कहते हैं लोग: शीघ्र सामुदायिक शौचालय को उपयोग में लाना चाहिए। कार्य में कोताही करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई भी करें, ताकि सरकारी पैसे का बंटरबांट नहीं हो सके। काजू शर्मा। नगर परिषद के उदासीन रवैए के कारण सभी सामुदायिक शौचालयों का उपयोग नहीं हो रहा है। कहीं पर पानी तो कहीं बिजली के कारण शौचालय बंद पड़े हैं। रामधनी यादव। सिर्फ संवेदक को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शौचालय का निर्माण कराया गया है। नगर परिषद को आम जनता से कोई लेना देना नहीं है। यही कारण है कि सामुदायिक शौचालय बंद पड़े हैं। गोपाल प्रसाद। नगर परिषद अंतर्गत बनाए गए सामुदायिक शौचालय सिर्फ शोभा की वस्तु बन कर रह गई है। रखरखाव और अधिकारियों और जन प्रतिनिधि को भी सकारात्मक पहल करनी चाहिए। राजेन्द्र प्रसाद। सामुदायिक शौचालय बने 07 वर्ष हो चुके हैं, परन्तु इसके उपयोग के लिए किसी जनप्रतिनिधि ने आवश्यक पहल नहीं की। जिससे करोड़ों की लागत से बने शौचालय बेकार पड़े हैं। तरुण मिस्त्री। मिहिजाम नगर परिषद को इन सामुदायिक शौचालयों की स्थिति में सुधार करने और उन्हें उपयोग में लाने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। महेन्द्र प्रसाद। फोटो मिहिजाम 01: न्यू कॉलोनी पोखर तल्ला में बेकार पड़ा शौचालय। फोटो मिहिजाम:काजू शर्मा, रामधनी यादव, तरुण मिस्त्री, महेन्द्र प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व गोपाल प्रसाद।

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