Hindi NewsJharkhand NewsJamshedpur NewsUGC Tightens Anti-Ragging Guidelines to Combat Complaints in Indian Universities

नई गाइडलाइन में छात्रों के रंग पर टिप्पणी करना भी रैगिंग के दायरे में

हाल के वर्षों में रैगिंग की बढ़ती शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, यूजीसी ने नई गाइडलाइन जारी की है। अब रैगिंग के दायरे में केवल शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न नहीं, बल्कि भाषा, जाति, धर्म आदि पर टिप्पणी...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरSat, 21 June 2025 06:43 PM
share Share
Follow Us on
नई गाइडलाइन में छात्रों के रंग पर टिप्पणी करना भी रैगिंग के दायरे में

हाल के वर्षों में रैगिंग को लेकर मिली शिकायतों को देखते हुए अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने रैगिंग की गाइडलाइन में बदलाव लाते हुए नियमों को सख्त बना दिया है। वर्तमान में कोल्हान विश्वविद्यालय एवं जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के सभी स्टेट यूनिवर्सिटी में चार वर्षीय स्नातक (यूजी) कोर्स के नए सत्र के लिए नामांकन प्रक्रिया चल रही है। इस बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कोल्हान विश्वविद्यालय समेत सभी विश्वविद्यालयों को रैगिंग रोकने के लिए नियमों में किए गए बदलाव को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इसी के साथ इस गाइडलाइन को सख्ती से लागू करने के निर्देश जारी किए हैं।

कोल्हान विश्वविद्यालय को भेजी गाइडलाइन से संबंधित पत्र में यूजीसी की ओर से कहा गया कि अब सिर्फ शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न ही रैगिंग के दायरे में नहीं आएगा, बल्कि नई गाइडलाइन में किसी छात्र की भाषा, क्षेत्र, जाति, रंग, धर्म, लिंग, जन्मस्थान या आर्थिक पृष्ठभूमि पर की गई कोई भी टिप्पणी भी गंभीर रैगिंग मानी जाएगी। गाइडलाइन में यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को अपने कैंपस में एंटी-रैगिंग कैंपस के तौर पर स्थापित करने को कहा है। इसके लिए एंटी रैगिंग कमेटी बनाने के लिए कहा गया है। एंटी रैगिंग गठित कमेटी कैंटीन, हॉस्टल, शौचालय, बस स्टैंड जैसे स्थानों का औचक निरीक्षण करेगी। इसके अलावा अब विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में ऐसे डार्क प्लेस की पहचान की जाएगी, जो सामान्यतः कैंपस का ऐसा कोना होता है, जहां बहुत ज्यादा भीड़ भाड़ नहीं होती है। ऐसे डार्क प्लेस की अबतक आमतौर पर निगरानी नहीं होती थी, लेकिन अब ऐसे डार्क प्लेस पर अनिवार्य रूप से कॉलेजों को सीसीटीवी कैमरे की जद में लाना होगा। यूजीसी ने पत्र में विश्वविद्यालय से कहा कि लगातार नए छात्रों से संवाद और काउंसिलिंग की जाए, ताकि रैगिंग की शुरुआत में ही खतरे को भांपा जा सके। नामांकन के समय ही छात्रों को जमा करना होगा शपथ पत्र कॉलेज समेत उच्च शिक्षण संस्थानों को एडमिशन फॉर्म में एंटी रैगिंग की जानकारी देनी होगी। छात्रों व उनके अभिभावकों से रैगिंग न करने का शपथपत्र लेना अनिवार्य होगा। यह एक कानूनी दस्तावेज होगा जिसमें छात्र यह लिखित रूप में वादा करेगा कि वह किसी भी प्रकार की रैगिंग में शामिल नहीं होगा। विद्यार्थियों के इस शपथ पत्र को जमा लेने के बाद विश्वविद्यालय इसे यूजीसी के एंटी रैगिंग रेगुलेशन के तहत समर्पित करेगा। यूजीसी की ओर से इस शपथ पत्र की कॉपी प्राप्त होने के बाद ही विश्वविद्यालय को एंटी रैगिंग रेगुलेशन के तहत मान्यता दी जाएंगे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें