एमजीएम डिमना में स्टैटिक एक्स-रे मशीन नहीं, हर दिन सौ से अधिक मरीजों को परेशानी
एमजीएम अस्पताल साकची को डिमना में स्थानांतरित कर दिया गया है, लेकिन वहां केवल दो पोर्टेबल एक्स-रे मशीनें हैं। मोटे मरीजों के एक्स-रे स्पष्ट नहीं आ रहे हैं, जिससे डॉक्टरों को परेशानी हो रही है। साकची...

एमजीएम अस्पताल साकची को डिमना में लगभग स्थानांतरित कर दिया गया है, लेकिन वहां की दो में से एक भी स्टैटिक एक्स-रे मशीन डिमना नहीं लाई गई है। फिलहाल, डिमना स्थित नए भवन में केवल दो पोर्टेबल एक्स-रे मशीनें हैं, जो सीमित प्रकार के एक्स-रे करने में सक्षम हैं। नतीजतन, कई मरीजों को बाहर के निजी केंद्रों पर महंगे दरों में एक्स-रे कराना पड़ रहा है। डिमना अस्पताल में ओपीडी के साथ वार्ड भी शुरू हो चुका है। ओपीडी में प्रतिदिन 800 से 1000 मरीज पहुंच रहे हैं, जिनमें से 100 से अधिक को एक्स-रे की सलाह दी जाती है। इनमें से कई मरीजों को रीढ़, सीने या कमर का एक्स-रे कराना होता है।
पोर्टेबल मशीनें इन अंगों या मोटे व्यक्तियों के लिए स्पष्ट इमेज नहीं दे पातीं, जिससे डॉक्टरों को बीमारी समझने में कठिनाई होती है। मोटे लोगों के एक्स-रे नहीं आते स्पष्ट रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. डीसी बेसरा ने बताया कि साकची में दो स्टैटिक मशीनें थीं। एक डिजिटल और दूसरी सीआर मशीन। इनसे प्राप्त एक्स-रे इमेज काफी स्पष्ट होती थी। वहीं, डिमना में लगी पोर्टेबल मशीन मोटे मरीजों या विशेष अंगों के एक्स-रे में संतोषजनक तस्वीर नहीं दे पा रही है। साकची की मशीन बंद, शिफ्ट करने में अड़चन साकची में मौजूद एक्स-रे मशीनें अब भी वहीं बंद पड़ी हैं। इन्हें डिमना लाने का प्रयास किया गया था, लेकिन संबंधित कंपनी ने मशीन को खोलकर शिफ्ट करने और दोबारा इंस्टॉल करने के एवज में 10 लाख की मांग की है। अधिक खर्च के कारण मामला अटका हुआ है। टेंडर प्रक्रिया से हो सकता है समाधान एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरके मंधान ने बताया कि कंपनी द्वारा 10 लाख की मांग अधिक होने के कारण उपायुक्त से बातचीत की गई। उपायुक्त ने इसके लिए टेंडर कराने का सुझाव दिया है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद उपयुक्त एजेंसी को मशीन स्थानांतरण का कार्य सौंपा जाएगा। ---------- इतने बड़े भवन में करोड़ों खर्च हो गए, लेकिन एक्स-रे मशीन नहीं लाई गई। इससे मरीजों को परेशानी हो रही है। रोहित प्रसाद गुप्ता, शंकोसाई एक्स-रे मशीन लगाई गई, लेकिन मरीजों को बाहर जाकर जांच कराना पड़े तो इसका क्या लाभ है। विभाग जल्द इसकी व्यवस्था करे। - लक्ष्मी देवी, शंकोसाई यहां ज्यादातर गरीब लोग ही इलाज कराने आते हैं। उन्हें बाहर एक्स-रे कराना पड़े तो इस व्यवस्था का क्या फायदा होगा। -अनिल तिवारी, तमोलिया, पारडीह बाहर में ज्यादा शुल्क देना पड़ रहा है, जबकि दो मशीन साकची में रखी हुई है। उसे जल्द यहां लाने की व्यवस्था करनी चाहिए। -ददन यादव, बारीगोड़ा
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