तुलसी भवन में डॉ. जनार्दन प्रसाद एवं शीतल दुबे की पुस्तकें लोकार्पित
सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन में देवकी नंदन खत्री की जयंती समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुभाष चन्द्र मुनका ने की। मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम...

सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन-तुलसी भवन की ओर से संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक कथा मंजरी सह हिन्दी साहित्य के प्रथम तिलिस्मी लेखक देवकी नंदन खत्री की जयंती समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र मुनका ने की, जबकि संचालन समिति के अजय प्रजापति ने किया। इस अवसर पर संस्थान के न्यासी अरुण कुमार तिवारी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्पण से हुआ। इसके पश्चात डॉ. लता मानकर की सरस्वती वंदना और सुरेश चन्द्र झा द्वारा देवकी नंदन खत्री के साहित्यिक जीवन पर आधारित परिचय प्रस्तुत किया गया।
समारोह के दौरान अतिथियों द्वारा हिन्दी के दो नवप्रकाशित उपन्यास डॉ. जनार्दन प्रसाद की परा-प्रवास और शीतल प्रसाद दुबे की निष्कलंक का लोकार्पण किया गया। मौके पर डॉ. जनार्दन प्रसाद एवं शीतल प्रसाद दुबे का साहित्यिक जीवन परिचय क्रमशः कैलाश नाथ शर्मा गाजीपुरी और दिव्येन्दु त्रिपाठी द्वारा प्रस्तुत किया गया, जबकि यमुना तिवारी व्यथित ने दोनों का काव्यात्मक परिचय दिया। दोनों पुस्तकों पर पाठकीय प्रतिक्रिया क्रमशः लता मानकर और ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र द्वारा व्यक्त की गई। कार्यक्रम के अगले सत्र में ‘कथा मंजरी के अंतर्गत विभिन्न विषयों पर आधारित कुल 12 कहानियों का पाठ किया गया। कथा पाठ के उपरांत अतिथियों ने प्रत्येक रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी प्रस्तुत की। अंत में संस्थान के मानद महासचिव डॉ. प्रसेनजित तिवारी ने स्वागत भाषण दिया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन समिति के उपाध्यक्ष राम नंदन प्रसाद ने किया।
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