बालीगुमा ग्राम सभा ने की घर तोड़ने पर रोक की मांग
बालीगुमा ग्राम सभा ने आदिवासियों के घरों को तोड़ने पर रोक लगाने की मांग की है। ग्राम सभा का कहना है कि ये लोग वर्षों से वन भूमि पर रह रहे हैं और उनकी आजीविका जल, जंगल और जमीन पर निर्भर है। झारखंड...

बालीगुमा ग्राम सभा ने मानगो अंचल के बालीगुमा मौजा में वन भूमि पर बसे आदिवासियों के घरों को तोड़ने पर रोक लगाने की मांग की है। ग्राम सभा की ओर से मंगलवार को उपायुक्त के नाम सौंप गए ज्ञापन में इस आशय की मांग की गई। ग्राम सभा का कहना है कि गांव के लोग जल, जंगल, जमीन पर आश्रित हैं। अधिकांश वाशिंदे गरीब, मजदूर और आदिवासी हैं। ये सभी वर्षों से वन भूमि पर खेती-बाड़ी करते आ रहे हैं। कई लोगों ने घर भी बना लिया है। वर्तमान में उन लोगों के घरों को वन विभाग के द्वारा तोड़ा जा रहा है, जिससे बरसात में उनका परिवार संकट में आ गया है।
ग्राम सभा का कहना है कि झारखंड सरकार ने वन अधिकार कानून 2006 के तहत उनको बन पट्टा देने का अधिकार प्रावधान किया है। इसलिए ऐसे लोगों के घर तोड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई है और उन्हें वन पट्टा प्रदान करने का आग्रह किया गया है। ज्ञापन सौंपने वालों में ग्राम प्रधान रमेश चंद्र मुर्मू, मोहन हांसदा, मदन मोहन सोरेन, पप्पू सोरेन, संतन हासदा, गणेश मार्डी लुगु हासदा सहित दर्जनों ग्रामीण पहुंचे थे।
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