बंदखारो के दो प्रवासी मजदूरों का विदेश में पड़ा है शव
विष्णुगढ़ के बंदखारो में दो प्रवासी श्रमिकों धनंजय महतो और रामेश्वर महतो की मौत विदेश में हुई है। धनंजय की सऊदी अरब में और रामेश्वर की कुवैत में मौत हुई। दोनों के शव अब तक घर नहीं पहुंचे हैं, जिससे...

विष्णुगढ़, प्रतिनिधि। प्रखंड के जोबर पंचायत अंतर्गत बंदखारो के दो प्रवासी श्रमिकों का शव विदेश में पड़ा हुआ है। शव की आस में परिजनों बेहाल और परेशान हैं। कई जगहों पर परिजन शव को लाने की गुहार लगा रहे हैं। इसके बावजूद दोनों श्रमिकों का शव अब तक नहीं पहुंच सका है। दोनों घरों में मातम पसरा हुआ है एवं दोनों घरों के चूल्हे ठंडे पड़े हुए हैं। बंदखारो निवासी धनंजय महतो की मौत बीते 24 मई को सऊदी अरब में हुई है। वहीं, उसी गांव के रामेश्वर महतो ने बीते 15 जून को अपनी अंतिम सांस कुवैत में ली है।
बता दें कि धनंजय महतो (32) पिता बैजनाथ महतो की मौत सऊदी अरब में काम के दौरान छत से गिरकर हो गई थी। वे करीब एक वर्ष पूर्व कमाने के लिए सऊदी अरब गए थे। वहां एलएंडटी कंपनी के ट्रांसमिशन लाइन में हेल्पर के रूप में काम कर रहे थे। काम के बाद ताबुक शर्मा रोड स्थित तमामी कैंप परिसर स्थित डेरा की बालकनी में मोबाइल पर बात करने के दौरान चक्कर खाकर वे नीचे गिर पड़े थे। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद उनका शव सऊदी अरब में हीं पड़ा है। वे अपने पीछे पत्नी गीतांजलि देवी, पुत्र संजय कुमार, सुनील कुमार छोड़ गए हैं। वहीं, कुवैत में काम करने के दौरान रामेश्वर महतो की मौत हो गई थी। उनका भी शव पोस्टमार्टम के बाद वहीं पड़ा हुआ है। प्रवासी श्रमिक कार्यकर्ता सिकंदर अली इन दोनों मामलों पर पहल कर रहे है। उन्होंने कंपनी से आश्रितों के लिए उचित मुआवजा के साथ दोनों शव को शीघ्र पैतृक गांव भेजने की मांग की है। कहा है कि हजारीबाग, गिरिडीह एवं बोकारो जिले के बड़ी संख्या में श्रमिक देश-विदेश में कार्यरत हैं। ऐसे में उनके साथ अनहोनी के बाद शव लाने की पीड़ा और मुआवजा एक बड़ी समस्या होती है। ऐसे में सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत हैं।
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