बोले हजारीबाग : मोहल्लेवासी बोले- पक्की रोड दो , बरसात में कीचड़ से मुक्ति दिलाओ
हजारीबाग के सरहुल नगर में रह रहे लोग बुनियादी सुविधाओं की कमी और कच्ची सड़कों के कारण परेशान हैं। लोग बरसात में कीचड़ और गड्ढों से जूझ रहे हैं, जिससे दुर्घटनाएँ और विवाद बढ़ रहे हैं। नगर निगम द्वारा...
हजारीबाग में कभी बसने का मतलब था-स्वच्छता, शीतलता, शांति और शिक्षा से जुड़ना। ये चार ‘श इस शहर की पहचान थे, लेकिन वक्त ने इनमें से तीन को धीरे-धीरे धुंधला कर दिया है। खासकर सरहुल नगर (टेकलाल महतो कॉलोनी) जैसी बस्तियां आज बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही हैं। एनएच-522 से महज डेढ़ किमी दूर यह इलाका जैसे ही पक्की सड़क से अलग होता है, लोगों को कीचड़ और गड्ढों से जूझना पड़ता है। बरसात में हालत और बदतर हो जाती है। ‘बोले हजारीबाग कार्यक्रम के दौरान यहां के लोगों ने दर्द बयां किया। हजारीबाग । सरहुल नगर की कच्ची गली बरसात में आफत बन गयी है।
इस मार्ग पर चलना खतरे से खाली नहीं है। रोज इस कच्ची सड़क में स्कूल जाने वाले बच्चे ऑफिस जाने वाले कीचड़ में फंसकर गिर जाते हैं या चक्का जाम होने के कारण किसी को धक्का मार बैठे हैं। इस कारण बरसात में मोहल्ले के लोगों के बीच में मारपीट बढ़ गयी है लोगों को लगता है की कोई जानबूझकर हमें बाइक से कीचड़ उछल गया जबकि मुख्य समस्या पक्की सड़क पर नहीं होना है।गर्मी के दिनों में ऐसा कभी नहीं होता है। इस कॉलोनी में 1000 से ऊपर घर है और हर साल कम से कम 100 घरों में गृह प्रवेश होता है और उतना ही घर बनते भी रहता है। इस कॉलोनी का इतना व्यापक विकास हो रहा है की भविष्य में यह हजारीबाग का सबसे बड़ा कॉलोनी बन सकती है। फोर लेन बाईपास के उस पार कन्हरी के जंगल तक इस कॉलोनी का विकास हो चुका है। कॉलोनी के बसे हुए भी 25 साल से ऊपर का समय हो गया है परंतु नगरीय सुविधा बिल्कुल नदारद है। लोग अपनी जमीन छोड़कर गली या रोड तो बना रहे हैं परंतु नगर निगम या जिला प्रशासन के तरफ से उसका पक्कीकरण या पीसीसी निर्माण नहीं हुआ है। इस संबंध में कई बार स्थानीय सांसद और विधायक से भी मिलकर आग्रह किया गया है परंतु लोग अभी भी इंतजार ही कर रहे हैं। स्ट्रीट लाइट की स्थिति भी बहुत खराब है। एक तो नगर निगम में होने के बावजूद भी देहाती क्षेत्र का बिजली आपूर्ति की जाती है और सभी पोल पर लगे बिजली के बल्ब कब के खराब हो चुके हैं जिसके कारण रात में अक्सर दुर्घटना और अपराध हो जाता है। बरसात में अंधेरे में जब कोई रात में आता है और उसकी स्कूटी या बाइक कीचड़ में फंस जाता है तो उसे मदद करने वाला भी नहीं मिलता है क्योंकि अंधेरे के कारण लोगों को सही रास्ता भी नहीं दिखता है और वह खुद चोटिल हो जाता है। बाइक सवार छिनतई करने वाला ग्रुप भी इधर बहुत सक्रिय है अंधेरे का फायदा भी इन चोरों को मिल जाता है। जब सड़क ही कच्ची और कीचड़ युक्त है तो नगर निगम के सफाई कर्मियों को भी नहीं आने का बहाना मिल जाता है। शिकायत करने पर कहा जाता है उधर जाने में बहुत समय लगता है गाड़ी कीचड़ में फंस जाता है इसलिए उतना समय में दो-तीन कॉलोनी का सफाई कर लेंगे। इस कॉलोनी के लोग तो मजबूर है क्योंकि वे यहां घर बन चुके हैं सड़क बना या ना बने कीचड़ रहे या ना रहे उन्हें तो आना ही है। नगर निगम को नियमित टैक्स देने के बाद भी बिजली के अलावा और कोई नगर निगम का सेवा सालों भर नही मिलता है। अगर बरसात में नगर निगम सेवा देने में अक्षम है तो यह चार महीना वह टैक्स भी ना ले। सड़क बनाना सफाई करना बिजली के बल्ब लगाना ताकि सड़कों को रोशनी हो यह तो उसके हिस्से में है और जब यह कोई सुविधा नहीं मिल रहा तो फिर निगम टैक्स किस बात का लेता है। इस कॉलोनी में ज्यादातर पढ़ने लिखने वाले विद्यार्थी और नौकरी पेशा करने वाले लोग रहते हैं। लॉज हॉस्टल रहने के कारण छात्रों को पढ़ने में बहुत परेशानियों का सामना करता पड़ता है। न नियमित सफाई होता है,न फौगिंग,न पक्की सड़क का निर्माण और न ही बिजली की सही आपूर्ति है। इस कारण लॉज,हॉस्टल खाली रहने लगा है। लोगों को अब यहां बसने का हो रहा है मलाल कॉलोनी क लोगों ने बताया कि अपने गांव से यह सोचकर हजारीबाग में घर बनाए थे शहर में रहना होगा। परंतु कई साल से स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। जमीन का कीमत भी यह बात कर बढ़ा दिया जाता है कि फोरलेन और हजारीबाग बगोदर दोनों तरफ से आपको रास्ता मिलेगा परंतु सच्चाई है की रास्ता होने के बावजूद भी आप अपने घर तक पक्के सड़क से नहीं पहुंच सकते हैं यह जमीन बेचने वाले दलालों का वो तर्क होता है जिससे जेमीन का मुंह मांगा दाम दिया जाए। कॉलोनी के अंदर सड़क नहीं है जमीन खरीदने पर वही सर्किल रेट देना पड़ता है जितना सड़क के किनारे। इसलिए इस कॉलोनी में जमीन खरीदने से पहले लोगों को इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए। पीसीसी सड़क का हो निर्माण बरसात में इस कॉलोनी में रहना बहुत ही कठिन हो जाता है। किसी भी कम से बाहर निकलना या बाहर जाकर घर लौटने में यह डर लगता है कपड़े खराब हो जाएंगे या कहीं फिसल के गिर तो नहीं जाएंगे। कच्ची सड़क होने के कारण बरसात में पूरा रास्ता कीचड़ में हो जाता है। बाइक और फोर व्हीलर के कारण पैदल चलना और भी कठिन हो जाता है। नगर निगम को शीघ्र ही इस कॉलोनी के गलियों में पीसीसी सड़क बना देनी चाहिए ताकि लोगों को इस तरह की समस्या से निजात मिल सके। निगम के पास हैं कई बहाने कच्ची सड़क होने के कारण केवल वही लोग इधर आते हैं जिनका आना मजबूरी है वरना इन दिनों लोग इधर आने से कतराते हैं। कीचड़ युक्त सड़क होने के कारण नगर निगम की कर्मी इधर नहीं आना चाहते हैं। उनका कहना होता है जितना देर में उधर पहुंचेंगे उससे कम समय में दो-तीन कॉलोनी में सफाई हो जाएगा। इस कॉलोनी में सफाई कर्मियों का वाहन फंस जाता है जिसके कारण बहुत समय बर्बाद हो जाता है। रोड का निर्माण भी नगर निगम को ही करना है और नहीं आने का बहाना भी बनाना। नियमित सफाई और फॉगिंग हो इस कीचड़ युक्त सड़क में जब निगम के कर्मी और गाड़ी आना ही नहीं चाहते। तो कैसे उम्मीद करें यहां की गलियों और गंदगी के सफाई की। यहां दर्जनों लॉज और हॉस्टल है जिसमें पढ़ने वाले बच्चे रहते हैं। गंदगी के कारण अक्सर उनका तबीयत खराब हो जाता है इसके कारण उनका पढ़ाई लिखाई बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। इस पर प्रशासन का कोई ध्यान नही है। निगम का ध्यान केवल टैक्स वसूली और समय पर टैक्स नहीं देने कैसे दंडवसूला जाए इसी पर है। स्ट्रीट लाइट हो दुरुस्त कुछ समय पहले तक हर बिजली के पोल पर लाइट जलता था।जिसके कारण किसी भी तरह का छिनतई या झपट्टामार गिरोह इधर सक्रिय नहीं था। नगर निगम में रहने के बावजूद एक तो देहाती लाइन ऊपर से विद्युत बल्ब खराब होने और कीचड़ के कारण लोगों को रात में काफी समस्या होती है। अंधेरे के कारण बहुत से लोग कीचड़ में फंसकर गिर जाते हैं। समस्याएं 1. कच्ची सड़क होने के कारण कॉलोनी में हर जगह कीचड़ फैल गया है। 2. कीचड़युक्त सड़क होने के कारण लोग यहां रोजाना हादसे का शिकार होते हैं। 3. गलियो में स्ट्रीट लाइट लंबे समय से खराब है, शाम ढलते ही अंधेरा पसर जाता है। 4. नियमित सफाई नहीं होने से गंदगी का अंबार लग गया है, नालियों भी जाम है। 5. मोहल्ले में पोल पर लगे लगभग बल्ब खराब हो चुके हैं जिससे रात में हादसे का डर रहता हे। सुझाव 1. मोहल्ले में जल्पी दसीसी सड़क का निर्माण होना चाहिए, जिससे आवागमन में सुविधा हो। 2. नियमित कचरा का उठाव हो और मच्छरों से छुटकारा के लिए फॉगिंग भी करायी जाए। 3. बिजली पोल में लगे स्ट्रीट लाइट और बल्ब को जल्द से जल्द बदला जाना चाहिए। 4. मोहल्ले में नियमित बिजली आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित कराने की जरूरत है। 5. खुली नालियों में स्लैब लगाया जाए, नाली में स्लैब लगने से हादसे की आशंका घटेगी। इनकी भी सुनिए सरहुल नगर की समस्या मेरे संज्ञान में आयी है। अगली बैठक में सड़क निर्माण का प्रस्ताव रखा जाएगा। पारित होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। अन्य समस्या का भी अगले कुछ दिनों में समाधान हो जाएगा। जल्द ही लोगों को कच्ची सड़क पर आवागमन करने से छुटकारा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। -अनिल पांडेय, सहायक नगर आयुक्त इस मुहल्ले में प्रवेश करते समय भी घुटने भर दलदल में बाइक/कार डूब कर आता है। अंदर भी पीसीसी सड़क नहीं होने से लोग परेशान रहते है। जिला प्रशासन जनहित के मुद्दों से मुंह फेर चुकी है। शिकायत के बाद भी कभी समाधान नहीं हुआ। स्थानीय जनप्रतिनिधि को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। -चन्द्रनाथ भाई पटेल, अधिवक्ता एंव सामाजिक कार्यकर्ता स्कूली बच्चों को होती है ज्यादा परेशानी पिछले दो महीने से जब पानी बरसना शुरू हुआ है। कीचड़ वाले रास्ते में चलने के लिए विवश हो गए हैं। घर बन रहा है पर रोड नही। -मुकेश राणा जिला प्रशासन को खबर छपते ही लोगों के पीड़ा को देखते हुए शीघ्र ही पक्की सड़क निर्माण करने का आदेश दे देना चाहिए। -उमेश मंडल समझ में नहीं आता है कि हमलोग हजारीबाग शहर में रहते हैं की देहात में। गांव में विधायक फंड या कोई और मद से पक्की सड़क है। -रविन्द्र कुमार रोज कीचड़ वाले सड़क के कारण बाइक स्कूटी वाले का पैदल चलने वाले पिटाई कर देते है। इस कच्ची सड़क के कारण मुहल्ले में तनाव बढ गया है। -कुंदन कुमार नगर निगम को ये कैसे ध्यान रहता है की इस कॉलोनी से टैक्स लेना है जब कोई सुविधा नहीं मिल रही है। टैक्स वसूलने के साथ सुविधा भी दे। -भुवनेश्वर कुमार इस मुहल्ले में अप्रैल से ही बरसात आ गयी थी बाकी लोगों के लिए एक सप्ताह पहले आया होगा। कीचड़ में करीब तीन महीने से आ जा रहे हैं। -अंशु कुमार पहले हर बिजली के खंभे पर बल्ब जलता था। लेकिन बहुत खराब हो गया। आज तक नहीं बदला गया है। शिकायत भी किया गया है। -उमेश राणा बरसात में नियमित रूप से सफाई नहीं होने के कारण गंदगी जहां-तरह पड़ा हुई है इसके कारण बदबू और मच्छर का प्रकोप बढ़ गया है। -पंकज पटेल आजकल औरतों के चेन को झपट्टामार छिन कर भाग जाते हैं। अंधेरा के कारण चोरों को मदद मिलता है। स्ट्रीट लाइट मोहल्ले का जल्द ठीक हो। -दशरथ सोनी शहरी सुविधा का एहसास नहीं होता है लगता है कि गांव में ही आ गए हैं। नगर निगम को इस मोहल्ले के बारे में ध्यान देने की जरूरत है। -कामख्या पांडे जहां तक पीसीसी सड़क है उतना दूर तक कर्मी आते हैं। उधर सफाई हमेशा होती है। लेकिन कच्ची सड़क में कभी कभी आते हैं। -नागेन्द्र प्रसाद न किरायेदार रहना चाहते हैं और न लॉज हॉस्टल में छात्र। लोग मटवारी के तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। नगर निगम के उपेक्षा के कारण हुआ है। -रंजीत यादव
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