योजना का बोर्ड लगाए बिना हो रहा डीएमएफटी कार्य
हजारीबाग में डीएमएफटी फंड का उपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है, लेकिन कार्य स्थलों पर योजना बोर्ड नहीं लगाए जा रहे हैं। प्रधानाध्यापकों और जिला शिक्षा पदाधिकारी को वर्क ऑर्डर की जानकारी नहीं दी जा रही...

हजारीबाग, जिला प्रतिनिधि। जिले का विकास में डीएमएफटी फंड का उपयोग व्यापक पैमाने पर हो रहा है। बताया जाता है कि हाल के वर्षो में पांच सौ करोड़ से अधिक का कार्य जिला मुख्यालय से लेकर विभिन्न प्रखंडों में किया गया है या फिर जारी है। इसमें जिले के सरकारी स्कूलों में भी व्यापक पैमाने पर कार्य किया गया है। इस योजना में मानों नियमों की अनदेखी करना नियती बन गई है। बताया जाता है कि सरकारी राशि से होने वाले निर्माण कार्य करने से पहले कार्य स्थल पर योजना बोर्ड लगाना जरूरी है। इस बोर्ड में प्राक्लन राशि, योजना का नाम, कार्य करने वाली एजेंसी, अभियंता का नाम, संवेदक का नाम आदि लिखा जाता है।
इसका मकसद होता है कि बोर्ड को देख कर कोई भी संबंधित पदाधिकारी या आमलोग कार्य के बारे में जानकारी रख सकते है। इससे कार्य में पारदर्शिता आती है, साथ ही एक प्रकार से निगरानी भी होती है। इससे बचने के लिए योजना बोर्ड ही नहीं लगाया जाता है। इतना ही नहीं जिन स्कूलों में डीएमएफटी मद से कार्य किया गया या हो रहा है, उन स्कूलों के प्रधानाध्यापक को भी योजना से संबंधित कार्यादेश की कॉपी नहीं दी जाती। यदि कोई हेडमास्टर या प्राचार्य जानने की कोशिश करते है या फिर वर्कऑर्डर की कॉपी की मांग करते है तो उन्हें काम से मतलब रखने की हिदायत दे दी जाती है। बताया जाता है कि कार्य पूरा होने का एनओसी जब हेडमास्टर या प्राचार्य से लेना होता है तो उन पर तरह तरह से दबाव बना कर या डर दिखा कर एनओसी ले लिया जाता है। ऐसे में इसे लेकर स्कूल के हेडमास्टर योजना के बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं होते है। वर्कऑर्डर की कॉपी जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी नहीं दी जाती है। ऐसे में इस योजना में कितनी ईमानदारी बरती जाती है। इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। कार्य की गुणवत्ता को लेकर आस-पास के लोग सवाल भी उठाते रहते है। किंतु उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। क्या कहते है जिला शिक्षा पदाधिकारी जिले के सरकारी स्कूलों में डीएमएफटी मद से होने वाले कार्य से संबंधित कोई भी वर्क ऑर्डर की कॉपी प्रधानाध्यापक को नहीं दिया जाता है। मेरे कार्यालय में भी इसकी कॉपी नहीं दी जाती है। ऐसे में कार्य को लेकर किसी भी तरह की जानकारी नहीं हो पाती है। प्रवीण रंजन, डीइओ हजारीबाग। क्या कहते है जिला योजना पदाधिकारी डीएमएफटी मद से होने वाले निर्माण कार्य स्थल पर योजना से संबंधित बोर्ड नहीं लगाया गया है। बोर्ड लगाने का निर्देश पत्र में ही सभी एजेंसी को दे दिया जाएगा। आने वाले एक माह के अंदर सभी कार्य स्थल पर बोर्ड लगा हुआ दिखाई देगा। पंकज तिवारी, जिला योजना पदाधिकारी, हजारीबाग। क्या कहते है जिला अभियंता योजना से संबंधित शिलान्यास का बोर्ड लगाना जरूरी है। हलांकि बोर्ड लगाने का निर्देश प्राप्त नहीं होने की वजह से बोर्ड नहीं लगाया गया है। यदि इस से संबंधित आदेश मिलता है तो कार्य स्थल पर बोर्ड लगा दिया जाएगा। -आशीष कुमार आनंद, जिला अभियंता, जिला परिषद हजारीबाग।
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