स्वास्थ्य मंत्री की फटकार पर झुकी निजी कंपनियां, कर्मियों की मांगें मानी
गिरिडीह में आउटसोर्सिंग कर्मियों के कार्य बहिष्कार आंदोलन का मामला स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी तक पहुंचा। वार्ता के बाद, कर्मियों की 7 में से 5 मांगें मानी गईं और आंदोलन समाप्त हुआ। हालांकि,...

गिरिडीह। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी तक आउटसोर्स कर्मियों की जारी कार्य वहिष्कार आंदोलन का मामला पहुंचने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग से लेकर आउटसोर्सिंग कंपनी बालाजी डिटेक्टिव फोर्स और शिवा प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड भी हरकत में आ गई और गुरुवार को फौरी तौर से सिविल सर्जन की मौजूदगी में वार्ता कर जारी कार्य बहिष्कार आंदोलन को समाप्त कराया। कंपनी के सुपरवाइज गौरव कुमार ने आगे बढ़कर आंदोलनरत कर्मियों की मांगें मानी और कर्मियों को काम पर लौटने की अपील की। वार्ता से आंदोलन समाप्त होने पर बनी सहमति की जानकारी सीएस ने भी दूरभाष पर दी है। दूसरी ओर जेएलकेएम के केंद्रीय सचिव नागेन्द्र चंद्रवंशी ने कहा कि सीएस की मौजूदगी में यह वार्ता हुई।
जिसमें कंपनी ने कर्मियों की मांगों को मांग लिया। हालांकि कर्मियों की एकता संघ के अध्यक्ष आफताब आलम ने कहा कि वार्ता में मांगें तो मानी गई, लेकिन इसमें झिझक है। 7 में से 5 मांगें मान ली गई। जिसका लिखित पत्र दिया गया है, यदि समझौता पत्र को सही से लागू नहीं किया गया तो आंदोलन फिर होगा। सीएस ने कहा कि कर्मियों का आंदोलन समाप्त हुआ। सभी काम पर लौट गए हैं। यहां बता दें कि आंदोलन के दौरान ही बगोदर की महिला कर्मी ने मंत्री से दूरभाष पर बात की और मांगों से अवगत कराया था। जिसके बाद मंत्री ने उसी बातचीत में कंपनी की खबर लेने और आंदोलन समाप्त कर उन्हें बताने की बात कही थी। कहा था कि सीएस से वह पहले से ही परेशान हैं। --इन मांगों पर बनी सहमति जेएलकेएम के केंद्रीय सचिव नागेंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि उनकी अगुवाई में सिविल सर्जन के समक्ष आउटसोर्सिंग कंपनी बालाजी एवं शिवा कंपनी के सुपरवाइजर ने आंदोलनकर्मी की शर्तों पर सहमति दी। इस दौरान उपस्थिति विवरण मिलने के सात दिनों के अन्दर भुगतान करने, पूर्ण विवरणी लेकर ईपीएफ़ नम्बर व ईएसआई कार्ड उपलब्ध कराने, नये कर्मियों का रजिस्ट्रेशन कर ईपीएफ़ व ईएसआई एवं मानदेय का भुगतान करने कंप्यूटर ऑपरेटरों का स्किल टेस्ट बुधवार 02-07-2025 को लेने पर सहमति दी गई। --23 से शुरू हुआ था आंदोलन सात सूत्री मांगों के लेकर 23 जून से आउटसोर्सिंग कर्मी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार सह हड़ताल पर डटे थे। सभी कर्मी सदर अस्पताल परिसर में धरना पर बैठे थे, जिसकी समाप्ति वार्ता के बाद हो गई। वार्ता में नागेन्द्र चंद्रवंशी, गौरव कुमार के अलावा अर्जुन पंडित, आफताब आलम, संध्या मंडल, प्रदीप मंडल, टेकनारायण दास, मनमोहन मंडल, श्रीधर महतो, सिकंदर अंसारी, औरंगजेब अली, पवन गोस्वामी, मनीष गोस्वामी, चंदन वर्मा, राहुल कुमार गिरि, संजीव वर्मा, राजीव कुमार चौधरी, जागेश्वर विश्वकर्मा, रंजीत चौधरी, नकुल यादव, पुष्पा लकड़ा, गणेश वर्मा, प्रतिमा कुमारी सिंह, सुबेदा खातून, नायफिल दहंगा, सचिन कुमार, दीपक राय, मेरी टोप्पो, तारिक अनवर, मुख्तार अंसारी, गुलशन राय, मिथिलेश राय, निकिता मिश्रा, प्रिंस कुमार, रुप टुडू आदि थे। --कर्मियों के साथ एक और धोखा: उपेन्द्र प्रदेश कांग्रेस के विशेष आमंत्रित सदस्य उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने आउटसोर्सिंग कर्मियों के साथ वार्ता को एक और धोखा बताया। कहा कि सीएस और कंपनी के साथ आंदोलनरत कर्मियों में जो वार्ता हुई है, वह संतोषजनक नहीं लगता है। इसमें सीएस और कंपनी एक होकर कर्मियों के साथ धोखा कर रहे हैं, ऐसा लगता है। दरअसल आंदोलनरत कर्मियों ने लंबित वेतन और वेतन कटौती आदि की मांगें उठाई थी। इनमें कई महीने का बकाया वेतन सहित सुपरवाइजर पर निजी जिंदगी में ताकझांक करने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए थे, जो वार्ता-समझौता में स्पष्ट नहीं हो रहा है। लिहाजा इस मामले पर वह डीसी को पहले ज्ञापन दे चुके हैं, जिसमें कर्मियों की जायज मांगें और पूरे प्रकरण की जांच करने की मांग की गुहार लगा चुके हैं।
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