फिर वेतन के लिए आंदोलनरत 700 कर्मी, कार्य ठप
गिरिडीह के जिला स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स पर काम कर रहे 700 कर्मचारियों ने वेतन और ईपीएफ की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू किया है। कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें समय पर वेतन नहीं...

गिरिडीह, प्रतिनिधि। जिला स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स पर कार्यरत करीब 700 कर्मचारियों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। इसके पूर्व आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने लंबित वेतन और ईपीएफ की मांग को लेकर सिविल सर्जन डॉ. शिवप्रसाद मिश्रा को उनके चैंबर में घेराव किया था। उस समय कर्मचारियों ने मांगों के निदान नहीं होने पर कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी थी। जिसके बाद सोमवार से सभी कर्मचारी कार्य बहिष्कार आंदोलन कर सदर अस्पताल परिसर में धरना पर बैठ गए। धरना का नेतृत्व कर रहे जेएलकेएम के केन्द्रीय सचिव नागेंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि सम्बंधित कंपनी के कार्य प्रणाली में कोई सुधार नहीं देखा जा रहा है और न स्वास्थ्य विभाग से कोई ठोस कार्रवाई ही की जा रही है।
इधर, कई दिनों से आउटसोर्सिंग कंपनी की मनमानी से गुस्साए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विशेष आमंत्रित सदस्य उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने सोमवार को डीसी को ज्ञापन दिया। कहा कि सिविल सर्जन इस प्रकार के मामलों में दोनों कंपनियों का बचाव कर रहे हैं। वेतन की कटौती गंभीर मामला: नागेन्द्र: नागेंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा कर्मचारियों के वेतन में कटौती और ईपीएफ में लगातार गड़बड़ी की जा रही है। पूर्व में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को मामले में आवेदन देने के साथ आंदोलन किया जा चुका है। बावजूद इसके कंपनी के कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं देखा जा रहा है और न स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई ही की जा रही है। जिसके कारण कर्मियों में भारी आक्रोश है, वहीं कर्मियों की माने तो वेतन में कटौती और ईपीएफ में गड़बड़ी के कारण उनका जीवनयापन कठिन हो गया है। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है और बच्चों की शिक्षा तक प्रभावित हो रही है। कई कर्मचारियों को पिछले महीने का वेतन भी समय पर नहीं मिला है, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई है। कहा कि कर्मियों का अप्रैल और मई महीने का बायोमीट्रिक के नाम पे काटे गए मानदेय राशि पूरी दी जाए। समय पर वेतन दिया जाएगा। इसके अलावा 2023, 2024, 2025 का बोनस भी दें। जिन कंप्यूटर ऑपरेटरों को डिमोशन किया गया है उनको बिना शर्त पुनः पद पर बहाल किया जाए। धरना में जेएलकेएम अर्जुन पंडित, रंजन कुमार, विकास झारखंडी, नीतीश राय, मिहिर चन्द्रवंशी, सुभाष चौधरी, हर्षित भदानी के अलावा कर्मी आफताब आलम, मिंकल कुमार गुप्ता, नवीन कुमार गुप्ता, नागेंद्र मिश्रा, ऋषभ कुमार, चंदन वर्मा, सुनील यादव, राहुल कुमार गिरी, देवनंदन दास, सिकंदर अंसारी, नकुल यादव, अजय यादव, तारिक़ अनवर, सिकन्दर अंसारी आदि थे। कमेटी बनाकर कराए जांच: उपेन्द्र: उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने डीसी को दिए ज्ञापन में कहा कि विभाग की आउटसोर्सिंग कंपनी बाला जी और शिवा द्वारा सदर सहित अन्य प्रखंड अस्पतालों में खूब मनमानी की जा रही है। कार्यरत कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने, समय पर भुगतान नहीं करने तथा न्यूनतम दर से भी कम भुगतान करना वहां आम बात है। इतना ही नहीं, ईपीएफ फंड का गोलमाल करने, सवाल करने पर कर्मियों को हटा देने की धमकी देने तथा महिला कर्मियों की निजी जिंदगी में ताकझांक करने जैसे कार्य कंपनियों में शामिल है। गिरिडीह के सिविल सर्जन डॉ. शिवप्रसाद मिश्रा इस प्रकार के मामले में दोनों कंपनियों का बचाव करने का कार्य कर रहे हैं। क्या ऐसे क्रियाकलापों से सरकार पर भी सवाल उठना लाजिमी नहीं है। उन्होंने पूरे मामले में जांच कमेटी बनाकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। कहा कि जांच कमेटी में पारदर्शिता लाने के लिए मुझे भी सम्मलित किया जाए, ताकि मैं स्वयं के द्वारा लगाए गए आरोपों को सिद्ध कर सकूं।
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