वर्तमान समय में समावेशी शिक्षा के महत्व पर सेमिनार
बेंगाबाद के एन बक्शी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में समावेशी शिक्षा के महत्व पर सेमिनार का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ अजीत कुमार सिंह ने बताया कि समावेशी शिक्षा सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के समान अवसर...

बेंगाबाद, प्रतिनिधि। बेंगाबाद स्थित के एन बक्शी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में शनिवार को वर्तमान समय में समावेशी शिक्षा के महत्व पर मासिक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसके पूर्व मां सरस्वती एवं के एन बक्शी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मौके पर प्राचार्य डॉ अजीत कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में समावेशी शिक्षा का बहुत अधिक महत्व है। समावेशी शिक्षा छात्रों की क्षमताओं या उसकी पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करती है। जिससे सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा मिलता है, और छात्रों में सहानुभूति सहयोग की भावना विकसित होती है।
उपप्राचार्य बिनोद कुमार सुमन ने कहा कि समावेशी शिक्षा यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक छात्र को चाहे उसकी विशिष्ट आवश्यकताएं या पृष्ठभूमि कुछ भी हो, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच मिले। भेदभाव और असमानता को कम करती है समावेशी शिक्षा: सेमिनार में प्रशिक्षणार्थियों ने भी अपने-अपने विचारों को रखा। इसमें रेश्मा कुमारी ने कहा कि यह शिक्षा प्रणाली में भेदभाव और असमानता को कम करने में मदद करती है और छात्रों को समान अवसर प्रदान करती है। दीपक यादव ने कहा कि समावेशी शिक्षा सभी छात्रों के लिए शैक्षणिक रुप से फायदेमंद हो सकती है, जिसमें विशिष्ट आवश्यकताओं वाले छात्र भी शामिल हैं। पिंकी कुमारी ने कहा कि यह छात्रों में समुदाय की भावना को बढ़ावा देती है, जहां सभी को एक साथ सीखने और बढ़ने का अवसर मिलता है। पल्लवी वर्मा ने कहा कि समावेशी शिक्षा छात्रों को यह महसूस करने में मदद करती है कि वे मूल्यवान और सम्मानित हैं, जिससे उनका आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास बढ़ता है। मौके पर डॉ सुरेश यादव, डॉ शंकर सिंह, प्रो नूतन शर्मा, प्रो नीलेश लकड़ा, डॉ राजेश रविदास, प्रो रीना साव, प्रो राजीव शर्मा आदि उपस्थित थे जबकि सहजानन्द वर्मा ने मंच का संचालन किया था।
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