उमस भरी गर्मी में इधर उधर पानी पीने के लिए भटक रहे हैं लोग
महागामा प्रखंड के कई पंचायतों में पानी की किल्लत है, जबकि जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे हुए हैं। कोयला पंचायत के बिशनपुर गांव में 5 महीनों से चापानल खराब है। गांव की 300 की आबादी को पानी के लिए परेशान होना...

महागामा। महागामा प्रखंड अंतर्गत लगभग पंचायत में पानी पीने की किल्लत है लेकिन इसका समाधान के लिए जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साधे हुए हैं। कही जाय तो कोयला पंचायत के बिशनपुर, गांव में सोलर जलमीनार के साथ साथ चापानल 5 माह से खराब हो रहा है। गांव में लगभग 300 की आबादी है लेकिन पानी पीने के लिए लोग इधर उधर परेशान रहते हैं। जिस कारण मई महीने में ही पानी की किल्लत हो गई है। गांव में आधा दर्जन दर्जन से अधिक चापानल है लेकिन इसमें 2 चापानल ठीक है। वहीं एक जलमीनार के भरोसे लोग जी रहे हैं। अगर कही जाय तो महागामा अनुमंडल क्षेत्र के लगभग पंचायत एवं नगर पंचायत में सरकारी जलमीनारों की स्थिति निर्माण के बाद बहुत ही खराब है।
लाखों रुपये खर्च कर हाथी दांत की तरह खड़ा सोलर जलमीनार सरकारी उपदंशो की मार झेल रही हैं।कही जाय तो हरएक पंचायत में निर्माण कराए गए जलमीनारों एवं उनके जीर्णोद्धार पर पानी की तरह बहाए गए पैसों का सिर्फ दुरुपयोग किया गया है। दरअसल अधिकतर गांव में सोलर जलमीनार निर्माण के कुछ दिन बाद ही पानी देना बंद कर दिया है। बहुत ऐसे भी गांव है जहां सोलर जलमीनार निर्माण के बाद उससे एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हुआ है। गांव में कहीं आबादी के हिसाब से तो जलमीनार निर्माण किया गया है तो कहीं जहाँ तहाँ निर्माण किया गया है। जिससे लोगों को लाभ नहीं मिल सका है। रखरखाव के कारण कहीं जलमीनारों का सोलर गायब है तो कहीं मोटर आदि गायब हैं। किसी गाँव में तो सोलर जलमीनार मवेशियों के बांधने का खुटा बनकर रह गया है।लोगों का कहना है कि विभागीय लापरवाही के कारण सोलर जलमीनारों की स्थिति खराब है।हरएक पंचायत में निर्माण कराए गए जलमीनार भ्र्ष्टाचार में तब्दील हो गया है।
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