नक्सल प्रभावित बसिया में मत्स्य पालन से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े किसान
150 ग्रामीणों को मिला रोजगार का साधन 150 ग्रामीणों को मिला रोजगार का साधन 150 ग्रामीणों को मिला रोजगार का साधन 150 ग्रामीणों को मिला रोजगार का साधन

बसिया, प्रतिनिधि । नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में पहचान बना चुके बसिया प्रखंड के ममरला पंचायत का नारेकेला गांव में अब विकास की नई तस्वीर उभर रही है। यहां के ग्रामीण आतंक और असहायता के साए से निकलकर आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं। मत्स्य पालन केंद्र के माध्यम से ग्रामीणों को रोज़गार और स्थायी आमदनी का साधन मिल रहा है। गुरुवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय,भारत सरकार के डिप्टी डायरेक्टर अदिति अग्रवाल के नेतृत्व में एक टीम ने नारेकेला स्थित मत्स्य केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान जिला मत्स्य पदाधिकारी कुसुम लता भी उपस्थित थी। निरीक्षण के दौरान किसानों ने बताया कि क्षेत्र कभी नक्सल प्रभाव के कारण विकास से वंचित था,लेकिन ओमप्रकाश सोनी,ज्योति लकड़ा, ईश्वर गोप व लखन सिंह जैसे ग्रामीणों ने शांति सेना का गठन कर प्रशासन के सहयोग से नक्सल प्रभाव को कम किया और गांव को मुख्यधारा से जोड़ा।
मत्स्य पालन योजना के तहत अब तक 150 से अधिक किसान समिति से जुड़ चुके हैं। केंद्र को 30 लाख रुपये फिश फीड व 21 लाख रुपये तालाब निर्माण के लिए प्राप्त हुए हैं। ज्योति लकड़ा ने सरकार से हेचरी की मांग की ताकि बीज की स्थानीय आपूर्ति हो सके और लागत में कमी आए। यह पहल न केवल ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त कर रही है बल्कि यह उदाहरण बन गई है कि सकारात्मक सोच और प्रशासनिक सहयोग से किस तरह बदलाव संभव है।
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