विलुप्त प्राय आदिम जनजाति में खुशी की लहर,पीएम मोदी के प्रति जताया आभार
आजादी के बाद पहली बार लिटीयाचुंआ और गानीदारा पहुंची सड़क आजादी के बाद पहली बार लिटीयाचुंआ और गानीदारा पहुंची सड़कआजादी के बाद पहली बार लिटीयाचुंआ और ग

डुमरी, प्रतिनिधि। आजादी के 75 वर्षों बाद पहली बार डुमरी प्रखंड के लिटीयाचुंआ और गानीदारा असुरटोली गांव सड़क से जुड़ गए हैं। प्रधानमंत्री जनमन ग्राम सड़क योजना के तहत लुचुतपाट से इन दोनों गांवों तक लगभग पांच किमी लंबी सड़क का निर्माण किया गया है। इस सड़क निर्माण से गांव में रहने वाले कोरवा आदिम जनजाति के सैकड़ों लोगों में खुशी की लहर है। इन गांवों में 90प्रतिशत से अधिक कोरवा जनजाति के लोग निवास करते हैं,जो वर्षों से पक्की सड़क की बाट जोह रहे थे। ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क हमारे लिए सपने जैसा था। पहले यहां केवल झाड़ी,कंटीली झाड़ियां, कंकड़ और बड़े-बड़े चट्टान थे।
जिसके बीच से होकर चलना पड़ता था। बीमार होने पर मरीज को खटि या पीठ पर ढोकर पंचायत तक ले जाना पड़ता था। जहां से वाहन की व्यवस्था हो पाती थी। अब सड़क बन जाने से वाहन गांव तक पहुंचने लगे हैं और बरसात से पहले यह कार्य पूर्ण हो जाना गांववासियों के लिए बड़ी राहत है। गांव के अजय कोरवा,रोहित कोरवा,नंदनी कोरवाइन और अंजली कोरवाइन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने कोरवा समुदाय की चिंता की है। ग्रामीणों को अब उम्मीद है कि जब सड़क बन गई है,तो शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और अन्य विकास कार्य भी गांव तक पहुंचेंगे। सड़क को विकास की रीढ़ मानते हुए ग्रामीणों ने इसे अपने गांव के बदलते भविष्य की शुरुआत बताया है।
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