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रथयात्रा धूमधाम से संपन्न, भगवान जगन्नाथ का रथ खींच हुए धन्य

फोटो रंका एक: रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का रथ खींचने के लिए उमड़े श्रद्धालु

Newswrap हिन्दुस्तान, गढ़वाSat, 28 June 2025 03:00 AM
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रथयात्रा धूमधाम से संपन्न, भगवान जगन्नाथ का रथ खींच हुए धन्य

फोटो रंका तीन: रंका, प्रतिनिधि। रंका अनुमंडल मुख्यालय में शुक्रवार को रथयात्रा धूमधाम से संपन्न हो गया। रथ यात्रा में अनुमंडल मुख्यालय के अलावा आसपास के गांव के लोग भी उत्साह के साथ शामिल हुए। रंका में राजपरिवार की ओर से काफी समय से रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के आकर्षक और मनभावन तरीके से सजे रथ को खींच कर मौसी बाड़ी तक पहुंचाने की भक्तों में होड़ सी लगी थी। रथयात्रा को लेकर सुबह से भी लोगों में उत्साह का माहौल था। ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई भैया बलभद्र के साथ रथ पर सवारी कराने वालों पर कभी भी विपत्ति नहीं आती है।

इसी मान्यता के कारण कई लोग रथ को छूने और धक्का देने के लिए भी बेताब रहते हैं। रंका राज परिवार के परंपरानुसार राजपुरोहितों के द्वारा ठाकुरबाड़ी मंदिर स्थित भगवान जगन्नाथ के कक्ष में रविवार सुबह और दोपहर विशेष पूजा, महाआरती व महाप्रसाद भोग अर्पित करने के बाद श्री ठाकुर जी के विग्रह को रत्न जड़ित चांदी के सिंहासन पर विराजमान कराकर गाजे-बाजे और शंख ध्वनि के अलावा राम नाम संकीर्तन के साथ शहर में नगर भ्रमण कराया गया। विभिन्न गली मुहल्लों में महिलाओं और बच्चों द्वारा मंगलगीत के बीच पुष्पवर्षा की गई। भगवान के प्रति कृतज्ञता अर्पित कर श्रद्धा पूर्वक प्रसाद भोग अर्पित किए गए। श्री ठाकुर जी के मंदिर में वापसी यात्रा के बाद भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बलभद्र के श्री विग्रह को राज पुरोहितों ने रथ में आसीन कराया। उसके बाद पुन रथ पर तीनों बिग्रहों का विशेष पूजन, महाआरती के बाद कुमार गोवर्धन प्रसाद सिंह ने रथ खींचकर रथ यात्रा कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उस क्रम में रथयात्रा के समय इलाके के जंगलों में खिलने वाला सुगंधित भगवान जगन्नाथ महाप्रभु का अतिप्रिय कोरेया के पुष्पों की वर्षा के बीच गगनभेदी जय जगन्नाथ उद्घोष के साथ भक्तों ने रथ को खींच कर मौसी बाड़ी पहुंचाया। स्थानीय लोगों ने बताया कि रंका में रथयात्रा की परंपरा करीब 300 साल से अधिक पुरानी है। ::बॉक्स:: पुरोहितों ने कराई पूजा अर्चना, उमड़ी भीड़ रथयात्रा में ठाकुरबाड़ी के मुख्य पुजारी बालेश्वर दूबे के साथ आचार्य भोलानाथ पांडेय, शास्त्री सत्यनारायण ओझा, देवेंद्र पाठक सहित अन्य सक्रिय रह कर विधि-विधान से पूजा संपन्न कराई। रथोत्सव के दौरान रंका राज परिवार के प्रमुख कुमार गोवर्द्धन प्रसाद सिंह, पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह, कुमार गुलाब सिंह, गौरव सिंह, राजकुमार प्रसाद, राजकमल पांडेय, दिलीप कुमार सिंह, पारस पांडेय, दीनबंधु पांडेय सहित रंका खूर्द, रबदा, कंचनपुर, सोनपुरवा, मानपुर, चिनिया, चिनियाकला, खरीडीहा, रबदा, सलेया, सेवाडीह, ऊंचरी, बीरबांध डाले के ग्रामीण काफी संख्या में शामिल हुए। ::बॉक्स::रथयात्रा से पहले ठाकुर जी का कराया गया नगर भ्रमण:: रथ यात्रा से पहले छोटा ठाकुर के साथ नगर भ्रमण गाजे बाजे के साथ शोभायात्रा निकाला गया। शोभा यात्रा में ठाकुरबारी मंदिर से कुमार गुलाब सिंह, कुमार गौरव सिंह शामिल हुए। शोभा यात्रा ठाकुर बाड़ी मंदिर निकलकर वर मोहल्ला, सोनार मोहल्ला, मुख्य सड़क होते कुर्मी मोहल्ला, चौधरी मोहल्ला, होते ठाकुर बाड़ी मंदिर वापस पहुंचा। उसके बाद भव्य रथ यात्रा की शुरूआत हुई। ::बॉक्स::सुरक्षा का था व्यापक इंतजाम:: रंका अनुमंडल मुख्यालय एनएच 343 गढ़वा अंबिकापुर पर अवस्थित होने के कारण सुरक्षा का चाक चौबंद व्यवस्था किया गया था। थाना प्रभारी चेतन कुमार सिंह दल बल के साथ मौजूद रहे। रथयात्रा के दौरान पर वाहनों को सुरक्षा के लिहाज से रोक दिया गया था। रथयात्रा समाप्त होने के बाद वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई। करीब 20 मिनट तक एनएच पर यातायात रथयात्रा के कारण बाधित रही। ::बॉक्स::मौसीबाड़ी में जल और शर्बत का लगा भोग:: भगवान जगन्नाथ के अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मौसीबाड़ी पहुंचने पर परंपरानुसार वहां जल और शर्बत का भोग लगाया गया। उसके बाद 108 दीपों से महाआरती करने के बाद मोहनभोग अर्पित किया गया। कुछ विश्राम के बाद भगवान के तीनों विग्रह रूप को चांदी के सिंहासन पर आसन दिया गया। उसी सिंहासन पर आसीन ठाकुरजी आठ दिनों तक श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। ::बॉक्स::घरों से मड़वा हटाने की है परंपरा रंका और आसपास के दर्जनों गांवों में मान्यता है कि सालभर के दौरान जिनके घरों में शादी ब्याह हुआ है उनके आंगन से मड़वा (विवाह मंडप) को रथयात्रा के ही दिन हटाया जाता है। वहीं जिन घरों में बेटी की शादी हुई हो उनके यहां दुल्हे का मऊर ससुराल में रखा रहता है। उसे मुख्यालय स्थित हाथी पत्थल के बांस बगान में रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि बांस की तरह बेटी भी घने छांव में रहकर हरा भरा परिवार में फले फूले। मंडप हटाने के बाद परिजन और संपर्क के लोगों के लिए खीर और दालपूड़ी के दावत होती है। ::बॉक्स::आज से शुरू होगा भागवत कथा:: भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और सुभद्रा मौसीबाड़ी में एक हफ्ते तक रहेंगे। वहां हर दिन भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा। भागवत कथा भोला पांडेय सुनाएंगे। वहीं शाम को हर दिन भजन कीर्तन होगा। हर दिन महाप्रसाद का भोग लगेगा। उस दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। उसे लेकर भी एक हफ्ते तक क्षेत्र में भक्तिमय वातावरण रहता है।

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