कैंसर को मात दे पिछले 10 सालों से लगातार महिलाओं व बच्चियों को योग सीखा रहीं पूनम
दुमका की सेवानिवृत शिक्षिका पूनम भगत पिछले 14 वर्षों से महिलाओं और बच्चियों को नि:शुल्क योगाभ्यास कराते आ रही हैं। ब्रेस्ट कैंसर से जूझने के बाद भी उन्होंने योगाभ्यास को नहीं छोड़ा और 2015 में कैंसर...

दुमका। करें योग रहें निरोग के मूल मंत्र से समाज के सभी वर्ग के लोगों को जोड़ने व स्वस्थ समाज का निर्माण के जज्बे लिए पिछले 14 वर्षो से प्रतिदिन महिलाओं व बच्चियों को नि:शुल्क योगाभ्यास कराते आ रही हैं दुमका की सेवानिवृत शिक्षिका पूनम भगत। नित्य योगाभ्यास की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि कैंसर जैसे गंभीर बिमारी भी योग शिक्षिका पूनम भगत को नहीं डिगा सकी। वर्ष 2014 में योग शिक्षिका पूनम भगत को पता चला कि वह ब्रेस्ट कैंसर जैसे गंभीर बिमारी के शिकार हो गए हैं। पहले तो घबराहट हुई, पर वर्षो से ही नित्य योगाभ्यास ने उन्हें मन से कभी टूटने नहीं दिया।
रुटीन चेकअप के बाद इलाज शुरू कराया और जनवरी 2015 तक कैंसर को मात देकर पुन: समाज की महिलाओं को स्वस्थ्य करने के अभियान में जूट गईं। पिछले 10 सालों से लगातार दुमका में महिलाओं व बच्चियों को नित्य सुबह योगाभ्यास कराती हैं। कैंसर को मात दे लौटने के बाद अक्तूबर 2015 से पुन: शुरू की योगाभ्यास योग शिक्षिका पूनम भगत ने हिन्दुस्तान के इस प्रतिनिधि को जानकारी देते हुए बताया कि कैंसर से जंग जीतने के बाद अक्तूबर 2015 से उपराजधानी दुमका में स्वस्थ समाज का निर्माण के मिशन में जुड़ गईं। वर्ष 2016 से दुमका के वरीय नागरिक भवन शिव पहाड़ में नित्य सुबह 30 महिलाओं व बच्चियों को साथ लेकर योगाभ्यास शुरू कराया। इसके बाद 18 मई 2022 से 19 मई 2025 तक पोखरा चौक स्थित शिव मंदिर प्रांगण योगाभ्यास की कक्षा चलाई। अब पुन: वरीय नागरिक भवन शिव पहाड़ में योगाभ्यास करा रहीं हैं। बचपन से ही योग से जुड़ गईं थी पूनम योग शिक्षिका पूनम भगत ने का कहना है कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा योग ग्राम के रूप में प्रसिद्ध बिहार के मुंगेर से की। मैट्रिक की परीक्षा अपने ननिहाल में रह कर उसने बैद्यनाथ गर्ल्स हाई स्कूल मुंगेर से पास की। इसके बाद वह दुमका एसपी कॉलेज से आईएससी की पढ़ाई करते हुए आगे की शिक्षा पूरा कर सरकारी स्कूल में शिक्षिका बनी। जनवरी 2024 में वह आदर्श मध्य विद्यालय गांधीनगर से कला की स्नातक शिक्षिका के पद से वह सेवानिवृत हुई हैं। वह योग गुरु बाबा रामदेव से प्रभावित होकर वर्ष 2011 में महिला पतंजलि परिवार से जुड़ कर योग शिक्षिका बनीं। स्कूल में भी सप्ताह में एक दिन वह बच्चों को योग सिखाने का काम करती रहीं। हमारा देश ऋषि मुनियों का देश रहा है। भारत में योग का अभ्यास पूर्व-वैदिक काल से ही किया जाता रहा है। लेकिन देश के महान ऋषि महर्षि पतंजलि ने अपने योग सूत्रों के माध्यम से योग की तत्कालिन प्रचलित प्रथाओं, इसके अर्थ और इससे संबंधित ज्ञान को व्यवस्थित और संहिताबद्ध किया। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है। खासकर भारत के लोगों को प्रतिदिन एक घंटे तक निरोग रहने के लिए योगाभ्यास करना चाहिए। पूनम भगत योग शिक्षिका, दुमका
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