आदिवासी जीवन पर प्रभाव और मीडिया की भूमिका पर शोध अध्ययन
महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की पीएचडी शोध छात्रा मयूरी घोष दुमका जिले में आदिवासी जीवन पर सरकारी नीतियों और मीडिया की भूमिका का अध्ययन कर रही हैं। वह चार गांवों में सर्वेक्षण कर रही हैं और...

दुमका, प्रतिनिधि। महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी मोतीहारी बिहार की मास कम्यूनिकेशन में पीएचडी की शोध छात्रा मयूरी घोष मीडिया स्टडीज के तहत इन दोनों संताल परगना के दुमका जिले में सरकार की नीतियों व योजनाओं का आदिवासी जीवन पर प्रभाव और मीडिया की भूमिका पर शोध अध्ययन कार्य कर रही हैं स्थानीय संस्था जनमत शोध संस्थान के सहयोग से पिछले लगभग 25 दिनों से मयूरी घोष दुमका जिले के दुमका सदर, जामा काठीकुंड और शिकारीपाड़ा प्रखंड के चार-चार आदिवासी बहुल गांव में क्षेत्र भ्रमण कर शोध अध्ययन का कार्य कर रही हैं, जिसमें ग्रामीणों के साथ छोटी-छोटी बैठक, व्यक्तिगत साक्षात्कार और ग्रूप चर्चा के माध्यम से उभर कर आए संबंधित विषय वस्तु से जुड़े विभिन्न पहलुओं को अपने सर्वेक्षण प्रपत्र में अंकित कर रही हैं।
जिसके आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर वह अपने संबंधित विश्वविद्यालय के मीडिया विभाग को समिट करेंगी। शोध अध्ययन से संबंधित अपने विषय वस्तु के बारे में जानकारी देते हुए शोध छात्रा मयूरी घोष ने कहा कि वह अपने गाइड विभागाध्यक्ष डॉ अंजनी कुमार झा एवं सह मार्गदर्शक डॉ किंगशूक पाठक सहायक प्रोफेसर मास कम्युनिकेशन एवं जर्नालिजम विभाग सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी पंजाब के मार्गदर्शन में मीडिया स्टडीज के तहत मास कम्युनिकेशन में पीएचडी कर रही हैं। जिसका विषय झारखंड राज्य के संताल जनजाति को सशक्त बनाने में सरकारी नीतियों, योजनाओं और उसमे प्रभाव विषय पर अध्ययन कर रही हैं, जिसमें शोध अध्ययन का क्षेत्र संतान परगना के तीन प्रमुख जिले दुमका, पाकुड़ और साहिबगंज है।
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