सरकारी संस्थान से पास होनेवाली जीएनएम और एएनएम को एक साल देनी होगी बांड आधारित सेवा
धनबाद में, सभी सरकारी एएनएम और जीएनएम स्कूलों की छात्राओं को एक वर्ष की बांड आधारित सेवा अनिवार्य होगी। एएनएम को 10 हजार और जीएनएम को 12 हजार रुपए मानदेय मिलेगा। यह निर्णय स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत...

धनबाद, अमित रंजन अब राज्य के सभी सरकारी एएनएम (सहायक नर्सिंग मिडवाइफ) और जीएनएम (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) स्कूलों से पास होनेवाली छात्राओं को अनिवार्य रूप से एक वर्ष की बांड आधारित सेवा देनी होगी। इस सेवा के एवज में एएनएम को हर माह 10 हजार रुपए और जीएनएम को 12 हजार रुपए मानदेय मिलेगा। इस एक साल एएनएम सदर अस्पताल और जीएनएम मेडिकल कॉलेजों में काम करेंगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है। स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो सरकार का यह निर्णय स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है।
इसका लाभ छात्राओं, अस्पताल और मरीजों को मिलेगा। पास होने के तुरंत बाद एएनएम और जीएनएम को नौकरी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। एक साल काम का अनुभव मिलेगा और इसके एवज में पैसे भी मिलेंगे। इससे उन्हें दूसरे संस्थानों में नौकरी पाने में सहूलियत होगी। दूसरी ओर नर्सों की कमी झेल रहे सरकारी अस्पतालों को हर साल एक साथ बड़ी संख्या में नर्सें मिलेंगी। धनबाद एएनएम स्कूल से हर साल 25 छात्राएं पास होती हैं। ये सदर में सेवा देंगी। वहीं जीएनएम स्कूल से हर साल 40 छात्राएं पास होती हैं। इसका लाभ धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल को मिलेगा। वहां नर्सों की कमी दूर होगी। इसका लाभ मरीजों को भी मिलेगा। उनकी बेहतर देखरेख होगी, जो नर्सों की कमी के कारण नहीं हो पाती है। ...तो एक लाख रुपए पेनाल्टी सरकारी एएनएम या जीएनएम स्कूल से पास होनेवाली जो छात्रा एक साल तक बांड आधारित सेवा नहीं देगी, उससे सरकार एक लाख रुपया पेनाल्टी वसूल करेगी। पेनाल्टी भरने के बाद भी वह इस बांड से मुक्त हो पाएंगी। पारा मेडिकल छात्रों को पहले से मिल रहा लाभ पारा मेडिकल कोर्स करने वाले छात्रों को यह लाभ पहले से मिल रहा है। राजकीय पारा मेडिकल संस्थान से हर साल पास होने वाले छात्र एक साल धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सेवा देते हैं। उनके मानदेय और अनुभव प्रमाण पत्र सिविल सर्जन के स्तर से जारी किया जाता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।