कटऑफ डेट बदला तो प्रभावित परिवारों की संख्या एक लाख से पार
झरिया पुनर्वास के संशोधित मास्टर प्लान को स्वीकृति मिल गई है। इस योजना के अंतर्गत तीन वर्षों में 15,000 परिवारों का पुनर्वास होगा। योजना में आर्थिक स्वालंबन, कौशल प्रशिक्षण और भूमि मुआवजे पर जोर दिया...

धनबाद, मुकेश सिंह। झरिया पुनर्वास के संशोधित मास्टर प्लान को मंजूरी मिल गई है। यह योजना कितनी सफल होगी, यह आने वाला समय बताएगा। नियोजन सहित कई मुद्दे हैं, जो अब भी अनुत्तरित हैं। खासकर रैयतों के पुनर्वास को लेकर कोल इंडिया की आरएनआर नीति यानी भूमि के बदले नियोजन की मांग विस्थापित करते आ रहे हैं। स्वीकृत मास्टर प्लान में आर्थिक स्वालंबन और स्वरोजगार और कौशल प्रशिक्षण आदि पर जोर है। फिलहाल, स्वीकृत मास्टर प्लान के अनुसार तीन साल में 15 हजार परिवारों का पुनर्वास करना है। ये सभी अतिसंवेदनशील क्षेत्र के हैं। वैसे भूमि संबंधी मुआवजा आदि की जो व्यवस्था है, वह तय है।
आगे अन्य फेज में भी यही नीति लागू रहेगी। भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास के तहत जमीन का मुआवजा एक बेहतर निर्णय है। इसकी मांग भी की जा रही थी। संशोधित पुनर्वास योजना में कटऑफ डेट को वर्ष-2004 से बदल कर 2019 करने का संकेत है। इससे असुरक्षित क्षेत्र के रूप में चिह्नित कुल 595 स्थलों में वैध अवैध रूप से रहनेवाले लाभान्वित होंगे। कट ऑफ डेट में बढ़ोत्तरी से लाभुकों की संख्या 53,291 से बढ़कर 1,04,946 हो गई है। यानी प्रभावित परिवारों की संख्या विस्थापित परिवारों की संख्या में 51,655 की वृद्धि संभव है। संशोधित झरिया पुनर्वास योजना के तहत असुरक्षित क्षेत्र के रूप में चिह्नित कुल 595 स्थलों में वैध-अवैध रूप से रहनेवाले लोग लाभान्वित होंगे। प्रभावित क्षेत्र में अवैध कब्जाधारियों की संख्या 72,882 है, जो जमीन के वैध मालिकों की संख्या के मुकाबले दोगुना से अधिक है। संकेत है कि रैयतों को 50 वर्गमीटर में बना हुआ मकान देने का प्रावधान किया गया है, जबकि अवैध कब्जाधारियों के लिए यह 39.92 वर्गमीटर होगा। मकान के आकार के अलावा बाकी सारी सुविधाएं एक समान हैं। संशोधित योजना में शिफ्टिंग कॉस्ट को 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा संशोधित योजना में किराया के मद में एक लाख रुपए देने का प्रावधान किया गया है। वहीं संशोधित मास्टर प्लान में विस्थापित की कॉलोनी बेलगड़िया टाउनशिप का कायापलट करने की तैयारी है। करोड़ों की विकास योजनाएं हैं। कुछ चालू हैं, तो कुछ का क्रियान्वयन जल्द करना है। ये क्षेत्र हैं अति संवेदनशील, इन्हें पहले करना है शिफ्ट पीबी एरिया : ईबी सेक्शन, लेबर धौड़ा, भौंरा गोपालीचक, तीन नंबर ईस्ट सेक्शन, सुदामडीह कॉलोनी, गोसाईंडीह, नीमतल्ला केंदुआडीह, राजपूत बस्ती, कुस्तौर आठ नंबर, कुस्तौर तीन नंबर कॉलोनी, शिमलाबहाल, गोपालीचक, बाउरी बस्ती, रेल कॉलोनी, पासी धौड़ा, वेस्ट साइड ऑफ एनएच, दो नंबर इंकलाइन, हितवाल कॉलोनी, ईस्ट आफ हिन्दी भवन, खैरा पिट आदि शामिल हैं। कतरास एरिया : तेतुलमारी, कतरास, चैतुडीह। सिजुआ एरिया : बांसजोड़ा बस्ती मोदीडीह, तेतुलमारी गांव, सेंद्रबांस जोड़ 13 नंबर व 11 नबंर कॉलोनी, बासुदेवपुर आठ नंबर धौड़ा, सेंद्रा सात नंबर पिट, कनकनी जोगता अपर। बस्ताकोला एरिया : बफर धौड़ा गोदुडीह, ऐना इस्लामपुर, पवन बस्ती राजापुर, राजवार बस्ती राजापुर, न्यू वाटर बोर्ड कॉलोनी राजापुर, कुकुरतोपा, राजापुर कॉलोनी, फतेहपुर बस्ती राजापुर, माल्हापट्टी गोंदुडीह। लोदना एरिया : रोड साइड दुर्गापुर, पांडेयवर, बालू गादा, इंदिरा चौक, लिलोरी पथरा, चलचली व कुजामा। बरोरा एरिया : सेंट्रल केंदुआडीह, बरावाबेड़ा। ब्लॉक टू एरिया : सिंडपोकी, केशरगढ़ा, नंदखरकी खोखीबिघाह। गोविंदपुर एरिया : साउथ गोविंदपुर, डायमंड तेतुरिया आदि। कुसुंडा एरिया : ऐना कॉलोनी दो नंबर, गणशाडीह, पहाड़ीबस्ती धनसार, धोबीकुल्ही। बेलगड़िया टाउनशिप के लिए करोड़ों की योजनाएं - सामुदायिक केंद्र का निर्माण 0.48 करोड़ से होगा, काम शुरू - शॉपिंग सेंटर का निर्माण 1.32 करोड़ से होगा, काम शुरू - बेलगड़िया फोर-फेज में विकास कार्य 14.77 करोड़ से होगा, काम शुरू - मौजूदा मिनी स्वास्थ्य केंद्र का जीर्णोद्धार 0.04 करोड़ से होगा काम, कार्य प्रगति पर - प्रस्तावित झरिया विहार प्राइमरी की री-मॉडलिंग 0.22 करोड़ से होगा काम, कार्य प्रगति पर - बेलगड़िया के फेज 6, 7 और 8 का विकास कार्य 48.52 करोड़ से होगा - 50 बेड वाले अस्पताल का निर्माण 5.73 करोड़ से होगा - प्राथमिक व उच्च विद्यालय का निर्माण 2.91 करोड़ से होगा - 33,985 मकानों का निर्माण होगा, कुछ बने हैं और कुछ बनेंगे तीन साल में पहले फेज में होगी पुनर्वास की परीक्षा: केंद्र सरकार ने झरिया पुनर्वास को संशोधित मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है, लेकिन एक्सपर्ट कहते हैं कि पूर्व की पुनर्वास योजना की विफलता को देख पहले फेज में सिर्फ अतिसंवेदनशील के 15 हजार परिवारों के पुनर्वास के लिए राशि स्वीकृत की गई है। पुनर्वास के लिए जिम्मेदार जेआरडीए और बीसीसीएल की इन तीन वर्षों में परीक्षा हो जाएगी। फेज वन यदि सफल नहीं हुआ तो आगे पुनर्वास योजना प्रभावित होगी। हालांकि संशोधित मास्टर प्लान में पुनर्वास योजना की गहन मॉनिटरिंग का प्रावधान है। जगह छोड़ने के लिए विस्थापितों को ज्यादा वक्त नहीं मिलेगा। एक तरफ मुआवजे का भुगतान होगा। दूसरी तरफ घर खाली करना होगा। खाली करने के बाद तुरंत घर को ध्वस्त किया जाएगा, ताकि अवैध कब्जा नहीं हो। संशोधित मास्टर प्लान रैयतों के साथ न्याय नहीं : राजीव शर्मा संशोधित मास्टर प्लान की स्वीकृति के बाद झरिया कोल फील्ड बचाओ समिति ने प्रतिक्रिया में कहा कि झरिया कोलफील्ड के रैयत और गैर-रैयतों के साथ न्याय नहीं हुआ है। समिति के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि पूर्व संशोधित मास्टर प्लान में पांच लाख प्लस तीन लाख क्रेडिट लाइन प्लस 50 हजार शिफ्टिंग और दो वर्ष के भाड़े भत्ते का उल्लेख था, झरिया कोलफील्ड बचाओ समिति ने प्रधानमंत्री कार्यालय को गैर-रैयतों के लिए 20 लाख तक के लाभ जिनमें सरकारी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना सहित भूमिहीनों और कमजोर वर्ग के लिए चलाई जा रही योजनाओं के साथ कुल 20 लाख का लाभ देने का आग्रह किया था। रैयतों के लिए भूमि अधिग्रहण व पुनर्वास 2013 के अंतर्गत मकान के मूल्य के साथ उक्त सुविधाएं देने का आग्रह किया था, लेकिन इस 5940 करोड़ के नए मास्टर प्लान में सिर्फ एक लाख प्लस तीन लाख की क्रेडिट लाइन का उल्लेख है। झरिया मास्टर प्लान 2025 झरिया के साथ धोखा : राजकुमार अग्रवाल झरिया की जनता को एक बार फिर विकास योजनाओं के झूठे जाल में फंसाया जा रहा है। 25 जून-2025 को केंद्र सरकार द्वारा घोषित 5,940 करोड़ का संशोधित झरिया मास्टर प्लान दिखावटी और दिशाहीन है। यह न तो झरिया की जमीनी हकीकत को स्वीकार करता है और न ही वर्षों से पीड़ित लोगों को वास्तविक राहत देता है। 2009 में भी ऐसी ही योजना बनाई गई थी। उक्त बातें कोयलांचल नागरिक मंच के अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल ने कहीं। उन्होंने कहा कि कोयलांचल नागरिक मंच की स्पष्ट मांग है कि झरिया मास्टर प्लान 2025 की पूरी विस्तृत योजना सार्वजनिक की जाए। पुनर्वास की निर्धारित समय सीमा, स्थायी निगरानी तंत्र और जवाबदेही की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सभी प्रभावित परिवारों को सुरक्षित और सुविधायुक्त आवास, स्थायी रोजगार और स्वास्थ्य सेवाएं तुरंत उपलब्ध कराई जाएं। अगर सरकार ने इस बार भी झरिया को ठगा तो जनता सड़कों पर उतरने को बाध्य होगी। संशोधित मास्टर प्लान से झरिया एक नई विकास गाथा लिखेगी: रागिनी सिंह झरिया विधायक रागिनी सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने झरिया संशोधित मास्टर प्लान को मंजूरी देते हुए झरिया को 5940 करोड़ रुपए की सौगात दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में उसे मंजूरी दी गई है। संशोधित मास्टर प्लान में अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वासित किए जा रहे परिवारों के आजीविका सृजन पर जोर दिया गया है। इसके तहत कौशल विकास योजना कार्यक्रम चलाए जाएंगे। झरिया विधायक ने खुशी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि कैबिनेट के फैसले से झरिया की सूरत बदल जाएगी। झरिया एक नई विकास गाथा लिखेगी। संशोधित मास्टर प्लान केवल आईवॉश : शिवबालक पासवान झरिया कोल फील्ड बचाओ समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शिव बालक पासवान ने कहा कि झरिया मास्टर प्लान में पुनर्वासित होने वाले परिवारों की आजीविका के लिए 5940 करोड़ रुपए के संशोधित मास्टर प्लान को मंजूरी दी गई है। झरिया कोल फील्ड में भूमिगत आग से निपटने के साथ रैयतों के सवालों को भी जोड़ना चाहिए था। रैयतों की जमीन पर ओबी गिराया गया है। इस हालत में यह मंजूरी मात्र एक दिखावा है। शिव बालक पासवान ने आगे कहा कि बीसीसीएल प्रबंधन ने अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को कर्माटांड़ में बसाया है। इन लोगों को भी झरिया मास्टर प्लान में शामिल करना होगा। लाखों लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है: पिनाकी राय समाजसेवी पिनाकी राय ने कहा कि वास्तव में लाखों लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। जो पिछले कई दशक से फायर जोन में रह रहे हैं। उम्मीद है कि इस फंड का इस्तेमाल सीधे जरूरतमंद लोगों के विकास के लिए किया जाएगा। डीएमएफटी फंड की तरह डायवर्ट नहीं किया जाएगा। उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में झरिया लोगों के लिए प्रदूषण मुक्त और गरीबी मुक्त बनेगी।
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