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पीएसयू बनाम प्राइवेट कोयला कंपनियों में प्रतियोगिता की जमीन तैयार

धनबाद में 200वीं कोल ब्लॉक की नीलामी पूरी हुई। ज्यादातर कोल ब्लॉक प्राइवेट कंपनियों को आवंटित किए गए हैं। इस से कोल इंडिया और अन्य सरकारी कंपनियों को चुनौती मिलेगी। कोयला मंत्रालय ने इसे ऐतिहासिक...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादMon, 23 June 2025 02:03 AM
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पीएसयू बनाम प्राइवेट कोयला कंपनियों में प्रतियोगिता की जमीन तैयार

धनबाद, विशेष संवाददाता इसी सप्ताह 200वीं कोल ब्लॉक की नीलामी सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है। वाणिज्यिक (कॉमर्शियल) खनन के लिए ज्यादातर कोल ब्लॉक प्राइवेट कंपनियों को आवंटित किया गया है। वहीं कोल इंडिया के पास लगभग 322 कोयला खदानें हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि इतनी बड़ी संख्या में प्राइवेट कंपनियों को कोल ब्लॉक आवंटित किया जाना सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियों (कोल इंडिया एवं अनुषंगी) के लिए बड़ी चुनौती है। आवंटित कोल ब्लॉक ऑपरेशनल होने के बाद प्राइवेट बनाम पीएसयू के बीच कड़ी प्रतियोगिता देखने को मिलेगी। 200वीं कोल ब्लॉक आवंटित होने के बाद कोयला मंत्रालय की ओर से इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार देते हुए कहा गया कि भारत के कोयला क्षेत्र को बदलने के लिए यह अथक प्रयास है।

क्षेत्रीय सुधारों को आगे बढ़ाने, निजी भागीदारी को बढ़ावा देने और कोयला उत्पादन में राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। इस उपलब्धि के साथ मंत्रालय अधिक लचीले, पारदर्शी और भविष्य के लिए तैयार कोयला पारिस्थितिकी तंत्र का मार्ग प्रशस्त करना जारी रखता है। निजी कंपनियों के कोयला खनन में प्रवेश से कोयला क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे उत्पादन और दक्षता में सुधार होगा। हालांकि इससे कोल इंडिया लिमिटेड एवं अनुषंगी सरकारी कंपनियों को चुनौती का सामना करना पड़ेगा। कोयला क्षेत्र में निजी कंपनियों के प्रवेश से पीएसयू को कई मोर्चे पर प्रतियोगिता का सामना करना पड़ेगा। कोयले की कीमत पर कोल इंडिया का एकाधिकार नहीं रहेगा। निजी कंपनियों को कोल ब्लॉक का आवंटन कोयला बेचने के लिए दिया गया है। इससे पीएसयू को भी अपने ग्राहकों को साथ जोड़े रखने की चुनौती होगी। कई फायदे भी - कोयला उत्पादन और दक्षता में सुधार होगा। - कोयला उत्पादन में वृद्धि, आयात में कमी होगी। - प्रतिस्पर्धा के कारण कीमतों में भी कमी आएगी। - कोयला खनन में निजी कंपनियों के निवेश से रोजगार सृजन। - कोयला खदानों की नीलामी से राज्य सरकारों को राजस्व लाभ।

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