जून-2026 तक बनकर तैयार होगा आईआईटी का शताब्दी भवन
आईआईटी आईएसएम धनबाद का शताब्दी भवन जून-2026 तक बनकर तैयार होगा। यह भवन ऑडिटोरियम और शैक्षणिक सेक्शन के साथ आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में इसकी स्वीकृति दी गई है। साथ ही,...

धनबाद, मुख्य संवाददाता। आईआईटी आईएसएम धनबाद का शताब्दी भवन जून-2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा। यह भवन आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। यह निर्णय दिल्ली में बुधवार को आईआईटी धनबाद के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) की बैठक में लिया गया। नौ दिसंबर-1926 को स्थापित तत्कालीन इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (वर्तमान में आईआईटी आईएसएम धनबाद) का 100 वर्ष पूरा हो रहा है। इस मौके पर शताब्दी भवन बनाया रहा है। सेंचुरी बिल्डिंग दो पार्ट में होगा। पहले पार्ट में ऑडिटोरियम व दूसरे पार्ट में एकेडमिक सेक्शन होगा। आईआईटी धनबाद ने शताब्दी वर्ष की तैयारी शुरू कर दी है। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि वर्ष 2026 में आईआईटी आईएसएम धनबाद में होने वाले इंटर आईआईटी स्पोर्ट्स के लिए आईआईटी धनबाद में आधारभूत सुविधाएं तैयार कर लिया जाए।
अपर ग्राउंड में आधारभूत सुविधाएं बढ़ोतरी के संबंध में काम चल रहा है। वहीं आईआईटी धनबाद का मेन गेट का काम इसी साल पूरा करने का निर्देश बीओजी ने दिया। बीओजी ने वर्ष 2025 बैच के 1900 छात्र-छात्राओं को डिग्री अवार्ड करने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी है। बैठक में अन्य प्रस्ताव को भी पारित कर दिया गया। आईआईटी में व्याख्यान का आयोजन: आईआईटी आईएसएम धनबाद में आयोजित व्याख्यान को यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास, ऑस्टिन यूएसए के प्रो. मृणाल के सेन ने संबोधित किया। उन्होंने बताया कि कैसे सक्रिय और निष्क्रिय दोनों स्रोतों से भूकंपीय डेटा का उपयोग कई डोमेन में उपसतह संरचनाओं की इमेजिंग के लिए बड़े पैमाने पर किया गया है। प्रो. सेन ने एफडब्ल्यूआई में मूलभूत सिद्धांतों, वर्तमान सीमाओं और हाल की प्रगति पर प्रकाश डाला। अनुप्रयुक्त भूभौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. संजीत कुमार पाल समेत अन्य ने संबोधित किया। जीवन शैली में सुधार करें : डॉ तोमर आईआईटी धनबाद में आरोग्य भारती धनबाद की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता आरोग्य भारती के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रो.जी एस तोमर ने कहा कि चिकित्सा वैज्ञानिकों के अनुसार 75 प्रतिशत से अधिक जीवनशैली जन्य रोगों को जीवनशैली को सुधार कर रोका जा सकता है। डायबिटीज, हाइपरटेंशन, अर्थराइटिस, अस्थमा, कैंसर, आईबीएस समेत अन्य जीवनशैली का ही परिणाम है। मौके पर आरोग्य भारती झारखंड के सह सचिव जयप्रकाश नारायण सिंह, डॉ विकास रमन, अरुण राय,ममता सिंह, पीएन सिंह, डीएस चौबे, यतीन्द्र नाथ ठाकुर, अजय सिन्हा, विकास ओझा, अविनाश कुमार, सुषमा प्रसाद, मधु सिन्हा, रमा सिन्हा मौजूद रहीं।
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